ETV Bharat / bharat

Lal Bahadur Shastri Jayanti: काशी के नन्हे कैसे बने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, जानिए

आज भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Lal Bahadur Shastri Jayanti) है. चलिए जानते हैं काशी ( Kashi) से उनके जुड़ावे के बारे में.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2023, 11:21 AM IST

काशी से लाल बहादुर शास्त्री का रहा है गहरा नाता.

वाराणसीः लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Lal Bahadur Shastri Jayanti) पर हम आपको बताने जा रहे हैं काशी से उनके जुड़ाव के बारे में. आपको बताएंगे कि काशी के नन्हे कैसे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री (Prime Minister of India) बने.

Etv bharat
वाराणसी के रामनगर में हुआ था शास्त्रीजी का जन्म.

बीएचूय के प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा ने बताया कि 2 अक्टूबर 1904 में लाल बहादुर शास्त्री का जन्म वाराणसी के रामनगर कस्बे में हुआ था. लाल बहादुर शास्त्री के बचपन का नाम नन्हे था. उनके पिता मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव अध्यापक थे और माता का नाम रामदुलारी था. 1927 में 23 वर्ष की आयु में उनका विवाह ललिता शास्त्री से हुआ था. देश के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री ने 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक लगभग 18 महीने तक देश सेवा की.

Etv bharat
शास्त्रीजी इसी चारपाई पर करते थे विश्राम.
प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा बताते हैं कि शास्त्रीजी को काशी के लोग नन्हे के नाम से जानते हैं. यही वजह है कि उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल में भी जब बड़े बुजुर्ग मिलते थे तो उन्हें नन्हे के नाम से ही बुलाते थे. इस बात को लेकर हमेशा शास्त्री जी खुश रहते थे कि काशी की जनता प्रधानमंत्री बनने पर भी उन्हें नन्हे के नाम से पुकार रही है.
Etv bharat
काशी में शास्त्रीजी इसी आवास में रहते थे.

बनारस से लगभग 7 किलोमीटर दूर रामनगर में लाल बहादुर शास्त्री रहते थे. बाढ़ के दिनों में जब पीपा का पुल टूट जाता था तब वह तैरकर काशी विद्यापीठ पढ़ने आते थे. प्रधानमंत्री होने से पहले वह उत्तर प्रदेश सरकार में लाल बहादुर शास्त्री परिवहन और पुलिस मंत्री हुआ करते थे. उसे दौरान एक बार अपनी मांग को लेकर जनता प्रदर्शन कर रही थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने लाठीचार्ज की बात कही तो शास्त्री जी ने इसकी जानकारी की और पहली बार लोगों पर पानी का छिड़काव कर भीड़ को हटवाया. उनका कहना था कि हम अपने लोगों पर लाठी नहीं चला सकते बल्कि उन्हें प्यार से समझा सकते हैं.

Etv bharat
शास्त्रीजी के परिवार की फाइल फोटो.

बनारस शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दर रामनगर में लाल बहादुर शास्त्री का पैतृक आवास है. उसे अब लाल बहादुर शास्त्री संग्रहालय बना दिया गया है. यहां पर लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ीं बहुत सी तस्वीरें हैं. उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल की फोटो है जिसे फोटो गैलरी बनाया गया है. उसके साथ ही उनकी बहुत सी वस्तुएं यहां पर संजा कर रखी गई है. उनका एक सूटकेस है जिसे वह लेकर हमेशा चला करते थे. आवास को इस तरह सजाया गया है जैसे लाल बहादुर शास्त्री के समय रहता था. इसमें शास्त्री जी का एक मिट्टी का रूम भी शामिल है.

Etv bharat
काशी स्थित शास्त्री संग्रहालय.

यहां के केयरटेकर महेंद्र नाथ लाल ने बताया कि यह लाल बहादुर शास्त्री का पैतृक आवास है. यहां पर उनके पिता और माता जी रहते थे. यहां पर फोटो गैलरी, लाल बहादुर शास्त्री की कच्ची रसोई, ललिता शास्त्री का कमरा, लाल बहादुर शास्त्री का बेडरूम उनकी सीट आदि हैं. उनका सूटकेस भी मौजूद है जिसमें वह दो धोती और कुर्ता ले जाया करते थे.

ये भी पढेंः काशी के इस मंदिर का खुद उद्घाटन करने पहुंचे थे महात्मा गांधी, इसीलिए है खास

ये भी पढ़ेंः Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी को Kashi से था खास लगाव, मालवीयजी को दी थी BHU स्थापना की प्रेरणा

काशी से लाल बहादुर शास्त्री का रहा है गहरा नाता.

वाराणसीः लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Lal Bahadur Shastri Jayanti) पर हम आपको बताने जा रहे हैं काशी से उनके जुड़ाव के बारे में. आपको बताएंगे कि काशी के नन्हे कैसे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री (Prime Minister of India) बने.

Etv bharat
वाराणसी के रामनगर में हुआ था शास्त्रीजी का जन्म.

बीएचूय के प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा ने बताया कि 2 अक्टूबर 1904 में लाल बहादुर शास्त्री का जन्म वाराणसी के रामनगर कस्बे में हुआ था. लाल बहादुर शास्त्री के बचपन का नाम नन्हे था. उनके पिता मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव अध्यापक थे और माता का नाम रामदुलारी था. 1927 में 23 वर्ष की आयु में उनका विवाह ललिता शास्त्री से हुआ था. देश के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री ने 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक लगभग 18 महीने तक देश सेवा की.

Etv bharat
शास्त्रीजी इसी चारपाई पर करते थे विश्राम.
प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा बताते हैं कि शास्त्रीजी को काशी के लोग नन्हे के नाम से जानते हैं. यही वजह है कि उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल में भी जब बड़े बुजुर्ग मिलते थे तो उन्हें नन्हे के नाम से ही बुलाते थे. इस बात को लेकर हमेशा शास्त्री जी खुश रहते थे कि काशी की जनता प्रधानमंत्री बनने पर भी उन्हें नन्हे के नाम से पुकार रही है.
Etv bharat
काशी में शास्त्रीजी इसी आवास में रहते थे.

बनारस से लगभग 7 किलोमीटर दूर रामनगर में लाल बहादुर शास्त्री रहते थे. बाढ़ के दिनों में जब पीपा का पुल टूट जाता था तब वह तैरकर काशी विद्यापीठ पढ़ने आते थे. प्रधानमंत्री होने से पहले वह उत्तर प्रदेश सरकार में लाल बहादुर शास्त्री परिवहन और पुलिस मंत्री हुआ करते थे. उसे दौरान एक बार अपनी मांग को लेकर जनता प्रदर्शन कर रही थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने लाठीचार्ज की बात कही तो शास्त्री जी ने इसकी जानकारी की और पहली बार लोगों पर पानी का छिड़काव कर भीड़ को हटवाया. उनका कहना था कि हम अपने लोगों पर लाठी नहीं चला सकते बल्कि उन्हें प्यार से समझा सकते हैं.

Etv bharat
शास्त्रीजी के परिवार की फाइल फोटो.

बनारस शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दर रामनगर में लाल बहादुर शास्त्री का पैतृक आवास है. उसे अब लाल बहादुर शास्त्री संग्रहालय बना दिया गया है. यहां पर लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ीं बहुत सी तस्वीरें हैं. उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल की फोटो है जिसे फोटो गैलरी बनाया गया है. उसके साथ ही उनकी बहुत सी वस्तुएं यहां पर संजा कर रखी गई है. उनका एक सूटकेस है जिसे वह लेकर हमेशा चला करते थे. आवास को इस तरह सजाया गया है जैसे लाल बहादुर शास्त्री के समय रहता था. इसमें शास्त्री जी का एक मिट्टी का रूम भी शामिल है.

Etv bharat
काशी स्थित शास्त्री संग्रहालय.

यहां के केयरटेकर महेंद्र नाथ लाल ने बताया कि यह लाल बहादुर शास्त्री का पैतृक आवास है. यहां पर उनके पिता और माता जी रहते थे. यहां पर फोटो गैलरी, लाल बहादुर शास्त्री की कच्ची रसोई, ललिता शास्त्री का कमरा, लाल बहादुर शास्त्री का बेडरूम उनकी सीट आदि हैं. उनका सूटकेस भी मौजूद है जिसमें वह दो धोती और कुर्ता ले जाया करते थे.

ये भी पढेंः काशी के इस मंदिर का खुद उद्घाटन करने पहुंचे थे महात्मा गांधी, इसीलिए है खास

ये भी पढ़ेंः Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी को Kashi से था खास लगाव, मालवीयजी को दी थी BHU स्थापना की प्रेरणा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.