उत्तराखंड: उत्तराखंड के दो भाई लक्ष्य सेन और चिराग सेन भारतीय बैडमिंटन टीम में एक साथ खेलते हुए नजर आएंगे. बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने चयन समिति ने मलेशिया में आयोजित होने वाली बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप 2024 के लिए भारत की पुरुषों और महिलाओं की टीम घोषित कर दी है. दोनों टीमें इस प्रकार हैं-
पुरुष टीम: प्रणय एचएस, लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत, चिराग सेन, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी, ध्रुव कपिला, एमआर अर्जुन, सूरज गोला, पृथ्वी के रॉय.
महिला टीम: पीवी सिंधु, अनमोल खरब, तन्वी शर्मा, अश्मिता चालिहा, ट्रीसा जॉली, गायत्री गोपीचंद, अश्विनी पोनप्पा, तनीषा क्रैस्टो, प्रिया देवी कोन्जेंगबम, श्रुति मिश्रा.
लक्ष्य सेन के भाई चिराग भारतीय टीम में सलेक्ट: भारतीय पुरुष टीम में उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी चिराग सेन को स्थान मिला है. चिराग के भाई लक्ष्य सेन पहले से ही भारतीय टीम का हिस्सा हैं. दोनों भाइयों के भारतीय बैडमिंटन टीम में सलेक्ट होने से सेन परिवार के साथ ही उत्तराखंड में खुशी का माहौल है.
लक्ष्य और चिराग के माता पिता ने क्या कहा: लक्ष्य और चिराग सेन के पिता ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हम चिराग के भारतीय बैडमिंट टीम में सलेक्शन से बहुत खुश हैं. हमें उम्मीद है कि लक्ष्य सेन की तरह ही चिराग सेन भी भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मेडल जीतेंगे. वहीं लक्ष्य की मां ने ईटीवी भारत को बताया कि उनका सपना आज पूरा हुआ है. वो चाहती थीं कि उनके दोनों बेटे भारतीय बैडमिंटन टीम में एक साथ खेंले. उनके लिए नए साल में इससे बड़ी खुशी का बात और कोई नहीं हो सकती है.
लक्ष्य सेन जताई खुशी: लक्ष्य ने ईटीवी भारत से कहा कि अपने भाई चिराग सेन के भारतीय टीम में सलेक्शन से वो बहुत खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि चिराग सेन भी उनकी तरह अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करेंगे.
चिराग सेन ने ईटीवी भारत से की बात: वहीं भारतीय टीम में चयन होने पर चिराग सेन ने खुशी जताई है. चिराग सेन ने ईटीवी भारत से कहा कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा. मेरे भाई लक्ष्य सेन ने जिस तरह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश के लिए मेडल जीतें हैं, मैं उसी तरह की सफलताओं को दोहराऊंगा.
बड़े भाई को खेलते देख छोटे ने शुरू किया बैडमिंटन खेलना: डीके सेन के बड़े बेटे चिराग सेन ने पहले बैडमिंटन खेलना शुरू किया था. बड़े भाई को बैडमिंटन खेलते देख और घर में बैडमिंटन का ही माहौल देखते हुए लक्ष्य सेन का झुकाव भी बैडमिंटन की तरफ हो गया. इसके बाद लक्ष्य सेन ने भी रैकेट हाथ में ले लिया. इसके बाद लक्ष्य सेन ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि बड़े भाई को पीछे छोड़कर वो इंडियन टीम में आ गए और फिर अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स सेलिब्रिटी बन गए.
भाई से हारकर जब फूट-फूटकर रोए थे लक्ष्य: कोच डीके सेन ने अपने दोनों बेटों के लेकर ईटीवी भारत को एक रोचक किस्सा बताया. एक बार दोनों भाई अंडर-13 ऑल इंडिया सब-जूनियर रैंकिंग बॉयज डबल्स बैडमिंटन खेल रहे थे. दोनों की टीम फाइनल में पहुंच गई. फाइनल में दोनों भाइयों की टीमों का मैच हुआ. चिराग ने अपने पार्टनर के साथ फाइनल जीत लिया. हार से छोटा भाई लक्ष्य सेन इतना निराश हुआ कि वो फूट-फूटकर रोने लगा. दरअसल लक्ष्य सेन को हार कभी पसंद नहीं थी. इन दिनों अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में आप लक्ष्य सेन का यही जज्बा देख सकते हैं.
चिराग की हैं ये उपलब्धियां: चिराग सेन अभी 25 साल के हैं. पिछले कुछ सालों से चिराग घरेलू बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते आ रहे थे. चार साल पहले 2020 में चिराग सेन ने केन्या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती थी. चिराग की सफलता का सबसे बड़ा पल वो था जब दिसंबर 2023 में उन्होंने गुवाहाटी में सीनियर नेशनल चैंपियन का ताज पहना था. चिराग सेन इससे पहले 2017 और 2019 में दो बार फाइनल में पहुंचे थे, लेकन चैंपियन नहीं बन सके थे. ये मैच उनके लिए इसलिए भी यादगार रहा कि उनके भाई लक्ष्य सेन खुद उनका मैच देख रहे थे. ये भी दिलचस्प है कि लक्ष्य सेन इस प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए थे.
लक्ष्य सेन के पास उपलब्धियों का भंडार: चिराग सेन के भाई लक्ष्य सेन के पास अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उपलब्धियों का भंडार है. लक्ष्य सेन ने दो सुपर 500 खिताब जीते हैं. इंडिया ओपन और कनाडा ओपन के वो विजेता रहे हैं. 2021 विश्व चैंपियनशिप में लक्ष्य सेन ने कांस्य जीता था. ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में लक्ष्य ने रजत पदक जीता. लक्ष्य इस समय मलेशिया के कुआलालंपुर में मलेशियन ओपन बैडमिंटन प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं.
बैडमिंटन को समर्पित है सेन परिवार: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का निवासी सेन परिवार बैडमिंटन को समर्पित है. लक्ष्य और चिराग सेन के पिता डीके सेन अपने समय के शानदार बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं. डीके सेन ने अखिल भारतीय सिविल सर्विसेज टूर्नामेंट में कई पदक जीते हैं. पिता को देखते हुए उनके दोनों बेटों ने भी बैडमिंटन खेलना शुरू किया. आज दोनों बेटे देश के बड़े बैडमिंटन खिलाड़ियों में शुमार हैं.
अल्मोड़ा में SAI सेंटर स्थापित करने में निभाई भूमिका: लक्ष्य सेन और चिराग सेन के पिता डीके सेन ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी अल्मोड़ा में SAI सेंटर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसी साई सेंटर से 2023 की राष्ट्रीय चैंपियन अनुपमा उपाध्याय जैसे अनेक प्रतिभासंपन्न खिलाड़ी तैयार हुए हैं.
उत्तराखण्ड बैडमिंटन सर्किट में खुशी की लहर: उत्तराखंड के दो भाइयों चिराग सेन और लक्ष्य सेन ने एक साथ एशियन सीनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारतीय टीम में स्थान बनाकर इतिहास रच दिया है. दोनों भाई चिराग और लक्ष्य सेन 13 से 18 फरवरी तक शाह आलम, मलेशिया में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे. उत्तरांचल राज्य बैडमिंटन संघ पैटरन अशोक कुमार पूर्व डीजीपी सहित समस्त उत्तराखंड बैडमिंटन परिवार ने दोनों भाइयों चिराग और लक्ष्य सेन के साथ उनके पिता और कोच डीके सेन तथा प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन एकेडमी को बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की हैं. उत्तरांचल स्टेट बैडमिटन संघ के सचिव बीएस मनकोटी ने दोनों भाइयों के भारतीय बैडमिंटन टीम में चयन पर खुशी जताते हुए शुभकामनाएं दी हैं.
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