श्योपुर। देश में 70 साल बाद मध्य प्रदेश के कूनो अभ्यारण चीतों की रफ्तार दिन-ब-दिन तेज होती जा रही है. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से आये यह चीते कूनो अभ्यारण के जंगलों में पूरी तरह ढल चुके हैं. अब सबसे खास बात यह है कि इन चीतों के स्वास्थ्य के लिए ऐसा मल्टी स्पेशलिटी वेटरनरी अस्पताल तैयार हो रहा है. जिसमें चीतों के स्वास्थ्य की पूरी तरह निगरानी रखी जायेगी. मतलब उनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाएगा. बताया जा रहा है यह वन्य प्राणियों के लिए मल्टी सुपर स्पेशलिटी वेटरनरी हॉस्पिटल प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में पहला होगा.
मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल का होगा निर्माण: मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो अभ्यारण में नाबिमिया और साउथ अफ्रीका से आये चीतों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. यह चीते अब पूरी तरह कूनो अभ्यारण के जंगलों में ढल चुके हैं, लेकिन अब सबसे बड़ी चिंता इनके स्वास्थ्य को लेकर है. इसलिए इन चीतों के लिए अलग से एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है. यह मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल पूरी तरह सर्व सुविधा युक्त होगा. इसमें चीतों के इलाज के लिए अत्याधुनिक आईसीयू और अलग-अलग प्रकार के मेडिकल उपकरण उपलब्ध होंगे. साथ ही यहां पर विशेष डॉक्टरों की टीम 24 घंटे तैनात रहेगी. अगर कोई वन्य प्राणी को किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तो उसका तत्काल बेहतर इलाज किया जाएगा.
चीतों के अलावा दूसरे वन्य प्राणी का भी होगा इलाज: यह मल्टी स्पेशलिटी वेटरनरी अस्पताल एक एकड़ में तैयार होगा और इसकी कीमत लगभग एक करोड़ 70 लाख रुपए बताई जा रही है. साल 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा. इसके साथ ही खास बात यह है कि इसका डिजाइन तैयार करने वाले विदेशी विशेषज्ञ इस पर पूरी तरह निगरानी रखेगी, ताकि लापरवाही की कोई गुंजाइश न रहे और किसी प्रकार की कोई गलती ना हो. वहीं उन्होंने बताया है कि यह मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल कूनो अभ्यारण में ही तैयार किया जाएगा. अगर किसी भी वन्य प्राणी को कोई परेशानी होती है तो उसे तत्काल भर्ती कराया जा सके.
सुविधाओं से लैस होगा अस्पताल: कूनो अभ्यारण के वी के वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया है कि अस्पताल के निर्माण कार्य के दौरान विशेष निगरानी रखी जाएगी, ताकि किसी प्रकार की कोई लापरवाही ना हो. इसके साथ ही वर्मा का कहना है कि अस्पताल के लिए टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत की जा चुकी है और लुकआउट भी जारी कर दिया गया है. टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य का काम शुरू होगा. डीएफओ वर्मा ने बताया है कि चीतों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया जा सके, इसके लिए इस अस्पताल में अत्याधिक ऑपरेशन थिएटर तैयार होगा. जिसमें आधुनिक मशीनें होगी, ताकि बारीक से बारीक कीटाणु और अन्य किसी भी प्रकार की बीमारी का पता जांच के माध्यम से लगाया जा सके.
पालपुर के जानवरों का भी होगा इलाज: कूनो अभ्यारण तैयार किए जा रहे सुपर स्पेशलिटी वेटरनरी अस्पताल में चीतों को तो विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी ही, इसके अलावा पालपुर के जानवरों को भी विशेष इलाज मिल सकेगा. इतना ही नहीं इस अस्पताल में देश के विभिन्न वन्यजीवों को गंभीर बीमारियों के दौरान विशेष इलाज की सुविधा भी दी जाएगी. यहां अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से जंगली जानवरों में होने वाली बीमारियों का भी पता लगाया जा सकेगा और उन्हें समय पर इलाज भी दिया जा सकेगा. इस अस्पताल में प्रदेश में विलुप्त होती जा रही वन्यजीवों की प्रजातियों को भी ध्यान में रखकर और में होने वाली परेशानियों का इलाज किया जाएगा, ताकि वन्य प्राणियों की विभिन्न संस्थाओं को बचाया जा सके.
|
देश की धरती पर 70 साल बाद आए चीते: गौरतलब है कि देश में लगभग 70 साल बाद भारत की जमीन पर चीतों की रफ्तार देखने मिल रही है. खास बात यह है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश के कूनो अभ्यारण में नामीबिया से लाकर जो चीते छोड़े गये थे. वह अब जंगल में रफ्तार पकड़ रहे हैं. साउथ अफ्रीका से भी आए चीतों का भी यही हाल है. सबसे सुखद बात यह है कि अभी हाल में ही मादा चीता ने चार नन्हें शावकों को जन्म भी दिया है. वह भी अब पूरी तरह स्वस्थ है, लेकिन भविष्य में इनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल का तैयार होना काफी महत्वपूर्ण है, ताकि अगर इनके पास कोई समस्या या किसी प्रकार की बीमारी आती है तो उसका निदान तत्काल किया जा सके.