हैदराबाद : तेलंगाना इकाई के कांग्रेस अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी (Telangana unit Congress chief A. Revanth Reddy) ने रविवार को आरोप लगाया कि राज्य के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के.टी. रामाराव (KT Rama Rao) के पर्सनल अस्सिटेंट ने पेपर लीक मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पेपर लीक ने तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) को हिला कर रख दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केटीआर के पीए तिरुपति के टीएसपीएससी के अनुबंध कर्मचारी और मामले में नंबर दो आरोपी राजशेखर रेड्डी के साथ संबंध हैं.
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ने दावा किया कि पेपर लीक केटीआर के कार्यालय से हुआ. उन्होंने कहा कि मंत्री ने तिरुपति की सिफारिश पर राजशेखर रेड्डी को टीएसपीएससी में नौकरी दी. रेवंत रेड्डी, जो इस समय 'हाथ से हाथ जोड़ो पदयात्रा' पर हैं, पेपर लीक होने को लेकर कामारेड्डी जिले में धरने पर बैठे. उन्होंने मांग की, कि राज्य सरकार को तुरंत उच्च न्यायालय के एक सिटिंग जज द्वारा जांच का आदेश देना चाहिए. उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह पेपर लीक के मुद्दे को उच्च न्यायालय में ले जाएंगे. यह कहते हुए कि टीएसपीएससी कर्मचारी टीएसपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भाग लेने के लिए अयोग्य हैं, उन्होंने हैरानी जताते हुए सवाल किया कि 20 कर्मचारी परीक्षा में कैसे उपस्थित हुए.
आयोग के एक कर्मचारी प्रवीण कुमार ने ग्रुप-1 प्रीलिम्स में भाग लिया था. उसने 103 अंक हासिल किए थे. कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले दिनों टीएसपीएससी कर्मचारी रजनीकांत को ग्रुप-1 पद के लिए चुना गया था. उन्होंने चौथी रैंक हासिल की थी. रेवंत रेड्डी ने कहा कि जांच में उन सभी को शामिल किया जाना चाहिए जिन्होंने ग्रुप-1 प्रीलिम्स में 100 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं. उन्होंने कहा कि एक मंडल के 100 अभ्यर्थियों ने 100 से अधिक अंक हासिल किए हैं.
टीपीसीसी प्रमुख ने कहा कि 2016 में ग्रुप-1 के नतीजों में गड़बड़ी हुई थी. अमेरिका से परीक्षा देने आई माधुरी ने पहली रैंक हासिल की थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि एक ही स्थान पर ग्रुप-2 की परीक्षा देने वाले 25 उम्मीदवारों ने नौकरी हासिल की. टीएसपीएससी ने विभिन्न इंजीनियरिंग विभागों में असिस्टेंट इंजीनियर, नगरपालिका सहायक अभियंता, तकनीकी अधिकारी और जूनियर तकनीकी अधिकारी की 833 रिक्तियों के लिए 5 मार्च को परीक्षा आयोजित की थी. कुल 55,000 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी.
हालांकि, आयोग को प्रश्नपत्र के लीक होने का संदेह था और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. 13 मार्च को पुलिस ने टीएसपीएससी के दो कर्मचारियों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी और इस महीने के अंत में होने वाली अन्य परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया. आरोपी ने कुछ अन्य परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक किए होंगे, आयोग ने शुक्रवार को ग्रुप-1 प्रीलिम्स सहित तीन अन्य परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया. 16 अक्टूबर, 2022 को आयोजित ग्रुप- 1 परीक्षा में ग्रुप-1 पदों के लगभग 2.86 लाख उम्मीदवार उपस्थित हुए थे.
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(आईएएनएस)