श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के डालगेट इलाके में आतंकवादियों द्वारा प्रसिद्ध भोजनालय कृष्ण ढाबा के मालिक ने बेटे को मार दिए जाने के दो महीने बाद कृष्ण ढाबा में मंगलवार को अपना काम फिर से शुरू कर दिया.
ईटीवी भारत से बात करते हुए कृष्ण ढाबा के मालिक रमेश कुमार ने कहा कि उनका बेटा मरने के नहीं लौटेगा और उन्हें अपने हत्यारों से कोई नफरत नहीं है. मेरा बेटा नहीं लौटेगा, जिन लोगों ने उसे मारा है, वे भी किसी के बच्चे हैं. मुझे उनसे नफरत नहीं है और न ही उन्हें श्राप देना है.
मूल रूप से जम्मू क्षेत्र के रहने वाले कुमार कहते हैं कि वे दशकों से ढाबा चला रहे हैं और जम्मू-कश्मीर के अधिवासी हैं.
बता दें कि उनके बेटे आकाश कुमार मेहरा को आतंकवादियों ने इसी साल 17 फरवरी को उस दिन मार डाला था, जब विदेशी दूत दो दिनों का दौरा करके घाटी से लौटे थे.
आतंकी संगठन मुस्लिम जाबांज फोर्स ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि उसने जम्मू-कश्मीर में गैर-राज्य होने और अधिवास प्रमाण पत्र हासिल करने के कारण मेहरा की हत्या की थी.
इससे पहले पिछले साल श्रीनगर के हरि सिंह हाई स्ट्रीट में आतंकियों द्वारा सतपाल निश्चल नामक एक सुनार को मार डाला गया था.
उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के बाद भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य के अधिवास कानूनों को समाप्त कर दिया और जिसके तहत भारत का कोई भी निवासी कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद अब जम्मू कश्मीर अधिवास बन सकता है.
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मेहरा की हत्या के दो दिन बाद कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि ढाबा पर हमले करने वाली तीन आतंकियों पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
मेहरा ने कहा कि मैं दशकों से श्रीनगर में रह रहा हूं और काम कर रहा हूं और भविष्य में भी बिना किसी डर के काम करूंगा. मेरे बेटे की हत्या के बाद कई कश्मीरियों ने मेरे साथ सहानुभूति और एकजुटता व्यक्त की.