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फर्जी कोविड वैक्सीन कैंप मामले में 3 और गिरफ्तार

खुद को आईएएस अधिकारी बताकर कसबा इलाके में कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित (covid 19 vaccination) करने के आरोप में देबांजन देब बुधवार को गिरफ्तार किया गया. आज इस मामले में देब के तीन और सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि इस शिविर में तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती (Trinamool Congress MP Mimi Chakraborty) ने टीके की खुराक ली थी.

गिरफ्तार
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Published : Jun 26, 2021, 1:01 PM IST

कोलकाता : कोलकाता में संदिग्ध कोविड टीकाकरण शिविर (suspected covid vaccination camp) के संबंध में फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देब (Fake IAS officer Debanjan Deb) के तीन और सहयोगियों को आज (शनिवार) सुबह गिरफ्तार किया गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि कोलकाता नगर निगम (KMC) के नाम से देब के दो सहयोगियों द्वारा खोले गये बैंक खाते में उनके हस्ताक्षरकर्ता थे. देब के साथ काम करने वाला तीसरा आरोपी शिविर में काफी सक्रियता से हिस्सा ले रहा था, जहां कई लोगों को नकली टीके की खुराक दी गयी.

अधिकारी ने बताया, इनमें से एक सॉल्ट लेक का निवासी है, जबकि दूसरा बारासात का रहने वाला है. दोनों को गिरफ्तारी से पहले पूछताछ के लिए लाया गया था. उन्होंने बताया कि तीसरा व्यक्ति तालतला का रहने वाला है. शिविर के आयोजन में 'बेहद सक्रियता से' मदद करते पाये जाने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अधिकारी ने बताया कि इस बीच कसबा पुलिस थाना में देब के खिलाफ तीन और मामले दर्ज किये गए हैं.

पढ़ें- क्या कोरोना वैक्सीन के बाद पैदा नहीं कर पाएंगे बच्चे? स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया जवाब

उन्होंने बताया, एक निजी कंपनी ने 172 कर्मचारियों के टीकाकरण के लिए देब को करीब 1.2 लाख रुपये देने का दावा करते हुए कसबा पुलिस थाना में एक शिकायत दर्ज करायी है. दूसरी शिकायत एक ठेकेदार ने दर्ज करायी है, जिसने एक स्टेडियम के निर्माण को लेकर निविदा के लिए उसे 90 लाख रुपये देने का दावा किया है. उन्होंने बताया, तीसरी शिकायत एक दवा कंपनी ने दर्ज करायी है, जिसने निविदा के लिए देब को चार लाख रुपये भुगतान करने का दावा किया है.

खुद को आईएएस अधिकारी बताकर कसबा इलाके में कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने के आरोप में देब को बुधवार को गिरफ्तार किया गया. इस शिविर में तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने टीके की खुराक ली थी.

चक्रवर्ती को टीकाकरण की प्रक्रिया पर उस समय शक हुआ, जब उन्हें एसएमएस (SMS) नहीं आया, जो आम तौर पर टीके की खुराक लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के मोबाइल फोन पर आता है. इसके बाद चक्रवर्ती ने इसकी शिकायत पुलिस में की. जांच में खुलासा हुआ कि देब ने उत्तर कोलकाता के एमहर्स्ट स्ट्रीट इलाके में एक कॉलेज में ऐसा ही टीकाकरण शिविर लगाया था, जिसमें कई शिक्षकों और छात्रों ने टीके की खुराक ली थी.

(भाषा)

कोलकाता : कोलकाता में संदिग्ध कोविड टीकाकरण शिविर (suspected covid vaccination camp) के संबंध में फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देब (Fake IAS officer Debanjan Deb) के तीन और सहयोगियों को आज (शनिवार) सुबह गिरफ्तार किया गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि कोलकाता नगर निगम (KMC) के नाम से देब के दो सहयोगियों द्वारा खोले गये बैंक खाते में उनके हस्ताक्षरकर्ता थे. देब के साथ काम करने वाला तीसरा आरोपी शिविर में काफी सक्रियता से हिस्सा ले रहा था, जहां कई लोगों को नकली टीके की खुराक दी गयी.

अधिकारी ने बताया, इनमें से एक सॉल्ट लेक का निवासी है, जबकि दूसरा बारासात का रहने वाला है. दोनों को गिरफ्तारी से पहले पूछताछ के लिए लाया गया था. उन्होंने बताया कि तीसरा व्यक्ति तालतला का रहने वाला है. शिविर के आयोजन में 'बेहद सक्रियता से' मदद करते पाये जाने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अधिकारी ने बताया कि इस बीच कसबा पुलिस थाना में देब के खिलाफ तीन और मामले दर्ज किये गए हैं.

पढ़ें- क्या कोरोना वैक्सीन के बाद पैदा नहीं कर पाएंगे बच्चे? स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया जवाब

उन्होंने बताया, एक निजी कंपनी ने 172 कर्मचारियों के टीकाकरण के लिए देब को करीब 1.2 लाख रुपये देने का दावा करते हुए कसबा पुलिस थाना में एक शिकायत दर्ज करायी है. दूसरी शिकायत एक ठेकेदार ने दर्ज करायी है, जिसने एक स्टेडियम के निर्माण को लेकर निविदा के लिए उसे 90 लाख रुपये देने का दावा किया है. उन्होंने बताया, तीसरी शिकायत एक दवा कंपनी ने दर्ज करायी है, जिसने निविदा के लिए देब को चार लाख रुपये भुगतान करने का दावा किया है.

खुद को आईएएस अधिकारी बताकर कसबा इलाके में कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने के आरोप में देब को बुधवार को गिरफ्तार किया गया. इस शिविर में तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने टीके की खुराक ली थी.

चक्रवर्ती को टीकाकरण की प्रक्रिया पर उस समय शक हुआ, जब उन्हें एसएमएस (SMS) नहीं आया, जो आम तौर पर टीके की खुराक लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के मोबाइल फोन पर आता है. इसके बाद चक्रवर्ती ने इसकी शिकायत पुलिस में की. जांच में खुलासा हुआ कि देब ने उत्तर कोलकाता के एमहर्स्ट स्ट्रीट इलाके में एक कॉलेज में ऐसा ही टीकाकरण शिविर लगाया था, जिसमें कई शिक्षकों और छात्रों ने टीके की खुराक ली थी.

(भाषा)

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