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दुबई का 'दिल है हिंदुस्तानी', जहां इस बार खूब मनी दिवाली - Gulf Countries News in Hindi

दुबई में भी एक हिंदुस्तान बसता है, जो न सिर्फ देश को विदेशी मुद्रा भेजता है बल्कि हर मौकों पर दुनिया को अपनी मौजूदगी का अहसास कराता है. 4 नवंबर को घोषित तौर से मुस्लिम देश में दिवाली के त्योहार को जोश के साथ मनाया गया. करीब 10 साल पहले तक किसी मुस्लिम देश से ऐसी तस्वीरें नहीं आती थीं.

diwali in dubai
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Published : Nov 6, 2021, 8:37 PM IST

Updated : Nov 6, 2021, 10:11 PM IST

हैदराबाद : दिवाली की रात पूरी दुनिया के हिंदुओं ने त्योहार मनाया मगर दुबई से आई आतिशबाजी की तस्वीरें सबको सम्मोहित कर गईं. दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा की सजावट और आतिशबाजी का नजारा देखकर लोग दंग रह गए. वहां के रिहायशी इलाकों के सजे-धजे रास्तों ने हिंदुस्तानियों की दिवाली के जश्न को दोगुना कर दिया. जिसने भी यह तस्वीरें देखीं, उन्हें दुबई में मिनी इंडिया होने का अहसास हुआ. दुबई में चल रहे एक्सपो में लगे भारतीय पंडाल, गीत, संगीत, खाना और कार्यक्रमों के कारण इस बार की दिवाली वहां रहने भारतीयों के लिए यादगार बन गई.

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं. रिपोर्टस के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात में 34 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात की कुल आबादी का 27.49 प्रतिशत है. यहां की दस फीसद आबादी हिंदू है और इनकी तादाद करीब 9 लाख है. इसके अलावा सिखों की जनसंख्या भी 50 हजार अनुमानित है. इतनी बड़ी आबादी के कारण भारतीय हिंदू और सिख अपने त्योहार धूमधाम से मनाते हैं.

पिछले 40 साल में पूरी तरह बदल गई दुबई : दुबई देश का दूसरा सबसे बड़ा अमीरात है, जिसका क्षेत्रफल 4,114 वर्ग किमी है. 2021 में दुबई की अनुमानित आबादी 2,921,376 है. 1950 में दुबई की आबादी 20,000 थी. 1980 में दुबई की आबादी 2.70 लाख थी. 1980 के बाद यूएई के सुल्तान ने पेट्रोल के अलावा देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करना शुरू किया. पश्चिम एशिया के प्रवासी मजदूरों और इंजीनियरों की डिमांड बढ़ने लगी. इसका असर यह रहा कि 1995 तक दुबई की आबादी 13 लाख हो गई.

diwali in dubai
संयुक्त अरब अमीरात की सरकार साल 2021 में 15.55 बिलियन डॉलर दुबई में निवेश करेगी.

UAE में रहने वाले भारतीयों में 40 फीसद केरल के : कोरोना काल के पहले 2019 में करीब 20 लाख भारतीय संयुक्त अरब अमीरात गए. इनमें से अधिकतर लोग दुबई, आबूधाबी और शारजाह में प्रवासी बने. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई में रहने वालों भारतीयों में सबसे ज्यादा केरल से हैं. भारतीयों में 40 फ़ीसदी हिस्सा केरल का है. 12.7 फ़ीसदी के साथ पंजाब दूसरे नंबर पर है. भारतीयों की आबादी में 12.4 फ़ीसद हिस्सेदारी के साथ तमिलनाडु तीसरे नंबर और आंध्र प्रदेश (7.7 फ़ीसदी) चौथे नंबर पर है. 5.4 फ़ीसदी के साथ उत्तर प्रदेश चौथे नंबर पर है.

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संयुक्त अरब अमीरात में भारतीयों की ताताद अन्य देशों के मुकाबले अधिक है.

त्योहार पर भारत को क्यों मिस नहीं करते दुबई वाले भारतीय

  • दुबई में भारतीयों की आबादी 15 लाख के करीब है. अनुमान के अनुसार, उनमें 3 लाख हिंदू हैं.
  • वहां मंदिर तो नहीं है मगर अपने घरों में हर धर्म के लोग अपनी आस्था के अनुसार पूजा-पाठ कर सकते हैं. आबूधाबी में एक मंदिर बन रहा है, जिसकी नींव नरेंद्र मोदी ने रखी थी.
  • नवरात्रों और दशहरे जैसे त्योहार के मौके पर भारत से आयात किया गया पूजा पाठ के सामान भी वहां के मार्केट में मिल जाता है.
  • दुबई का प्रशासन भी भारतीय त्योहार दिवाली, स्वतंत्रता दिवस और रिपब्लिक डे जैसे आयोजनों को सेलिब्रेट करता है. तस्वीरों में ही सही, आप कई बार बुर्ज खलीफा को भारतीय रंगों में देख चुके होंगे.
  • दुबई, शारजाह और आबूधाबी में अंग्रेजी के अलावा हिंदी बोलने वालों की तादाद भी काफी है, जिससे भाषाई दिक्कत नहीं होती है. अबू धाबी में अरबी और अंग्रेजी के अलावा हिंदी अदालतों में इस्तेमाल होने वाली तीसरी आधिकारिक भाषा है.
  • दुबई में 50 से अधिक भारतीय रेस्तरां हैं. दुबई डिजाइन डिस्ट्रिक्ट में स्थित मोहल्ला रेस्तरां भी भारतीय व्यंजनों के लिए फेमस है.
  • बुर्ज खलीफा की तीसरी मंजिल पर स्थित रेस्तरां में इंडियन डिश पापड़ी चाट से लेकर माही अचार भी मिलते हैं.
    diwali in dubai
    दुबई की आधी आबादी भारतीय है.

नौकरी की खोज में दुबई पहुंच रहे सभी क्लास के लोग : संयुक्त अरब अमीरात भारत से 3.9 गुना अधिक महंगा है, मगर कंपनियों की ओर से मिलने वाली सहूलियतें और सैलरी आम भारतीय को दुबई बुला लेती हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले एक मज़दूर को महीने के 2000 दिरहम यानी 36,000 रुपये मिल जाते हैं. 15,000 से 20,000 रुपये घर भेज सकता है. इसी तरह एक ड्राइवर की तनख़्वाह 3,000 दिरहम यानी 54,000 रुपये थी. कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले केवल मजदूर ही नहीं बल्कि इंजीनियर भी हैं. इंजीनियर भी कम से कम 10,000 दिरहम (180,000) प्रति माह कमाते हैं. दुबई में अभी भी कंस्ट्रक्शन का काम तेज़ी से हो रहा है, इसलिए हर तरह की नौकरी वहां जनरेट हो रही हैं.

ये भी पढ़िये: कश्मीर में दुबई के निवेश से पाकिस्तान का परेशान होना तो बनता है, जानिये क्यों ?

हैदराबाद : दिवाली की रात पूरी दुनिया के हिंदुओं ने त्योहार मनाया मगर दुबई से आई आतिशबाजी की तस्वीरें सबको सम्मोहित कर गईं. दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा की सजावट और आतिशबाजी का नजारा देखकर लोग दंग रह गए. वहां के रिहायशी इलाकों के सजे-धजे रास्तों ने हिंदुस्तानियों की दिवाली के जश्न को दोगुना कर दिया. जिसने भी यह तस्वीरें देखीं, उन्हें दुबई में मिनी इंडिया होने का अहसास हुआ. दुबई में चल रहे एक्सपो में लगे भारतीय पंडाल, गीत, संगीत, खाना और कार्यक्रमों के कारण इस बार की दिवाली वहां रहने भारतीयों के लिए यादगार बन गई.

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं. रिपोर्टस के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात में 34 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात की कुल आबादी का 27.49 प्रतिशत है. यहां की दस फीसद आबादी हिंदू है और इनकी तादाद करीब 9 लाख है. इसके अलावा सिखों की जनसंख्या भी 50 हजार अनुमानित है. इतनी बड़ी आबादी के कारण भारतीय हिंदू और सिख अपने त्योहार धूमधाम से मनाते हैं.

पिछले 40 साल में पूरी तरह बदल गई दुबई : दुबई देश का दूसरा सबसे बड़ा अमीरात है, जिसका क्षेत्रफल 4,114 वर्ग किमी है. 2021 में दुबई की अनुमानित आबादी 2,921,376 है. 1950 में दुबई की आबादी 20,000 थी. 1980 में दुबई की आबादी 2.70 लाख थी. 1980 के बाद यूएई के सुल्तान ने पेट्रोल के अलावा देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करना शुरू किया. पश्चिम एशिया के प्रवासी मजदूरों और इंजीनियरों की डिमांड बढ़ने लगी. इसका असर यह रहा कि 1995 तक दुबई की आबादी 13 लाख हो गई.

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संयुक्त अरब अमीरात की सरकार साल 2021 में 15.55 बिलियन डॉलर दुबई में निवेश करेगी.

UAE में रहने वाले भारतीयों में 40 फीसद केरल के : कोरोना काल के पहले 2019 में करीब 20 लाख भारतीय संयुक्त अरब अमीरात गए. इनमें से अधिकतर लोग दुबई, आबूधाबी और शारजाह में प्रवासी बने. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई में रहने वालों भारतीयों में सबसे ज्यादा केरल से हैं. भारतीयों में 40 फ़ीसदी हिस्सा केरल का है. 12.7 फ़ीसदी के साथ पंजाब दूसरे नंबर पर है. भारतीयों की आबादी में 12.4 फ़ीसद हिस्सेदारी के साथ तमिलनाडु तीसरे नंबर और आंध्र प्रदेश (7.7 फ़ीसदी) चौथे नंबर पर है. 5.4 फ़ीसदी के साथ उत्तर प्रदेश चौथे नंबर पर है.

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संयुक्त अरब अमीरात में भारतीयों की ताताद अन्य देशों के मुकाबले अधिक है.

त्योहार पर भारत को क्यों मिस नहीं करते दुबई वाले भारतीय

  • दुबई में भारतीयों की आबादी 15 लाख के करीब है. अनुमान के अनुसार, उनमें 3 लाख हिंदू हैं.
  • वहां मंदिर तो नहीं है मगर अपने घरों में हर धर्म के लोग अपनी आस्था के अनुसार पूजा-पाठ कर सकते हैं. आबूधाबी में एक मंदिर बन रहा है, जिसकी नींव नरेंद्र मोदी ने रखी थी.
  • नवरात्रों और दशहरे जैसे त्योहार के मौके पर भारत से आयात किया गया पूजा पाठ के सामान भी वहां के मार्केट में मिल जाता है.
  • दुबई का प्रशासन भी भारतीय त्योहार दिवाली, स्वतंत्रता दिवस और रिपब्लिक डे जैसे आयोजनों को सेलिब्रेट करता है. तस्वीरों में ही सही, आप कई बार बुर्ज खलीफा को भारतीय रंगों में देख चुके होंगे.
  • दुबई, शारजाह और आबूधाबी में अंग्रेजी के अलावा हिंदी बोलने वालों की तादाद भी काफी है, जिससे भाषाई दिक्कत नहीं होती है. अबू धाबी में अरबी और अंग्रेजी के अलावा हिंदी अदालतों में इस्तेमाल होने वाली तीसरी आधिकारिक भाषा है.
  • दुबई में 50 से अधिक भारतीय रेस्तरां हैं. दुबई डिजाइन डिस्ट्रिक्ट में स्थित मोहल्ला रेस्तरां भी भारतीय व्यंजनों के लिए फेमस है.
  • बुर्ज खलीफा की तीसरी मंजिल पर स्थित रेस्तरां में इंडियन डिश पापड़ी चाट से लेकर माही अचार भी मिलते हैं.
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    दुबई की आधी आबादी भारतीय है.

नौकरी की खोज में दुबई पहुंच रहे सभी क्लास के लोग : संयुक्त अरब अमीरात भारत से 3.9 गुना अधिक महंगा है, मगर कंपनियों की ओर से मिलने वाली सहूलियतें और सैलरी आम भारतीय को दुबई बुला लेती हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले एक मज़दूर को महीने के 2000 दिरहम यानी 36,000 रुपये मिल जाते हैं. 15,000 से 20,000 रुपये घर भेज सकता है. इसी तरह एक ड्राइवर की तनख़्वाह 3,000 दिरहम यानी 54,000 रुपये थी. कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले केवल मजदूर ही नहीं बल्कि इंजीनियर भी हैं. इंजीनियर भी कम से कम 10,000 दिरहम (180,000) प्रति माह कमाते हैं. दुबई में अभी भी कंस्ट्रक्शन का काम तेज़ी से हो रहा है, इसलिए हर तरह की नौकरी वहां जनरेट हो रही हैं.

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Last Updated : Nov 6, 2021, 10:11 PM IST
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