लखनऊ: मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी सरकार लव जिहाद कानून बनाने की तैयारियां कर रही है. इसे लेकर जल्द ही योगी सरकार कोई बड़ा एलान कर सकती है. हालांकि, विपक्षी पार्टियां और कई मुस्लिम धर्मगुरु इस कानून को बनाये जाने का विरोध भी कर रहे हैं. विरोध करने वाले मुस्लिम धर्मगुरुओं में शामिल दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्ता मौलाना सुफयान निजामी का कहना है कि जिहाद को लेकर गलत बयानी की जा रही है और जिहाद के गलत शाब्दिक अर्थ निकाले जा रहे हैं. जबकि जिहाद का असल मतलब किसी नेक काम के लिए जद्दोजहद करना होता है.
क्यों मचा है लव जिहाद पर बवाल
हिंदुस्तान एक लंबे अरसे से सभी धर्मों को समेटे हुए एक फूलों के गुलदस्ते की तरह पूरी दुनिया में पहचाना जाता है. कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपनी पहचान छिपाकर और गलत तरीके से युवतियों को बहला-फुसलाकर और उनको झूठे प्यार मोहब्बत के जाल में फंसाकर उनका षड्यंत्र के तहत धर्मांतरण करा देते हैं और उनकी इज्जत से खेलने की कोशिश करते हैं. ऐसी वारदातों पर लगाम लगाने के लिए सरकार कड़ा कानून लाने का विचार कर रही है.
क्यों हो रहा लव जिहाद कानून का विरोध
देश में जब से लव जिहाद कानून बनाने पर बहस छिड़ी है, तबसे भाजपा पर यह आरोप भी लग रहे हैं कि वह किसी धर्म विशेष को लेकर यह कानून बनाना चाह रही है. देश में इन दिनों तेजी से महिलाओं के खिलाफ अत्यचार और जघन्य वारदातों के मामले सामने आए हैं. इस पर कई विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की है. विपक्षी दलों का आरोप है कि किसी कानून को बनाने से पहले महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्यचारों को रोकना जरूरी है, जो देश में पहले से कानून बने हैं, उन पर ही सरकार अमल नहीं कर पा रही है.
इस्लाम धर्म में जिहाद का मतलब
दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्ता और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी का कहना है कि जिहाद को लेकर जिस तरीके से गलत बयानों का दौर जारी है और जिस तरीके से जिहाद को पेश करने की कोशिश हो रही है, वह बिल्कुल ही गलत है. क्योंकि इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान में और इस्लामिक शरीयत में जिहाद एक ऐसा शब्द है, जिसका मतलब किसी नेक काम के लिए कोशिश करना होता है. यह नेक काम वह है जो इंसानियत को बचाने के लिए किया जाए.
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गलतफहमी दूर करने की जरूरत
मौलाना सुफियान निजामी ने बताया कि जिहाद शब्द को लेकर लोगों में जो गलतफहमी है उसको दूर करने की जरूरत है. जिहाद के मकसद का सही मायने जानने की बेहद जरूरत है, लेकिन जिहाद को लेकर जिस तरीके से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, वह इस्लाम के हिसाब से बिल्कुल गलत है. क्योंकि इस्लाम धर्म में जिहाद के मायने बुराई पर अच्छाई की जीत है. मौलाना सुफियान निजामी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो लोग जिहाद के गलत मायने निकाल रहे हैं और जिहाद को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं, उनको जिहाद के असल मायने पता करना चाहिए. ताकि किसी भी तरीके की गलत बयानी से बच सकें.