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109 साल का बिहार : जानें गौरवशाली इतिहास - बिहार का गौरवशाली इतिहास

सिपाही विद्रोह से लेकर सत्याग्रह और संपूर्ण क्रांति तक बिहार ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कभी शिक्षा के क्षेत्र में दुनियाभर में अलख जगाने वाले इसी प्रांत के वैशाली में सबसे पहले लोकतंत्र की शुरुआत हुई थी. बिहार संतों और महापुरुषों की भूमि रही है.

बिहार का गौरवशाली इतिहास
बिहार का गौरवशाली इतिहास
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Published : Mar 21, 2021, 5:53 PM IST

पटना : बिहार अपने गौरवशाली अतीत और महान संस्कृति के लिए न केवल देशभर में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी अलग पहचान रखता है. 22 मार्च 1912 को बंगाल विभाजन के फलस्वरूप बिहार राज्य अस्तित्व में आया. हालांकि रामायण, महाभारत से लेकर हर युग और हर दौर में बिहार का जिक्र मिलता है.

22 मार्च 1912 को बना बिहार
यूं तो बिहार का इतिहास चार से साढ़े चार हजार साल पुराना है, लेकिन राजनीतिक तौर पर 22 मार्च 1912 को बंगाल विभाजन के फलस्वरूप बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया. बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. 1857 के सिपाही विद्रोह में जहां बिहार के बाबू वीर कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वहीं, भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार का उल्लेखनीय योगदान रहा.

बिहार का गौरवशाली इतिहास

बिहार से अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह की शुरुआत
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने साल 1917 में बिहार के चंपारण से ही अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह की शुरुआत की थी. आपातकाल के बाद कांग्रेस के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का बिगुल बजाने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी इसी धरती के लाल थे. कभी बिहार को मगध के नाम से भी जाना जाता था. सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, विक्रमादित्य और अशोक भी बिहार से ही हैं. बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र था.

विहार से बना बिहार
बिहार शब्द (संस्कृत और पाली शब्द) विहार से बना है. बिहार बौद्ध संस्कृति का स्थान है, जिस वजह से इस राज्य का नाम पहले विहार और उससे बिहार बना. बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखंड है. 94,163 वर्ग किलोमीटर में फैले बिहार की जनसंख्या (2011 की जनगणना के अनुसार) करीब 10 करोड़ 38 लाख, 4 हजार 637 है. 9 प्रमंडल और 38 जिलों में बंटे बिहार में 101 अनुमंडल, 534 प्रखंड, 8 हजार 471 पंचायत और 45 हजार 103 गांव हैं.

शिक्षा के क्षेत्र में बिहार अव्वल
शिक्षा के क्षेत्र में बिहार कभी अव्वल माना जाता था. नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय और ओदंतपुरी विश्वविद्यालय समेत कई ऐसे शिक्षण केंद्र हुआ करते थे, जहां दुनिया के अलग-अलग देशों के छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते थे. वहीं, दुनिया में पहले सबसे लोकतंत्र की शुरुआत बिहार के वैशाली से ही हुई थी.

बिहार का गौरवशाली अतीत
दुनिया को शून्य की खोज देने वाले महान गणितज्ञ आर्यभट भी इसी बिहार से थे. वहीं, यौन संबंधों पर लिखी गई सबसे मशहूर किताब कामसूत्र को लिखने वाले लेखक वात्स्यायन भी बिहार से थे. विश्व में शांति और अहिंसा का संदेश देने वाले गौतम बुद्ध और सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह का जन्म भी बिहार में हुआ. आज भी बोधगया बौद्ध भिक्षुओं के लिए और सिखों के लिए पटना साहिब स्थित हरमिंदर तख्त गहरी आस्था का केंद्र है.

ये भी पढ़ेः बंगाल विस चुनाव : पहले चरण के 25 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज

बिहार दिवस का जश्न
बिहार दिवस हम बिहारियों को न सिर्फ जश्न मनाने का अवसर देता है, बल्कि यह भी एहसास कराता है कि हम आने वाले दिनों में भी बिहार की आन-बान और शान को उसी मजबूती के साथ बढ़ाएंगे, जिसे हमारे पुरखों ने बारीकी से सींचा है.

पटना : बिहार अपने गौरवशाली अतीत और महान संस्कृति के लिए न केवल देशभर में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी अलग पहचान रखता है. 22 मार्च 1912 को बंगाल विभाजन के फलस्वरूप बिहार राज्य अस्तित्व में आया. हालांकि रामायण, महाभारत से लेकर हर युग और हर दौर में बिहार का जिक्र मिलता है.

22 मार्च 1912 को बना बिहार
यूं तो बिहार का इतिहास चार से साढ़े चार हजार साल पुराना है, लेकिन राजनीतिक तौर पर 22 मार्च 1912 को बंगाल विभाजन के फलस्वरूप बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया. बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. 1857 के सिपाही विद्रोह में जहां बिहार के बाबू वीर कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वहीं, भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार का उल्लेखनीय योगदान रहा.

बिहार का गौरवशाली इतिहास

बिहार से अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह की शुरुआत
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने साल 1917 में बिहार के चंपारण से ही अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह की शुरुआत की थी. आपातकाल के बाद कांग्रेस के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का बिगुल बजाने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी इसी धरती के लाल थे. कभी बिहार को मगध के नाम से भी जाना जाता था. सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, विक्रमादित्य और अशोक भी बिहार से ही हैं. बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र था.

विहार से बना बिहार
बिहार शब्द (संस्कृत और पाली शब्द) विहार से बना है. बिहार बौद्ध संस्कृति का स्थान है, जिस वजह से इस राज्य का नाम पहले विहार और उससे बिहार बना. बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखंड है. 94,163 वर्ग किलोमीटर में फैले बिहार की जनसंख्या (2011 की जनगणना के अनुसार) करीब 10 करोड़ 38 लाख, 4 हजार 637 है. 9 प्रमंडल और 38 जिलों में बंटे बिहार में 101 अनुमंडल, 534 प्रखंड, 8 हजार 471 पंचायत और 45 हजार 103 गांव हैं.

शिक्षा के क्षेत्र में बिहार अव्वल
शिक्षा के क्षेत्र में बिहार कभी अव्वल माना जाता था. नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय और ओदंतपुरी विश्वविद्यालय समेत कई ऐसे शिक्षण केंद्र हुआ करते थे, जहां दुनिया के अलग-अलग देशों के छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते थे. वहीं, दुनिया में पहले सबसे लोकतंत्र की शुरुआत बिहार के वैशाली से ही हुई थी.

बिहार का गौरवशाली अतीत
दुनिया को शून्य की खोज देने वाले महान गणितज्ञ आर्यभट भी इसी बिहार से थे. वहीं, यौन संबंधों पर लिखी गई सबसे मशहूर किताब कामसूत्र को लिखने वाले लेखक वात्स्यायन भी बिहार से थे. विश्व में शांति और अहिंसा का संदेश देने वाले गौतम बुद्ध और सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह का जन्म भी बिहार में हुआ. आज भी बोधगया बौद्ध भिक्षुओं के लिए और सिखों के लिए पटना साहिब स्थित हरमिंदर तख्त गहरी आस्था का केंद्र है.

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बिहार दिवस का जश्न
बिहार दिवस हम बिहारियों को न सिर्फ जश्न मनाने का अवसर देता है, बल्कि यह भी एहसास कराता है कि हम आने वाले दिनों में भी बिहार की आन-बान और शान को उसी मजबूती के साथ बढ़ाएंगे, जिसे हमारे पुरखों ने बारीकी से सींचा है.

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