तिरुवनंतपुरम : 64 वर्षीय के. के. शैलजा ने रविवार को विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोटों के साथ जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है. उनकी जीत का मार्जिन 60,000 वोटों से ज्यादा रहा.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ वाम दलों ने सत्ता बरकरार रखने के लिए पहली सरकार बनकर इतिहास रच दिया है और केरल विधानसभा की 140 सीटों में से 100 सीटों पर आगे चल रही है.
उन्हें खुद को भाग्यशाली समझना चाहिए कि वह 2011 के विधानसभा सीपीआईएम के उम्मीदवार से हार गई थीं, जबकि उम्मीदवारों का चयन करते हुए जिन लोगों के पास लगातार दो कार्यकाल थे, उन्हें 6 अप्रैल की विधानसभा चुनाव के लिए नहीं माना जाएगा.
इस बार वह कुथुपरम्बु विधानसभा से बाहर निकलकर कन्नूर जिले से खड़ी हुई, जो उन्होंने 2016 में मतानुर निर्वाचन क्षेत्र में 12,291 मतों के अंतर से जीती थीं, उस जिले को पार्टी के सबसे सुरक्षित और मजबूत निर्वाचन क्षेत्र में से एक माना जाता है.
2016 के चुनावों में यह सीट पिनराई विजयन कैबिनेट में 2 नंबर की हैसियत रखने वाले ई.पी. जयराजन ने 43,381 मतों से जीती थी, जो कि जीत का दूसरा सबसे बड़ा अंतर है. राज्य में किसी भी सीपीआईएम उम्मीदवार के लिए ये सबसे बड़ा अंतर है.
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