चंडीगढ़: पंजाब में गुरुवार को किसानों ने अपना तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन शुरू किया और कई जगहों पर रेल की पटरियों पर बैठ गए जिससे कम से कम 91 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई. किसानों ने हालिया बाढ़ से हुए नुकसान के लिए वित्तीय पैकेज, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और व्यापक कर्ज माफी की मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, फिरोजपुर मंडल के तहत 91 ट्रेनों में से 51 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, 24 ट्रेनों को गंतव्य से पहले समाप्त किया गया, पांच ट्रेनों को प्रस्थान स्टेशन से आगे से चलाया गया, जबकि 11 ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे केंद्र के खिलाफ 30 सितंबर तक अपना आंदोलन चलाएंगे. गुरुवार को मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरन तारन, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा और अमृतसर में 17 जगहों पर किसानों ने आंदोलन किया.
ये हैं किसानों की मांगें: किसानों के आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने पहले ही कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जबकि कई ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं. किसानों की मांग है कि खेत मजदूरों का पूरा कर्ज माफ किया जाए, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए, किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले पंजाब के लोगों के परिवारों को मुआवजा और एक-एक नौकरी दी जाए. बाढ़ और बारिश से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाए. केंद्र सरकार एमएसपी पर तुरंत कानून बनाए और मनरेगा के तहत हर साल 200 दिन का रोजगार सुनिश्चित हो.
50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा: किसानों का कहना है कि बाढ़ और बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. कई किसानों की न तो गिरदावरी हुई है और न ही उन्हें अभी तक मुआवजा मिला है. जिनको यह मिला है, वे बहुत कम हैं. किसान संगठनों का कहना है कि किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 50 हजार रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए. इसके अलावा केंद्र सरकार को पंजाब को बाढ़ से हुए नुकसान के लिए 50 हजार करोड़ रुपये भी देने चाहिए.