नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की सोमवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत खत्म हो गई. बताया जा रहा है कि किसानों की MSP की मांग को लेकर एक बार फिर पेच फंसा है. दोपहर करीब साढ़े 12 बजे किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिला. इसके बाद मोर्चा ने महापंचायत को खत्म करने का ऐलान किया. अब 30 अप्रैल को SKM की महाबैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. खास बात रही कि प्रतिनिधि मंडल में राकेश टिकैत और मेधा पाटकर नहीं रहीं.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि मंत्री के साथ बात करने जो प्रतिनिधिमंडल गया था उसकी कृषि मंत्री के साथ मुलाकात हो गई है. दोनों पक्षों में करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई है. कृषि मंत्री ने मांग पत्र ले लिया है. अभी फिलहाल उन्होंने किसी बिंदु या मांग पर कोई आश्वासन नहीं दिया है. मंत्री ने कहा है कि वह इस पर विचार और अध्ययन करेंगे, उसके बाद कोई फैसला करेंगे. टिकैत ने कहा कि अब सभी किसान मोर्चा के अगले कदम तक सभी किसान एकजुट रहें और आंदोलन को मजबूत करने की रूपरेखा पर काम करें.
कृषि मंत्री के सामने किसानों ने रखी ये मांगें
- MSP गारंटी कानून
- शहीद किसानों के परिवारों का मुआवजा लंबित है, दिया जाए.
- आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस वापस लें
- अजय मिश्रा टेनी को हटाए
- विद्युत संशोधन विधेयक
इन मांगों को लेकर जुटे थे किसान
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करें. सभी फसलों पर सी2+50 प्रतिशत के फार्मूला के आधार पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाए और लागू करें.
- केंद्र सरकार एमएसपी पर गठित समिति को रद्द करें. SKM के प्रतिनिधियों को शामिल कर एमएसपी पर एक नई समिति गठित करे.
- देश के 80% से अधिक किसान कर्ज में डूबे हैं. कर्ज मुक्ति और खाद सहित लागत कीमतों में कमी करें.
- JPC में गई बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लें और कृषि के लिए मुफ्त बिजली तथा ग्रामीण परिवारों के लिए 300 यूनिट बिजली दें.
- लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्री पद से हटाए. गिरफ्तार कर जेल भेजे.
- किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी में शहीद और घायल किसानों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास के वादे को पूरा करे.
- अप्रभावी और वस्तुतः परित्यक्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रद्द कर सरकार सभी फसलों के लिए फसल बीमा और मुआवजा पैकेज लागू करे.
- सभी किसानों और खेत-मजदूरों के लिए पांच हजार रुपए प्रति माह की किसान पेंशन योजना लाए.
- किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज फर्जी मामले तुरंत वापस लिए जाएं.
- सिंघु मोर्चा पर शहीद किसानों के लिए स्मारक बनाने के लिए जमीन दिया जाए.
केंद्र सरकार कार्पोरेट समर्थकः किसान महापंचायत में भाग लेने के लिए देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों हजारों किसान रामलीला मैदान पहुंचे. SKM नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के कार्पोरेट-समर्थक विकास के कारण किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है. SKM पर गारंटी की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने महापंचायत आयोजित की है.
रात में ही पहुंच गए थे करीब एक हजार किसानः महापंचायत में भाग लेने के लिए करीब 1000 किसान रविवार रात ही रामलीला मैदान में पहुंच गए थे. ज्यादातर किसान पंजाब से आए हैं.
उम्मीद से कम आए किसानः संयुक्त किसान मोर्चा को उम्मीद थी कि इस बार की किसान महापंचायत में देश के अलग-अलग राज्यों से 50,000 से ज्यादा किसान शामिल होंगे, लेकिन कम किसान ही पहुंचे हैं. रामलीला मैदान खाली पड़ा है. इसे देखते हुए मोर्चा के नेता कह रहे हैं कि पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है. इस कारण नहीं आ पाए. महापंचायत शाम तीन बजे तक चलनी थी, लेकिन भीड़ कम देखकर जो किसान आए थे वे भी दोपहर एक बजे से ही वापस जाने लगे. ढाई बजे तक सभा तरह से समाप्त हो गई.
2,000 जवान थे तैनातः महापंचायत को लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्र्रैफिक एडवाइजरी जारी कर दी थी. साथ ही पुलिस ने सुरक्षा के लिए 2,000 से अधिक जवान तैनात किए थे.