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नये यात्रा नियमों पर बोलीं किरण मजूमदार शॉ, एयरपोर्ट पर 6 घंटे का इंतजार फिर भी संक्रमण का खतरा

कोरोना के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर जारी नई यात्रा गाइडलाइंस (New travel guidelines) पर बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ (Biocon founder Kiran Mazumdar Shaw) ने कहा कि भले ही आप कोविड पॉजिटिव न हों लेकिन आपको एयरपोर्ट पर 6 घंटे तक इंतजार (6 hours wait at airport) करना पड़ रहा है. शॉ ने यह भी कहा कि इस दौरान किसी के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है.

Kiran Mazumdar Shaw (concept photo)
किरन मजूमदार शॉ (कॉन्सेप्ट फोटो)
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Published : Dec 1, 2021, 7:59 PM IST

नई दिल्ली : बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ (Biocon founder Kiran Mazumdar Shaw) ने कोविड से जुड़े नए यात्रा नियमों के लागू होने के पहले दिन ट्वीट किया कि एयरपोर्ट पर कोविड परीक्षण के लिए 6 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है. भले ही आप संक्रमित न हों लेकिन इतनी देर तक एयरपोर्ट पर इंतजार करने से संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं.

किरण मजूमदार-शॉ ने बुधवार को कहा कि हवाईअड्डों पर आगमन के बाद घंटों इंतजार करने के कारण यात्रियों को कोविड -19 संक्रमण होने की संभावना है. मंगलवार को उन्होंने सरकारों से अनुरोध किया था कि वे नए नियमों के नाम पर हवाई अड्डों पर यात्रियों को परेशान न करें क्योंकि कुछ राज्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किए गए नियमों पर अपने नियम भी जोड़ रहे हैं जो 1 दिसंबर से प्रभावी हो गए हैं.

उन्होंने एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में कहा कि मौजूदा यात्रा प्रतिबंध पर्याप्त हैं क्योंकि पॉजिटिव परीक्षण करने वाले किसी भी व्यक्ति को क्वारंटाइन और ट्रैक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आपको उन यात्रियों को परेशान करना चाहिए जिन्होंने निगेटिव परीक्षण किया है और उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमें किसी भी लौटने वाले यात्री को बताना चाहिए कि यदि उनमें कोई लक्षण है तो उन्हें इसकी सूचना देनी चाहिए लेकिन उन्हें क्वारंटाइन करके परेशान करना सही नहीं है.

राज्यों ने भी थोपे अपने नियम

कई देशों में ओमीक्रोन वैरिएंट के तेजी से प्रसार को देखते हुए कर्नाटक राज्य के बेंगलुरू और अन्य हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को कोविड-19 का टेस्ट कराना अनिवार्य है. यहां तक ​​​​कि निगेटिव रिपोर्ट वालों को भी 7 दिनों के लिए अनिवार्य होम क्वारंटाइन में रहना होगा और 8 दिनों बाद फिर से परीक्षण कराना होगा. पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र एक कदम आगे बढ़ गया है और सभी अंतर-राज्यीय यात्रियों को आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया है.

केंद्र सरकार का यह नियम

दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में केवल जोखिम वाले देशों के यात्रियों के आगमन पर परीक्षण करने की आवश्यकता होती है. अन्य लोग घर जा सकते हैं लेकिन क्वारंटाइन में रहकर आठवें दिन फिर से परीक्षण कर सकते हैं. जहां तक ​​दूसरे देशों से आने वालों की बात है तो उन्हें दो हफ्ते तक सेल्फ मॉनिटरिंग करनी होगी. यह दिशा-निर्देश 1 दिसंबर से प्रभावी हैं. सभी यात्रियों को उड़ान भरने से पहले निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करनी होगी.

कहा कि मुझे नहीं लगता कि यात्रा प्रतिबंध वायरस को फैलने से रोकने वाले हैं. आज भले ही दक्षिण अफ्रीका ने इसकी सूचना दी हो, यह पहले से ही यूरोप में मौजूद है. इसलिए हम इस संस्करण की उत्पत्ति के बारे में नहीं जानते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम सिर्फ पागल हो रहे हैं और इस प्रकार से कठोर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें- डीजीसीए ने 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बहाल किए जाने को स्थगित किया

विदेश से बेंगलुरू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाले एक यात्री परिवार के सदस्य ने कहा कि एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति के आगमन पर आरटी-पीसीआर परीक्षण पर 3000 रुपये खर्च करना और लगभग चार घंटे की प्रतीक्षा करना बहुत अधिक है.

तीन घंटे की हवाई यात्रा के लिए उन्हें दो बार परीक्षण पर खर्च करना पड़ता है. एक बार उड़ान भरने से पहले और फिर शहर में आने पर. उन्होंने अंग्रेजी दैनिक को बताया कि यह यात्री के लिए आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से बड़ा बोझ है.

नई दिल्ली : बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ (Biocon founder Kiran Mazumdar Shaw) ने कोविड से जुड़े नए यात्रा नियमों के लागू होने के पहले दिन ट्वीट किया कि एयरपोर्ट पर कोविड परीक्षण के लिए 6 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है. भले ही आप संक्रमित न हों लेकिन इतनी देर तक एयरपोर्ट पर इंतजार करने से संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं.

किरण मजूमदार-शॉ ने बुधवार को कहा कि हवाईअड्डों पर आगमन के बाद घंटों इंतजार करने के कारण यात्रियों को कोविड -19 संक्रमण होने की संभावना है. मंगलवार को उन्होंने सरकारों से अनुरोध किया था कि वे नए नियमों के नाम पर हवाई अड्डों पर यात्रियों को परेशान न करें क्योंकि कुछ राज्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किए गए नियमों पर अपने नियम भी जोड़ रहे हैं जो 1 दिसंबर से प्रभावी हो गए हैं.

उन्होंने एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में कहा कि मौजूदा यात्रा प्रतिबंध पर्याप्त हैं क्योंकि पॉजिटिव परीक्षण करने वाले किसी भी व्यक्ति को क्वारंटाइन और ट्रैक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आपको उन यात्रियों को परेशान करना चाहिए जिन्होंने निगेटिव परीक्षण किया है और उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमें किसी भी लौटने वाले यात्री को बताना चाहिए कि यदि उनमें कोई लक्षण है तो उन्हें इसकी सूचना देनी चाहिए लेकिन उन्हें क्वारंटाइन करके परेशान करना सही नहीं है.

राज्यों ने भी थोपे अपने नियम

कई देशों में ओमीक्रोन वैरिएंट के तेजी से प्रसार को देखते हुए कर्नाटक राज्य के बेंगलुरू और अन्य हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को कोविड-19 का टेस्ट कराना अनिवार्य है. यहां तक ​​​​कि निगेटिव रिपोर्ट वालों को भी 7 दिनों के लिए अनिवार्य होम क्वारंटाइन में रहना होगा और 8 दिनों बाद फिर से परीक्षण कराना होगा. पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र एक कदम आगे बढ़ गया है और सभी अंतर-राज्यीय यात्रियों को आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया है.

केंद्र सरकार का यह नियम

दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में केवल जोखिम वाले देशों के यात्रियों के आगमन पर परीक्षण करने की आवश्यकता होती है. अन्य लोग घर जा सकते हैं लेकिन क्वारंटाइन में रहकर आठवें दिन फिर से परीक्षण कर सकते हैं. जहां तक ​​दूसरे देशों से आने वालों की बात है तो उन्हें दो हफ्ते तक सेल्फ मॉनिटरिंग करनी होगी. यह दिशा-निर्देश 1 दिसंबर से प्रभावी हैं. सभी यात्रियों को उड़ान भरने से पहले निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करनी होगी.

कहा कि मुझे नहीं लगता कि यात्रा प्रतिबंध वायरस को फैलने से रोकने वाले हैं. आज भले ही दक्षिण अफ्रीका ने इसकी सूचना दी हो, यह पहले से ही यूरोप में मौजूद है. इसलिए हम इस संस्करण की उत्पत्ति के बारे में नहीं जानते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम सिर्फ पागल हो रहे हैं और इस प्रकार से कठोर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें- डीजीसीए ने 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बहाल किए जाने को स्थगित किया

विदेश से बेंगलुरू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाले एक यात्री परिवार के सदस्य ने कहा कि एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति के आगमन पर आरटी-पीसीआर परीक्षण पर 3000 रुपये खर्च करना और लगभग चार घंटे की प्रतीक्षा करना बहुत अधिक है.

तीन घंटे की हवाई यात्रा के लिए उन्हें दो बार परीक्षण पर खर्च करना पड़ता है. एक बार उड़ान भरने से पहले और फिर शहर में आने पर. उन्होंने अंग्रेजी दैनिक को बताया कि यह यात्री के लिए आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से बड़ा बोझ है.

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