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खड़गे 28 दिसंबर को मुंबई में कांग्रेस की राष्ट्रीय भूमिका का झंडा बुलंद करेंगे

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Published : Dec 22, 2022, 3:57 PM IST

कांग्रेस 28 दिसंबर को अपना स्थापना दिवस मनाएगी. दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित होगा, लेकिन मुंबई में अलग से रैली का आयोजन हो सकता है. अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मल्लिकार्जुन खड़गे मुंबई जा सकते हैं. वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Mallikarjun Kharge
मल्लिकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली : अध्यक्ष पद संभालने के बाद पहली बार मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) सबसे पुरानी पार्टी के स्थापना दिवस 28 दिसंबर पर मुंबई में झंडा फहरा सकते हैं. ऐसी संभावना है कि वह देश को एकजुट करने और अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दे सकते हैं. कांग्रेस की मुंबई इकाई हर साल ग्वालिया टैंक (Gwalia Tank) का स्थापना दिवस मनाती रही है, जहां से 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था, लेकिन इस बार नए पार्टी प्रमुख की मेजबानी के लिए एक बड़ी रैली भी आयोजित की जा रही है.

भव्य पुरानी पार्टी की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को मुंबई में हुई थी. हालांकि दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां पार्टी की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी पार्टी नेताओं के साथ मौजूद रहेंगे. पार्टी प्रबंधकों ने उसी दिन मुंबई में अलग रैली आयोजित करने की योजना बनाई है.

पार्टी नेताओं के साथ बुधवार को व्यवस्थाओं की समीक्षा करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने ईटीवी भारत को बताया, 'पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने के बाद खड़गेजी का यह पहला मुंबई दौरा है. हम उनके भव्य स्वागत की तैयारी कर रहे हैं.' निरूपम के मुताबिक, देश को एकजुट करने की जरूरत और चीन से सीमा पर खतरे से निपटना दो ज्वलंत मुद्दे हैं. उम्मीद है कि कांग्रेस प्रमुख इस पर बात करेंगे.

यह राजनीति से ज्यादा उत्सव का माहौल होगा लेकिन खड़गेजी का अपना राजनीतिक दर्शन और शैली है. उन्होंने कहा कि 'स्वतंत्रता संग्राम में पार्टी द्वारा निभाई गई भूमिका का भी उल्लेख किया जा सकता है.'

दिलचस्प बात यह है कि खड़गे ने 26 अक्टूबर को कांग्रेस प्रमुख का पद संभालने के बाद से ही भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है.उन्होंने हैदराबाद में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में और बाद में बेंगलुरु, कलबुर्गी, शिमला और अहमदाबाद में रैलियों में पिछले 70 वर्षों में कांग्रेस के योगदान पर सवाल उठाने के लिए भगवा पार्टी पर हमला किया.

अलवर में उनकी हालिया रैली ने संसद में हंगामा खड़ा कर दिया, भाजपा ने मांग की कि खड़गे से माफी मांगें. दरअसल खड़गे ने कहा था कि 'भाजपा नेताओं के किसी कुत्ते ने भी देश के लिए अपनी जान नहीं दी, जबकि कांग्रेस के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों ने राष्ट्र के लिए अपनी जान दी.'

माफी मांगने से इनकार करने वाले खड़गे ने कहा कि उन्होंने कथित टिप्पणी भाजपा द्वारा राहुल गांधी से सीमाओं पर चीनी खतरे को उजागर करने के लिए माफी मांगने के जवाब में की थी.

दरअसल कांग्रेस चीन की स्थिति पर बहस के लिए दबाव बना रही है, लेकिन सरकार शांत है. राज्यसभा सदस्य सैयद नसीर हुसैन ने कहा, 'हम न केवल इस सत्र में बल्कि 2020 से चीन के खतरे पर बहस की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इस मामले पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है.'

खड़गे को शिवसेना उद्धव ठाकरे-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के लिए भी बल्लेबाजी करने की उम्मीद है, जिसे महाविकास आघाडी के रूप में जाना जाता है और वह सत्तारूढ़ गठबंधन को ठोस चुनौती दे रहा है.

एमवीए जिसका गठन 2019 में हुआ था, उसे सरकार से तब बाहर कर दिया गया था जब शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे ने जून में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाया था.

दिलचस्प बात यह है कि निरुपम, जो सुझाव देते थे कि सरकार को एमवीए सरकार में शामिल नहीं होना चाहिए, अब इस बात के पक्षधर हैं कि कांग्रेस को गठबंधन में रहना चाहिए. निरुपम ने कहा कि ' मुख्यमंत्री के कामकाज को लेकर भाजपा में बेचैनी है. इससे सरकार गिर सकती है क्योंकि भाजपा महाराष्ट्र में पूर्ण नियंत्रण चाहती है.'

उन्होंने कहा कि 'एमवीए सत्तारूढ़ गठबंधन को चुनौती देने की स्थिति में है और उसे साथ रहना चाहिए. अगर हम गो अलोन लाइन का अनुसरण करते हैं, तो हम राज्य में अलग-थलग पड़ सकते हैं. कांग्रेस के लिए बेहतर है कि वह एमवीए में रहकर खुद का विस्तार करती रहे. हालांकि उन्होंने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी को पश्चिमी राज्य में खुद का विस्तार करने के लिए बहुत काम करने की जरूरत है, जहां कभी उसका शासन था.

मुंबई कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष चरण सिंह सपरा ने ईटीवी भारत से कहा कि '28 दिसंबर को खड़गेजी की मेजबानी करना हमारे लिए सम्मान की बात है. उस दिन राजनीतिक संदेश सामने आएगा.'

पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा हाल ही में महाराष्ट्र से होकर गुजरी थी, जिसे बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी. खड़गे राज्य के नेताओं से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए भी कह सकते हैं.

निरुपम ने किया एकजुटता का आह्वान : निरुपम ने कहा कि 'अगर हम मिलकर काम करें और मजबूत रहें तो एमवीए महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 30 आसानी से जीत सकती है.' जिन्होंने नोट किया कि उनकी पार्टी के गुटीय युद्धों का सामना करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जनता की सहानुभूति मिल रही थी.

एमवीए उम्मीदवार के हालिया अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव जीतने के तुरंत बाद, शिवसेना के पूर्व राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे और राकांपा लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने सबसे पुरानी पार्टी के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र में राहुल गांधी की यात्रा में भाग लिया था.

इस बात को ध्यान में रखते हुए निरुपम ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं को कांग्रेस के स्थापना दिवस कार्यक्रम और मुंबई में खड़गे की रैली के लिए सहयोगी दलों को भी आमंत्रित करने का सुझाव दिया है, लेकिन अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा की जा रही है.

पढ़ें- Bharat Jodo Yatra in Haryana: कांग्रेस का आरोप, बीजेपी डाल रही अड़चन, राहुल बोले- नहीं रुकेगी यात्रा

नई दिल्ली : अध्यक्ष पद संभालने के बाद पहली बार मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) सबसे पुरानी पार्टी के स्थापना दिवस 28 दिसंबर पर मुंबई में झंडा फहरा सकते हैं. ऐसी संभावना है कि वह देश को एकजुट करने और अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दे सकते हैं. कांग्रेस की मुंबई इकाई हर साल ग्वालिया टैंक (Gwalia Tank) का स्थापना दिवस मनाती रही है, जहां से 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था, लेकिन इस बार नए पार्टी प्रमुख की मेजबानी के लिए एक बड़ी रैली भी आयोजित की जा रही है.

भव्य पुरानी पार्टी की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को मुंबई में हुई थी. हालांकि दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां पार्टी की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी पार्टी नेताओं के साथ मौजूद रहेंगे. पार्टी प्रबंधकों ने उसी दिन मुंबई में अलग रैली आयोजित करने की योजना बनाई है.

पार्टी नेताओं के साथ बुधवार को व्यवस्थाओं की समीक्षा करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने ईटीवी भारत को बताया, 'पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने के बाद खड़गेजी का यह पहला मुंबई दौरा है. हम उनके भव्य स्वागत की तैयारी कर रहे हैं.' निरूपम के मुताबिक, देश को एकजुट करने की जरूरत और चीन से सीमा पर खतरे से निपटना दो ज्वलंत मुद्दे हैं. उम्मीद है कि कांग्रेस प्रमुख इस पर बात करेंगे.

यह राजनीति से ज्यादा उत्सव का माहौल होगा लेकिन खड़गेजी का अपना राजनीतिक दर्शन और शैली है. उन्होंने कहा कि 'स्वतंत्रता संग्राम में पार्टी द्वारा निभाई गई भूमिका का भी उल्लेख किया जा सकता है.'

दिलचस्प बात यह है कि खड़गे ने 26 अक्टूबर को कांग्रेस प्रमुख का पद संभालने के बाद से ही भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है.उन्होंने हैदराबाद में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में और बाद में बेंगलुरु, कलबुर्गी, शिमला और अहमदाबाद में रैलियों में पिछले 70 वर्षों में कांग्रेस के योगदान पर सवाल उठाने के लिए भगवा पार्टी पर हमला किया.

अलवर में उनकी हालिया रैली ने संसद में हंगामा खड़ा कर दिया, भाजपा ने मांग की कि खड़गे से माफी मांगें. दरअसल खड़गे ने कहा था कि 'भाजपा नेताओं के किसी कुत्ते ने भी देश के लिए अपनी जान नहीं दी, जबकि कांग्रेस के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों ने राष्ट्र के लिए अपनी जान दी.'

माफी मांगने से इनकार करने वाले खड़गे ने कहा कि उन्होंने कथित टिप्पणी भाजपा द्वारा राहुल गांधी से सीमाओं पर चीनी खतरे को उजागर करने के लिए माफी मांगने के जवाब में की थी.

दरअसल कांग्रेस चीन की स्थिति पर बहस के लिए दबाव बना रही है, लेकिन सरकार शांत है. राज्यसभा सदस्य सैयद नसीर हुसैन ने कहा, 'हम न केवल इस सत्र में बल्कि 2020 से चीन के खतरे पर बहस की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इस मामले पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है.'

खड़गे को शिवसेना उद्धव ठाकरे-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के लिए भी बल्लेबाजी करने की उम्मीद है, जिसे महाविकास आघाडी के रूप में जाना जाता है और वह सत्तारूढ़ गठबंधन को ठोस चुनौती दे रहा है.

एमवीए जिसका गठन 2019 में हुआ था, उसे सरकार से तब बाहर कर दिया गया था जब शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे ने जून में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाया था.

दिलचस्प बात यह है कि निरुपम, जो सुझाव देते थे कि सरकार को एमवीए सरकार में शामिल नहीं होना चाहिए, अब इस बात के पक्षधर हैं कि कांग्रेस को गठबंधन में रहना चाहिए. निरुपम ने कहा कि ' मुख्यमंत्री के कामकाज को लेकर भाजपा में बेचैनी है. इससे सरकार गिर सकती है क्योंकि भाजपा महाराष्ट्र में पूर्ण नियंत्रण चाहती है.'

उन्होंने कहा कि 'एमवीए सत्तारूढ़ गठबंधन को चुनौती देने की स्थिति में है और उसे साथ रहना चाहिए. अगर हम गो अलोन लाइन का अनुसरण करते हैं, तो हम राज्य में अलग-थलग पड़ सकते हैं. कांग्रेस के लिए बेहतर है कि वह एमवीए में रहकर खुद का विस्तार करती रहे. हालांकि उन्होंने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी को पश्चिमी राज्य में खुद का विस्तार करने के लिए बहुत काम करने की जरूरत है, जहां कभी उसका शासन था.

मुंबई कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष चरण सिंह सपरा ने ईटीवी भारत से कहा कि '28 दिसंबर को खड़गेजी की मेजबानी करना हमारे लिए सम्मान की बात है. उस दिन राजनीतिक संदेश सामने आएगा.'

पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा हाल ही में महाराष्ट्र से होकर गुजरी थी, जिसे बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी. खड़गे राज्य के नेताओं से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए भी कह सकते हैं.

निरुपम ने किया एकजुटता का आह्वान : निरुपम ने कहा कि 'अगर हम मिलकर काम करें और मजबूत रहें तो एमवीए महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 30 आसानी से जीत सकती है.' जिन्होंने नोट किया कि उनकी पार्टी के गुटीय युद्धों का सामना करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जनता की सहानुभूति मिल रही थी.

एमवीए उम्मीदवार के हालिया अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव जीतने के तुरंत बाद, शिवसेना के पूर्व राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे और राकांपा लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने सबसे पुरानी पार्टी के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र में राहुल गांधी की यात्रा में भाग लिया था.

इस बात को ध्यान में रखते हुए निरुपम ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं को कांग्रेस के स्थापना दिवस कार्यक्रम और मुंबई में खड़गे की रैली के लिए सहयोगी दलों को भी आमंत्रित करने का सुझाव दिया है, लेकिन अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा की जा रही है.

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