श्रीनगर: अमेरिका में रहने वाले खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून ने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़ाव को प्रोत्साहित करने के लिए एक नए मोर्चे की घोषणा की है. उसने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गुरुवार को भारतीय सेना के वाहनों पर हमला करने वाले आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की.
पन्नून ने खुद को कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट (केकेआरएफ) के प्रवक्ता के रूप में पेश किया. पन्नून ने कश्मीर को एक 'विवादित' क्षेत्र के रूप में संदर्भित किया और कहा कि 'जनमत संग्रह' संघर्ष को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने का एकमात्र तरीका है. उसने कहा, 'मैं कश्मीरी स्वतंत्रता सेनानियों से कश्मीर जनमत संग्रह आयोजित करने और आयोजित करने का आग्रह करता हूं, जैसे 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) भारत संघ के साथ पंजाब के जुड़ाव को चुनौती देने के लिए खालिस्तान जनमत संग्रह करा रहा है.'
भारत पर पन्नून की कथित हत्या की नाकाम कोशिश का अमेरिकी दावे की प्रतिक्रिया में नए संसद भवन पर हमला करने की उसकी दबी हुई चेतावनी के बाद उसने कश्मीर में आतंकवादियों के साथ एकता का आह्वान किया. खालिस्तान आंदोलन के मुख्य नेताओं में से एक पन्नून पंजाब और इसके आसपास के कई क्षेत्रों देश विरोधी ताकतों को बढ़ावा दे रहा है.
उसने धर्म-आधारित स्वतंत्र राज्य के निर्माण का आह्वान किया है. जुलाई 2020 में गृह मंत्रालय ने उसे 'व्यक्तिगत आतंकवादी' के रूप में नामित किया. वह अलगाववादी सिख फॉर जस्टिस संगठन का नेता भी है. पन्नुन के पास कनाडाई और अमेरिकी दोनों नागरिकताएं है. भारत में आतंकवाद से संबंधित आरोपों में उसकी तलाश की जा रही है.
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