ETV Bharat / bharat

आपदा राहत कोष मामले में केरल सीएम विजयन को लोकायुक्त की क्लीन चिट

केरल लोकायुक्त ने सोमवार को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) के कथित दुरुपयोग के मामले में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को क्लीन चिट दे दी. एक खंडित फैसले के बाद, लोकायुक्त की दो सदस्यीय पीठ ने इस साल की शुरुआत में मामले को पूर्ण पीठ को भेज दिया था. Kerala lokayukta rejects plea, Plea against CM Vijayan, CMDRF misuse

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By PTI

Published : Nov 13, 2023, 5:29 PM IST

Updated : Nov 13, 2023, 6:08 PM IST

तिरूवनंतपुरम : केरल लोकायुक्त अदालत ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके कैबिनेट सहकर्मियों द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) का दुरूपयोग किये जाने का आरोप लगाने वाली एक अर्जी सोमवार को खारिज कर दी. लोकायुक्त न्यायमूर्ति सीरैक जोसेफ और उप लोकायुक्त न्यायमूर्ति बाबू मैथ्यू पी. जोसेफ तथा हारून-उल-राशिद की सदस्यता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अर्जी खारिज कर दी. शिकायतकर्ता आर एस शशिकुमार की अर्जी पर यह फैसला आया.

उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद ने लोकसेवक के तौर पर अपने पद का दुरूपयोग किया, उन्होंने अपने निजी हितों और भ्रष्ट मकसद को आगे बढ़ाया तथा इस तरह वे भ्रष्टाचार, पक्षपात और भाई-भतीजावाद करने के दोषी है. इस साल मार्च में, लोकायुक्त न्यायमूर्ति जोसेफ और न्यायमूर्ति राशिद ने विषय को एक वृहद पीठ के पास भेज दिया था क्योंकि वे दोनों इस बारे में एक दूसरे के विचारों से सहमत नहीं थे कि क्या मंत्रिमंडल के फैसले को इसकी पड़ताल के लिए लाया जा सकता है. लोकायुक्त ने जनवरी 2019 में शिकायत स्वीकार की थी.

शशिकुमार की शिकायत में आरोप लगाया गया गया था कि कोष से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता (दिवंगत) उझावूर विजयन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पूर्व विधायक (दिवंगत) के.के. रामचंद्रन नायर, और (दिवंगत) पुलिस अधिकारी प्रवीण के परिवार को वित्तीय सहायता आवंटित करने में पक्षपात किया गया. सत्तारूढ़ माकपा के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालकृष्णन की सुरक्षा ड्यूटी के दौरान एक हादसे में प्रवीण की मृत्यु हो गई थी. शिकायतकर्ता ने कोष के दुरूपयोग को लेकर मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था.

पढ़ें : Lokayukta Raid: कर्नाटक के कई सरकारी अधिकारियों के आवास और कार्यालयों पर लोकायुक्त का रेड, बेंगलुरु सहित 90 ठिकानों पर तलाशी जारी

तिरूवनंतपुरम : केरल लोकायुक्त अदालत ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके कैबिनेट सहकर्मियों द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) का दुरूपयोग किये जाने का आरोप लगाने वाली एक अर्जी सोमवार को खारिज कर दी. लोकायुक्त न्यायमूर्ति सीरैक जोसेफ और उप लोकायुक्त न्यायमूर्ति बाबू मैथ्यू पी. जोसेफ तथा हारून-उल-राशिद की सदस्यता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अर्जी खारिज कर दी. शिकायतकर्ता आर एस शशिकुमार की अर्जी पर यह फैसला आया.

उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद ने लोकसेवक के तौर पर अपने पद का दुरूपयोग किया, उन्होंने अपने निजी हितों और भ्रष्ट मकसद को आगे बढ़ाया तथा इस तरह वे भ्रष्टाचार, पक्षपात और भाई-भतीजावाद करने के दोषी है. इस साल मार्च में, लोकायुक्त न्यायमूर्ति जोसेफ और न्यायमूर्ति राशिद ने विषय को एक वृहद पीठ के पास भेज दिया था क्योंकि वे दोनों इस बारे में एक दूसरे के विचारों से सहमत नहीं थे कि क्या मंत्रिमंडल के फैसले को इसकी पड़ताल के लिए लाया जा सकता है. लोकायुक्त ने जनवरी 2019 में शिकायत स्वीकार की थी.

शशिकुमार की शिकायत में आरोप लगाया गया गया था कि कोष से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता (दिवंगत) उझावूर विजयन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पूर्व विधायक (दिवंगत) के.के. रामचंद्रन नायर, और (दिवंगत) पुलिस अधिकारी प्रवीण के परिवार को वित्तीय सहायता आवंटित करने में पक्षपात किया गया. सत्तारूढ़ माकपा के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालकृष्णन की सुरक्षा ड्यूटी के दौरान एक हादसे में प्रवीण की मृत्यु हो गई थी. शिकायतकर्ता ने कोष के दुरूपयोग को लेकर मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था.

पढ़ें : Lokayukta Raid: कर्नाटक के कई सरकारी अधिकारियों के आवास और कार्यालयों पर लोकायुक्त का रेड, बेंगलुरु सहित 90 ठिकानों पर तलाशी जारी

Last Updated : Nov 13, 2023, 6:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.