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केरल: हाई कोर्ट ने 26 सप्ताह की नाबालिग गर्भवती को दी गर्भपात की इजाजत - 26 सप्ताह की गर्भवती बेटी का गर्भपात

कोर्ट ने कहा कि कम उम्र में प्रेग्नेंट होना बच्ची के शारीरिक और मानसिक दोनों रूप पर गहरा असर डालेगा. ऐसे में बच्ची का गर्भपात कराना ही इस समस्या का समाधान है. पढ़ें पूरी खबर...

केरल हाईकोर्ट
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Published : Apr 20, 2021, 5:34 PM IST

Updated : Apr 20, 2021, 6:18 PM IST

एर्नाकुलम : केरल हाईकोर्ट ने दुष्कर्म की नाबालिग पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति प्रदान की है. दरअसल, 13 साल की इस पीड़िता के पिता ने हाईकोर्ट में गर्भपात कराने की अनुमति मांगते हुए याचिका दायर की थी. इस याचिका की विशेष रूप से सुनवाई करते हुए अदालत ने 26 सप्ताह की गर्भवती बेटी का गर्भपात कराने की पिता को इजाजत दी.

बता दें, नाबालिग पीड़िता अपने ही 14 साल बड़े भाई के यौन उत्पीड़न की शिकार हुई थी. इस मामले में बेटी के गर्भवती होने के बाद माता-पिता को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद पिता ने हाईकोर्ट में अपनी नाबालिग गर्भवती बेटी का गर्भपात कराने की इजाजत मांगी. इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने पिता को अनुमति प्रदान की. इसके साथ ही यह भी आदेश दिया कि 24 घंटे के भीतर बालिका का गर्भपात कराया जाए.

इससे पहले उच्च न्यायालय ने नाबालिग गर्भवती की मेडिकल जांच करने और इसकी रिपोर्ट तैयार करने को एक मेडिकल बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था. मेडिकल बोर्ड ने पिछले दिनों जांच के बाद इसकी रिपोर्ट अदालत को सौंपी.

पढ़ेंः कोरोना का कहर : केरल में मंगलवार से रात्रि कर्फ्यू लगाने की घोषणा

सूत्रों के मुताबिक मेडिकल बोर्ड ने दावा किया कि गर्भावस्था जारी रखने से भी गर्भवती महिला के जीवन को खतरा हो सकता है या उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर पड़ेगा, जो इसके आने वाले बच्चे के लिए सही नहीं होगा. इसे देखते अदालत ने गर्भपात कराने की अनुमति दी. वहीं, कोर्ट ने लड़की के माता-पिता की याचिका का हवाला देते हुए कहा लड़की के माता-पिता अपनी बच्ची को लेकर बहुत परेशान हैं. कम उम्र में प्रेग्नेंट होना बच्ची के शारीरिक और मानसिक दोनों रूप पर गहरा असर डालेगा. ऐसे में बच्ची का गर्भपात कराना ही इस समस्या का समाधान है.

एर्नाकुलम : केरल हाईकोर्ट ने दुष्कर्म की नाबालिग पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति प्रदान की है. दरअसल, 13 साल की इस पीड़िता के पिता ने हाईकोर्ट में गर्भपात कराने की अनुमति मांगते हुए याचिका दायर की थी. इस याचिका की विशेष रूप से सुनवाई करते हुए अदालत ने 26 सप्ताह की गर्भवती बेटी का गर्भपात कराने की पिता को इजाजत दी.

बता दें, नाबालिग पीड़िता अपने ही 14 साल बड़े भाई के यौन उत्पीड़न की शिकार हुई थी. इस मामले में बेटी के गर्भवती होने के बाद माता-पिता को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद पिता ने हाईकोर्ट में अपनी नाबालिग गर्भवती बेटी का गर्भपात कराने की इजाजत मांगी. इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने पिता को अनुमति प्रदान की. इसके साथ ही यह भी आदेश दिया कि 24 घंटे के भीतर बालिका का गर्भपात कराया जाए.

इससे पहले उच्च न्यायालय ने नाबालिग गर्भवती की मेडिकल जांच करने और इसकी रिपोर्ट तैयार करने को एक मेडिकल बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था. मेडिकल बोर्ड ने पिछले दिनों जांच के बाद इसकी रिपोर्ट अदालत को सौंपी.

पढ़ेंः कोरोना का कहर : केरल में मंगलवार से रात्रि कर्फ्यू लगाने की घोषणा

सूत्रों के मुताबिक मेडिकल बोर्ड ने दावा किया कि गर्भावस्था जारी रखने से भी गर्भवती महिला के जीवन को खतरा हो सकता है या उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर पड़ेगा, जो इसके आने वाले बच्चे के लिए सही नहीं होगा. इसे देखते अदालत ने गर्भपात कराने की अनुमति दी. वहीं, कोर्ट ने लड़की के माता-पिता की याचिका का हवाला देते हुए कहा लड़की के माता-पिता अपनी बच्ची को लेकर बहुत परेशान हैं. कम उम्र में प्रेग्नेंट होना बच्ची के शारीरिक और मानसिक दोनों रूप पर गहरा असर डालेगा. ऐसे में बच्ची का गर्भपात कराना ही इस समस्या का समाधान है.

Last Updated : Apr 20, 2021, 6:18 PM IST
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