श्रीनगर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की टिप्पणी से नाराज कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने शुक्रवार को जम्मू में भाजपा कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान नाराज कर्मचारियों ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से सरकार के समक्ष अपना मामला रखने का अनुरोध किया. टारगेट किलिंग बढ़ने के बाद मई और जून में कश्मीरी पंडित कर्मचारी घाटी से भाग गए और तब से विरोध कर रहे हैं.
ऑल जम्मू-बेस्ड रिजर्व कैटेगरी एम्प्लॉइज एसोसिएशन के बैनर तले उन्होंने जम्मू के त्रिकुटा नगर इलाके में बीजेपी मुख्यालय के सामने धरना दिया और उनके लिए तबादला नीति की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि उनके लिए एक स्थानांतरण नीति तैयार की जाएगी और उन्हें कश्मीर के बाहर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- भारत में नफरत बढ़ी है, लेकिन देश छोड़ना समाधान नहीं : फारूक अब्दुल्ला
कर्मचारियों ने कहा कि एलजी का बयान असंवेदनशील और उनके कद के व्यक्ति से अपेक्षित नहीं था. 31 मई को शिक्षिका रजनी बाला की हत्या के बाद जम्मू भाग गए प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन उनके स्थानांतरण और सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. उपराज्यपाल ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि जो कर्मचारी अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू नहीं कर रहे हैं और घर बैठे हैं उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा.