नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कट्टरपंथी विचारों के जरिए कश्मीरी युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने वाले आसिफ मकबूल डार को शनिवार को आतंकवादी घोषित कर दिया. मूल रूप से जम्मू-कश्मीर का रहने वाला आसिफ मकबूल डार सऊदी अरब में रहता है. गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर घोषणा की कि आसिफ मकबूल डार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके कश्मीर घाटी के युवाओं को भड़काने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने का काम कर रहा है.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बीते कुछ दिनों में आतंकवादी के रूप में नामित किया गया डार चौथा व्यक्ति है. डार प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ है और सोशल मीडिया पर प्रमुख कट्टरपंथी व्यक्तियों में से एक है और कश्मीरी युवाओं को सुरक्षाबलों के खिलाफ हथियार उठाने के लिए उकसाने में शामिल है. वह सीमा पार स्थित आकाओं के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर और नई दिल्ली सहित भारत के प्रमुख शहरों में हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए आतंकवादी संगठन के कैडरों द्वारा रची गई साजिश में आरोपी है, जिसकी जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण कर रही है.
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अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि डार आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है और इसलिए उसे एक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है. इससे पहले गृह मंत्रालय (एमएचए) ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सदस्य अरबाज़ अहमद मीर को लक्षित गतिविधियों में शामिल होने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत एक आतंकवादी के रूप में नामित किया. उसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर में एक शिक्षिका रजनी बाला की हत्या का भी आरोप है.
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात एक अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा की. इसमें कहा गया कि मीर जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखता है. वह वर्तमान में पाकिस्तान में है और सीमा पार से लश्कर के लिए काम कर रहा है. अधिसूचना ने में कहा गया, 'मीर टारगेट किलिंग में शामिल है और जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक शिक्षिका रजनी बाला की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरा है. वह कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में भी शामिल है और सीमा पार से अवैध हथियारों या गोला-बारूद या विस्फोटकों का ट्रांसपोर्ट करके आतंकवादियों का समर्थन करता है.
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