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आयशा शाह को बाइडेन की डिजिटल टीम में मिली जगह, कश्मीर में खुशी

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Published : Dec 31, 2020, 9:19 PM IST

आयशा शाह को अमेरिका नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की डिजिटल रणनीति टीम में पार्टनरशिप मैनेजर के रूप में जगह मिली है. कश्मीर की बेटी की इस सफलता से कश्मीरी लोग काफी खुश हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ आयशा के करीबी संबंध से कश्मीर मुद्दे का शीघ्र समाधान हो सकता है, क्योंकि वह कश्मीर के लोगों की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं.

आयशा शाह
आयशा शाह

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में पैदा हुईं आयशा शाह को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की टीम में जगह मिली है. बाइडेन प्रशासन द्वारा ह्वाइट हाउस ऑफिस की डिजिटल स्ट्रेटजी टीम में कश्मीरी मूल की आयशा शाह की सीनियर पद पर नियुक्ति की गई है.

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को अपने ह्वाइट हाउस ऑफिस की डिजिटल रणनीति टीम के सदस्यों की घोषणा की, जिसमें शाह को पार्टनरशिप मैनेजर के रूप में जगह मिली है.

श्रीनगर में जन्मीं आयशा का अमेरिका के लुईसियाना में पली-बढ़ीं, क्योंकि उनका परिवार नब्बे के दशक की शुरुआत में अमेरिका शिफ्ट हो गया था. आयशा शाह वर्तमान में स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूट के लिए उन्नति विशेषज्ञ के रूप में काम करती हैं.

आयशा शाह को बाइडेन की डिजिटल रणनीति टीम में मिली जगह

हालांकि, आयशा शाह बचपन से ही अमेरिका में रहती हैं और शिक्षा भी वहीं से हासिल की हैं, लेकिन कश्मीर के लोग उनकी इस सफलता से खुश और गौरवान्वित हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उनके पड़ोसी अल्ताफ बजाज ने कहा कि आयशा एक पढ़े लिखे परिवार से हैं. हमें गर्व है कि उसे ह्वाइट हाउस की टीम शामिल किया गया है.

उन्होंने बताया कि आयशा के पिता सैयद आमिर शाह डॉक्टर थे. जब उसके पिता अमेरिका गए तो आयशा कुछ ही वर्ष की थी. वह साल में एक बार कश्मीर आते हैं और यहां कुछ समय रहते हैं.

अल्ताफ बजाज ने बताया कि आयशा शाह का परिवार सभी की मदद करता था और पड़ोसियों के साथ उनका बरताव बहुत अच्छा था. उनके दादा सैयद अहमद शाह जम्मू-कश्मीर पुलिस में डीआईजी थे. हम उन्हें प्यार से शाहजी कहकर बुलाते थे. वह बहुत दयालु थे. शाहजी की बहन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सचिव थीं.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी के. राजेंद्र ने आयशा के दादा सैयद अहमद शाह के बारे में ईटीवी भारत को बताया कि वह कई मौकों पर उनसे मिले थे और वह काफी पेशेवर थे.

पूर्व डीजीपी ने कहा कि सैयद अहमद शाह एक अच्छे इंसान थे, जिनके पास एक आकर्षक व्यक्तित्व था.

बता दें कि राजेंद्र कुमार उस समय श्रीनगर सिटी के एसपी थे, आयशा के दादा डीआईजी के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे.

अल्ताफ बजाज को उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ आयशा के करीबी संबंध से कश्मीर मुद्दे का शीघ्र समाधान हो सकता है. वह कश्मीर की बेटी हैं और यहां के लोगों की कठिनाइयों और समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं.

पढ़ें- बिलकिस बानो गैल गैडोट की 'माई पर्सनल वंडर वुमैन' सूची में शामिल

ह्वाइट हाउस ऑफिस की डिजिटल रणनीति टीम में चुने जाने से पहले आयशा, जो बाइडेन और कमला हैरिस के चुनाव अभियान की डिजिटल प्रबंधक भी रहीं. वह जॉन एफ कैनेडी सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स के कॉर्पोरेट फंड में सहायक प्रबंधक भी रह चुकी हैं.

आयशा शाह की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने उत्तरी कैरोलिना के डेविडसन कॉलेज से अंग्रेजी भाषा और साहित्य में डिग्री हालिस की है. उन्होंने स्पेन के एक विश्वविद्यालय से स्पैनिश का अध्ययन भी किया है.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में पैदा हुईं आयशा शाह को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की टीम में जगह मिली है. बाइडेन प्रशासन द्वारा ह्वाइट हाउस ऑफिस की डिजिटल स्ट्रेटजी टीम में कश्मीरी मूल की आयशा शाह की सीनियर पद पर नियुक्ति की गई है.

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को अपने ह्वाइट हाउस ऑफिस की डिजिटल रणनीति टीम के सदस्यों की घोषणा की, जिसमें शाह को पार्टनरशिप मैनेजर के रूप में जगह मिली है.

श्रीनगर में जन्मीं आयशा का अमेरिका के लुईसियाना में पली-बढ़ीं, क्योंकि उनका परिवार नब्बे के दशक की शुरुआत में अमेरिका शिफ्ट हो गया था. आयशा शाह वर्तमान में स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूट के लिए उन्नति विशेषज्ञ के रूप में काम करती हैं.

आयशा शाह को बाइडेन की डिजिटल रणनीति टीम में मिली जगह

हालांकि, आयशा शाह बचपन से ही अमेरिका में रहती हैं और शिक्षा भी वहीं से हासिल की हैं, लेकिन कश्मीर के लोग उनकी इस सफलता से खुश और गौरवान्वित हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उनके पड़ोसी अल्ताफ बजाज ने कहा कि आयशा एक पढ़े लिखे परिवार से हैं. हमें गर्व है कि उसे ह्वाइट हाउस की टीम शामिल किया गया है.

उन्होंने बताया कि आयशा के पिता सैयद आमिर शाह डॉक्टर थे. जब उसके पिता अमेरिका गए तो आयशा कुछ ही वर्ष की थी. वह साल में एक बार कश्मीर आते हैं और यहां कुछ समय रहते हैं.

अल्ताफ बजाज ने बताया कि आयशा शाह का परिवार सभी की मदद करता था और पड़ोसियों के साथ उनका बरताव बहुत अच्छा था. उनके दादा सैयद अहमद शाह जम्मू-कश्मीर पुलिस में डीआईजी थे. हम उन्हें प्यार से शाहजी कहकर बुलाते थे. वह बहुत दयालु थे. शाहजी की बहन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सचिव थीं.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी के. राजेंद्र ने आयशा के दादा सैयद अहमद शाह के बारे में ईटीवी भारत को बताया कि वह कई मौकों पर उनसे मिले थे और वह काफी पेशेवर थे.

पूर्व डीजीपी ने कहा कि सैयद अहमद शाह एक अच्छे इंसान थे, जिनके पास एक आकर्षक व्यक्तित्व था.

बता दें कि राजेंद्र कुमार उस समय श्रीनगर सिटी के एसपी थे, आयशा के दादा डीआईजी के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे.

अल्ताफ बजाज को उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ आयशा के करीबी संबंध से कश्मीर मुद्दे का शीघ्र समाधान हो सकता है. वह कश्मीर की बेटी हैं और यहां के लोगों की कठिनाइयों और समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं.

पढ़ें- बिलकिस बानो गैल गैडोट की 'माई पर्सनल वंडर वुमैन' सूची में शामिल

ह्वाइट हाउस ऑफिस की डिजिटल रणनीति टीम में चुने जाने से पहले आयशा, जो बाइडेन और कमला हैरिस के चुनाव अभियान की डिजिटल प्रबंधक भी रहीं. वह जॉन एफ कैनेडी सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स के कॉर्पोरेट फंड में सहायक प्रबंधक भी रह चुकी हैं.

आयशा शाह की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने उत्तरी कैरोलिना के डेविडसन कॉलेज से अंग्रेजी भाषा और साहित्य में डिग्री हालिस की है. उन्होंने स्पेन के एक विश्वविद्यालय से स्पैनिश का अध्ययन भी किया है.

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