नई दिल्ली: बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल जिन्होंने कर्नाटक के कई जिलों में चुनाव प्रचार भी किया है, उनका कहना है कि कर्नाटक में ध्रुवीकरण की राजनीति की शुरुआत पहले कांग्रेस ने की है और अब जाकर बजरंगबली की एंट्री हुई है.
उनका कहना है कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी चुनाव के शुरुआत से ही अपने विकास कार्य और डबल इंजन की सरकार द्वारा जनता के हित में चलाई जा रहीं कल्याणकारी योजनाओं को लेकर प्रचार कर रही है. लेकिन कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंग दल को बैन करने की बात कही और उसके बाद से ही लगातार है कांग्रेस यही राजनीति कर रही है.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में सामाजिक और धार्मिक पृष्ठभूमि कुछ ऐसी है और उसी का सहारा लेकर कांग्रेस उन्हीं का ताना-बाना बुनकर लोगों को रिझाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हमारी सरकार लगातार लोगों के हित में काम करती रही है और केंद्र सरकार भी मदद करती रही है.
इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस के दबाव में आकर भाजपा को बजरंगबली की एंट्री करानी पड़ी? भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल का कहना है कि नहीं ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म, सनातन धर्म और भगवान राम में हमारी आस्था शुरू से है और भारतीय जनता पार्टी भगवान राम और सनातन धर्म की बात हमेशा से करती है ये हमारे लिए कोई नई बात नहीं है. जहां भी बात सनातन धर्म की रक्षा की आएगी, इस पर प्रहार किया जाएगा, तो भारतीय जनता पार्टी इस पर प्रतिक्रिया जताएगी क्योंकि यह हमारा कोर एजेंडा और आस्था का विषय है. साथ ही कुछ बात, लोकतंत्र में मीडिया और जनता पर भी निर्भर करती हैं कि वो किस प्रचार को ज्यादा महत्व दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम विकास की बातें ज्यादा नहीं कर रहे. लगातार प्रधानमंत्री अपने भाषणों में भी कर्नाटक में किए गए विकास कार्यों की बात कर रहे हैं मगर कुछ पार्टियां जिनके पास कोई एजेंडा नहीं है वह बजरंग दल के बैन की बात उठा रही हैं. इस सवाल पर कि भाजपा एनआरसी और यूसीसी के वादे कर रही है क्या सरकार बनती है तो कर्नाटक में वह इन्हें लागू करेगी.
भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अपने मेनिफेस्टो में जो भी वादे करती है उसे निभाती है. एक एक वादे को पूरा करती है, उस हिसाब से इसे भी लागू करेगी.
इस सवाल पर कि कर्नाटक में क्या मुस्लिम मतदाता भाजपा को वोट करेंगे ऐसी उम्मीद है? उन्होंने कहा कि राज्य का डाटा उठाकर देख लें,चाहे वो मुद्रा योजना हो या आयुष्मान कार्ड, या जन धन योजना हो अल्पसंख्यक लाभार्थियों की संख्या काफी है. और तब के आंकड़े देखें जब 70 साल तक कांग्रेस ने राज किया और उनके प्रधानत्री ने खुलकर कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है. तब की सच्चर कमेटी की रिपोर्ट ने मुसलमानों की स्थिति दयनीय दिखाई और आज मोदी सरकार आने के बाद देख लें तो आंकड़े बताते हैं कि अल्पसंख्यकों की स्थिति में सुधार हुआ है. भाजपा मात्र बयानों नही बल्कि अपने कार्यों पर वोट मांग रही है. उम्मीद है कि अल्पसंख्यक भी भाजपा को वोट करेंगे.
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