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कर्नाटक के कलबुरगी में करंट के झटके देने वाली चप्पल, मनचलों से सुरक्षा

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Published : Dec 1, 2022, 9:30 AM IST

कर्नाटक के कलबुरगी में 10वीं कक्षा की एक छात्रा ने एंटी रेप स्मार्ट फुट वियर का आविष्कार किया है. इस सैंडल में ऐसे खास गुण हैं जो महिलाओं को मनचलों से बचाता है.

Kalaburagi girl invents anti rape footwear to Protect Woman
कर्नाटक के कलबुरगी में करंट के झटके देने वाली चप्पल का आविष्कार

कलबुरगी: ये सामान्य सैंडल की तरह दिखते हैं लेकिन ये एक असामान्य स्लिपर हैं. एक हाई स्कूल की एक छात्रा ने उन प्रेमियों को सबक सिखाने के लिए एक अलग प्रकार की चप्पल का आविष्कार किया है जो लड़कियों या महिलाओं को परेशान करते हैं. पेश है 'एंटी रेप स्मार्ट फुट वियर' नाम के इस फुटवियर की खास डिटेल.

छात्रा का नाम विजयलक्ष्मी बिरादरा है. वह प्रतिष्ठित एसआरएन मेहता स्कूल की 10वीं कक्षा की छात्रा है. छात्रा विजयलक्ष्मी ने एंटी-रेप फुटवियर का आविष्कार कर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. देश में लड़कियों के बढ़ते यौन उत्पीड़न और बलात्कार को महसूस करते हुए उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस स्मार्ट फुटवियर का आविष्कार किया.

स्मार्ट फुटवियर में अलार्म सिस्टम: दोनों पैरो के सैंडल के लिए अलग- अलग तरह के दो महिला सुरक्षा सॉफ्टवेयर पर शोध किया गया. इस स्मार्ट सैंडल में 'ब्लिंक ऐप लिंक' तकनीक को लागू किया गया है, एक सैंडल में बिजली का झटका लगता है, और दूसरे में जीपीएस के माध्यम से संदेश भेजने की व्यवस्था है.

अगर कोई बलात्कारी किसी महिला के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास करता है तो उसे 0.5 एम्पीयर का बिजली का झटका लगेगा. ऐसा करने के लिए सैंडल की एड़ी के पास एक बटन दबानी बोती है. बलात्कारी के बिजली के झटके से संभलने के बीच महिला घटनास्थल से भाग सकती है.

यदि तीन या चार लोगों द्वारा हमला किया जाता है, तो ब्लिंक ऐप लिंक तकनीक के साथ एम्बेडेड जीपीएस वाला एक अन्य जूता माता-पिता और पुलिस को एक संदेश भेजेगा, यदि पैर की अंगुली के पास एक बटन दबाया जाता है. मुश्किल की घड़ी में मैसेज भेजने के लिए मोबाइल नंबर सेव करने की व्यवस्था सैंडल में की गई है.

ये भी पढ़ें- घोड़े पर सवार होकर दूल्हे के घर पहुंची दुल्हन

सैंडल से कोई खतरा नहीं: इस अनोखे फुटवियर में किसी तरह का जटिल विद्युत उपकरण या सर्किट नहीं लगा होता है. इसलिए पहनने वाले को बिजली के झटके का डर नहीं रहता है. फुटवियर में बैटरी और सेल का इस्तेमाल किया गया है, ताकि चप्पल पहनकर चलने के दौरान बैटरी खुद चार्ज हो सके.

सरकार द्वारा और अनुसंधान किया जाना चाहिए: छात्रा विजयलक्ष्मी ने अपनी साइंस टीचर सुमैय्या खान की मदद से तेरह महीने तक लगातार रिसर्च कर स्मार्ट फुटवियर ईजाद किया है. चप्पल का एक सेट बनाने में करीब तीन हजार रुपए का खर्च आता है.

इंटरनेशनल साइंस एक्सपो के लिए चयनित: इस महिला सुरक्षा फुटवियर मॉडल ने हाल ही में गोवा में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल इन्वेंशन एंड इनोवेशन एक्सपो-2022 में सिल्वर मेडल जीता है. साथ ही इस लेडी सेफ्टी फुट वियर को 2023 में होने वाले इंटरनेशनल साइंस एक्सपो के लिए चुना गया है.

कलबुरगी: ये सामान्य सैंडल की तरह दिखते हैं लेकिन ये एक असामान्य स्लिपर हैं. एक हाई स्कूल की एक छात्रा ने उन प्रेमियों को सबक सिखाने के लिए एक अलग प्रकार की चप्पल का आविष्कार किया है जो लड़कियों या महिलाओं को परेशान करते हैं. पेश है 'एंटी रेप स्मार्ट फुट वियर' नाम के इस फुटवियर की खास डिटेल.

छात्रा का नाम विजयलक्ष्मी बिरादरा है. वह प्रतिष्ठित एसआरएन मेहता स्कूल की 10वीं कक्षा की छात्रा है. छात्रा विजयलक्ष्मी ने एंटी-रेप फुटवियर का आविष्कार कर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. देश में लड़कियों के बढ़ते यौन उत्पीड़न और बलात्कार को महसूस करते हुए उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस स्मार्ट फुटवियर का आविष्कार किया.

स्मार्ट फुटवियर में अलार्म सिस्टम: दोनों पैरो के सैंडल के लिए अलग- अलग तरह के दो महिला सुरक्षा सॉफ्टवेयर पर शोध किया गया. इस स्मार्ट सैंडल में 'ब्लिंक ऐप लिंक' तकनीक को लागू किया गया है, एक सैंडल में बिजली का झटका लगता है, और दूसरे में जीपीएस के माध्यम से संदेश भेजने की व्यवस्था है.

अगर कोई बलात्कारी किसी महिला के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास करता है तो उसे 0.5 एम्पीयर का बिजली का झटका लगेगा. ऐसा करने के लिए सैंडल की एड़ी के पास एक बटन दबानी बोती है. बलात्कारी के बिजली के झटके से संभलने के बीच महिला घटनास्थल से भाग सकती है.

यदि तीन या चार लोगों द्वारा हमला किया जाता है, तो ब्लिंक ऐप लिंक तकनीक के साथ एम्बेडेड जीपीएस वाला एक अन्य जूता माता-पिता और पुलिस को एक संदेश भेजेगा, यदि पैर की अंगुली के पास एक बटन दबाया जाता है. मुश्किल की घड़ी में मैसेज भेजने के लिए मोबाइल नंबर सेव करने की व्यवस्था सैंडल में की गई है.

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सैंडल से कोई खतरा नहीं: इस अनोखे फुटवियर में किसी तरह का जटिल विद्युत उपकरण या सर्किट नहीं लगा होता है. इसलिए पहनने वाले को बिजली के झटके का डर नहीं रहता है. फुटवियर में बैटरी और सेल का इस्तेमाल किया गया है, ताकि चप्पल पहनकर चलने के दौरान बैटरी खुद चार्ज हो सके.

सरकार द्वारा और अनुसंधान किया जाना चाहिए: छात्रा विजयलक्ष्मी ने अपनी साइंस टीचर सुमैय्या खान की मदद से तेरह महीने तक लगातार रिसर्च कर स्मार्ट फुटवियर ईजाद किया है. चप्पल का एक सेट बनाने में करीब तीन हजार रुपए का खर्च आता है.

इंटरनेशनल साइंस एक्सपो के लिए चयनित: इस महिला सुरक्षा फुटवियर मॉडल ने हाल ही में गोवा में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल इन्वेंशन एंड इनोवेशन एक्सपो-2022 में सिल्वर मेडल जीता है. साथ ही इस लेडी सेफ्टी फुट वियर को 2023 में होने वाले इंटरनेशनल साइंस एक्सपो के लिए चुना गया है.

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