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कर्नाटक ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती में ‘मेल थर्ड जेंडर’ समुदाय के लिए की आरक्षण की घोषणा

कर्नाटक सरकार ने सशस्त्र बलों की भर्ती में ‘मेल थर्ड जेंडर’ समुदाय के लिए आरक्षण की घोषणा की है. राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि कांस्टेबल के 3,484 पदों पर भर्ती की जा रही है, 79 पद इनके लिए आरक्षित किए गए हैं.

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Published : Sep 13, 2022, 9:35 PM IST

Karnataka govt
कर्नाटक सरकार

बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार (Karnataka govt) ने राज्य सशस्त्र बलों की भर्ती में 'पुरुष तृतीय लिंग' (male third gender) समुदाय के लिए आरक्षण की घोषणा की है. राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र (State Home Minister Araga Jnanendra) ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक सशस्त्र बलों में कांस्टेबल के 3,484 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उन्होंने कहा, 'राज्य में पहली बार, 'पुरुष तृतीय लिंग' समुदाय के लिए 79 पद आरक्षित किए गए हैं.'

ट्रांसजेंडर सक्रियतावादियों ने आरक्षण मुहैया करने के इस कदम की सराहना की है. ट्रांसजेंडर के कल्याण के लिए काम करने वाले समुदाय के सदस्य एवं मानवाधिकार संगठन 'ओनडेडे' के संस्थापक अक्काई पद्मशाली ने कहा, 'मैं फैसले का स्वागत करता हूं.' अक्काई को कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.

उन्होंने कहा कि यह घोषणा 'तृतीय लिंग' समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करता है लेकिन 'पुरुष तृतीय लिंग' कहा जाने वाला कोई समुदाय नहीं है. उन्होंने कहा, 'उनके (सरकार के) दृष्टिकोण से मैं यह समझ पा रहा हूं कि शायद वे 'महिला से पुरुष में तब्दील हुए ट्रांसजेंडर पुरुष' की बात कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के अंदर विभिन्न सांस्कृतिक पहचानों और विविधता को समझने की भी जरूरत है.

पढ़ें- कर्नाटक के उडुपी की महिला ने हिमालयी मार्ग पर चलायी 900 किलोमीटर बाइक

बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार (Karnataka govt) ने राज्य सशस्त्र बलों की भर्ती में 'पुरुष तृतीय लिंग' (male third gender) समुदाय के लिए आरक्षण की घोषणा की है. राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र (State Home Minister Araga Jnanendra) ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक सशस्त्र बलों में कांस्टेबल के 3,484 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उन्होंने कहा, 'राज्य में पहली बार, 'पुरुष तृतीय लिंग' समुदाय के लिए 79 पद आरक्षित किए गए हैं.'

ट्रांसजेंडर सक्रियतावादियों ने आरक्षण मुहैया करने के इस कदम की सराहना की है. ट्रांसजेंडर के कल्याण के लिए काम करने वाले समुदाय के सदस्य एवं मानवाधिकार संगठन 'ओनडेडे' के संस्थापक अक्काई पद्मशाली ने कहा, 'मैं फैसले का स्वागत करता हूं.' अक्काई को कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.

उन्होंने कहा कि यह घोषणा 'तृतीय लिंग' समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करता है लेकिन 'पुरुष तृतीय लिंग' कहा जाने वाला कोई समुदाय नहीं है. उन्होंने कहा, 'उनके (सरकार के) दृष्टिकोण से मैं यह समझ पा रहा हूं कि शायद वे 'महिला से पुरुष में तब्दील हुए ट्रांसजेंडर पुरुष' की बात कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के अंदर विभिन्न सांस्कृतिक पहचानों और विविधता को समझने की भी जरूरत है.

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