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karnataka hijab row : हाईकोर्ट जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा, धमकी देने वाले दो लोग गिरफ्तार - karnataka hijab row

कर्नाटक का हिजाब विवाद सुर्खियों में है. ताजा घटनाक्रम में हाईकोर्ट जजों को धमकी देने का मामला सामने आया है. इसी बीच कर्नाटक सरकार ने हिजाब पर फैसला देने वाले जजों को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा (Y category security to hc judges) प्रदान की है. जजों की सुरक्षा से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में कर्नाटक उच्च न्यायालय की विशेष पीठ के न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी देने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई
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Published : Mar 20, 2022, 4:47 PM IST

Updated : Mar 20, 2022, 5:24 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि सरकार ने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को 'वाई' कैटेगरी की सुरक्षा (Y category security to hc judges) देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को विधानसौधा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत की गहनता से जांच करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि कुछ लोगों ने न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी दी है. तीनों न्यायाधीशों को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया है.

सीएम ने बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, तमिलनाडु में कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सहित तीन न्यायाधीशों को मारने की धमकी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. कुछ देशद्रोही ताकतों ने इस देश की व्यवस्था को चुनौती देने की कोशिश की है. पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को न्यायिक फैसले को स्वीकार करना होगा. अगर फैसला सही नहीं है तो अदालतों में अपील की व्यवस्था है. इसके बावजूद असंतुष्ट ताकतें ऐसा बयान दे रही हैं. हमें ऐसी सभी ताकतों का दमन करना होगा.

मुख्यमंत्री ने इस मामले में 'छद्म धर्मनिरपेक्षता' और लोगों की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने तमिलनाडु में गिरफ्तार किये गये युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए कहा है. गौरतलब है कि जजों को धमकी के मामले में एक व्यक्ति को तमिलनाडु में गिरफ्तार किया जा चुका है.

विधान सौध पुलिस ने शनिवार को एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एक वीडियो क्लिप को लेकर प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें एक व्यक्ति तमिल में बोल रहा था और तीन न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी दे रहा था. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु पुलिस ने न्यायाधीशों को कथित तौर पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में शनिवार को मदुरै में तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) नामक संगठन के एक पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि रहमतुल्ला नामक व्यक्ति ने परोक्ष रूप से धमकी देते हुए झारखंड में एक जिला न्यायाधीश को पिछले साल सुबह की सैर के दौरान एक वाहन द्वारा कुचले जाने का जिक्र किया था.

यह भी पढ़ें- Hijab Row : तमिलनाडु तौहीद जमात के अध्यक्ष गिरफ्तार

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित और न्यायमूर्ति जे. एम. खाजी की तीन सदस्यीय पीठ ने 15 मार्च को मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इस याचिका में कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगी गई थी.

शांति भंग करने की कोशिश
कर्नाटक में, बेंगलुरु में विधान सौध पुलिस ने वकील सुधा कटवा की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की है. शिकायत में यह उल्लेख किया गया है कि राज्य में मौत की धमकी, आपराधिक धमकी, अभद्र भाषा का उपयोग और शांति भंग करने की कोशिश हो रही है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 506 (1), 505 (1) (बी), 153 ए, 109 और 504 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. इस बीच, अधिवक्ता उमापति ने इस संबंध में कर्नाटक उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष एक अभ्यावेदन दायर किया है. एडवोकेट एसोसिएशन बेंगलुरु ने भी इसकी निंदा की है.

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि सरकार ने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को 'वाई' कैटेगरी की सुरक्षा (Y category security to hc judges) देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को विधानसौधा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत की गहनता से जांच करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि कुछ लोगों ने न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी दी है. तीनों न्यायाधीशों को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया है.

सीएम ने बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, तमिलनाडु में कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सहित तीन न्यायाधीशों को मारने की धमकी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. कुछ देशद्रोही ताकतों ने इस देश की व्यवस्था को चुनौती देने की कोशिश की है. पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को न्यायिक फैसले को स्वीकार करना होगा. अगर फैसला सही नहीं है तो अदालतों में अपील की व्यवस्था है. इसके बावजूद असंतुष्ट ताकतें ऐसा बयान दे रही हैं. हमें ऐसी सभी ताकतों का दमन करना होगा.

मुख्यमंत्री ने इस मामले में 'छद्म धर्मनिरपेक्षता' और लोगों की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने तमिलनाडु में गिरफ्तार किये गये युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए कहा है. गौरतलब है कि जजों को धमकी के मामले में एक व्यक्ति को तमिलनाडु में गिरफ्तार किया जा चुका है.

विधान सौध पुलिस ने शनिवार को एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एक वीडियो क्लिप को लेकर प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें एक व्यक्ति तमिल में बोल रहा था और तीन न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी दे रहा था. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु पुलिस ने न्यायाधीशों को कथित तौर पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में शनिवार को मदुरै में तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) नामक संगठन के एक पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि रहमतुल्ला नामक व्यक्ति ने परोक्ष रूप से धमकी देते हुए झारखंड में एक जिला न्यायाधीश को पिछले साल सुबह की सैर के दौरान एक वाहन द्वारा कुचले जाने का जिक्र किया था.

यह भी पढ़ें- Hijab Row : तमिलनाडु तौहीद जमात के अध्यक्ष गिरफ्तार

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित और न्यायमूर्ति जे. एम. खाजी की तीन सदस्यीय पीठ ने 15 मार्च को मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इस याचिका में कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगी गई थी.

शांति भंग करने की कोशिश
कर्नाटक में, बेंगलुरु में विधान सौध पुलिस ने वकील सुधा कटवा की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की है. शिकायत में यह उल्लेख किया गया है कि राज्य में मौत की धमकी, आपराधिक धमकी, अभद्र भाषा का उपयोग और शांति भंग करने की कोशिश हो रही है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 506 (1), 505 (1) (बी), 153 ए, 109 और 504 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. इस बीच, अधिवक्ता उमापति ने इस संबंध में कर्नाटक उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष एक अभ्यावेदन दायर किया है. एडवोकेट एसोसिएशन बेंगलुरु ने भी इसकी निंदा की है.

Last Updated : Mar 20, 2022, 5:24 PM IST
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