बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आज दक्षिण कन्नड़ जिले के कदबा तालुक के कौकराडी गांव में एक अवैध इमारत के निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इसके दौरान हाई कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता से कहा कि किसानी का काम दुनिया का सबसे अच्छा काम है. अपने इस काम पर लोगों को गर्व होना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अदालत के भीतर अपना यह विचार व्यक्त किया. न्यायमूर्ति ने तीन पंक्तियों वाली कविता एक कविता का जिक्र करते हुए कहा कोटि विद्यायल्ली मेति विद्याये मेलु' अर्थात करोड़ों नौकरियों में से खेती सबसे अच्छी है.
बता दें, अवैध इमारत के निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका मामले में याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया. पीठ ने आगे पूछा कि आवेदक क्या काम करता है. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने धीमी आवाज में कहा 'किसान'. इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि आप अपनी नौकरी से शर्मिंदा क्यों हैं? किसान होना गलत नहीं है.
कोर्ट ने आगे कहा कि आपको यह कहने में शर्म क्यों आती है कि आप किसान हैं? याचिका में नौकरी के शीर्षक में नौकरी की जानकारी का उल्लेख नहीं किया गया है. खेती सबसे अच्छा काम है. यह दुनिया की सबसे पुरानी नौकरी है. इस काम पर शर्मिंदा मत होइए. खेती के काभी फायदे हैं. किसान होने पर गर्व होना चाहिए, क्योंकि किसान देशवासियों को चावल देते हैं.