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कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी नौकरियों में ट्रांसजेडरों को मिलेगा 1 % आरक्षण - ट्रांसजेंडर

ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए कर्नाटक सिविल सेवा (सामान्य भर्ती) नियम, 1977 में संशोधन करके आरक्षण का प्रावधान किया गया है. कर्नाटक सरकार ने बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए ट्रांसजेडरों को कर्नाटक सिविल सेवा में 1 % आरक्षण दिया है.

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Published : Jul 7, 2021, 3:49 PM IST

Updated : Aug 22, 2021, 11:08 AM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक सिविल सेवा (सामान्य भर्ती) अधिनियम ने 1% आरक्षण के प्रावधान में और संशोधन किया है. अब सीधी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से भरे जाने वाले किसी भी पद पर सभी श्रेणियों की नौकरियों में ट्रांसजेंडरों को सीधी भर्ती प्रक्रिया में लाभ मिलेगा.

संशोधित अधिनयम के अनुसार, आरक्षण सामान्य योग्यता, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की प्रत्येक श्रेणियों पर लागू होगा. साथ ही प्रत्येक भर्ती प्राधिकरण को समूह बी, सी और डी निदेशकों की भर्ती के लिए पुरुष, महिला और अन्य के रूप में एक अलग कॉलम बनाने का प्रावधान किया गया है.

पढ़ें: ट्रांसजेंडर्स के लिए खुशखबरी : सरकारी नौकरियों में मिलेगा 1% आरक्षण

यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि कोई भी चयन प्राधिकरण या भर्ती प्राधिकरण किसी भी श्रेणी के पदों के लिए चयन प्रक्रिया में एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार के साथ भेदभाव नहीं कर सकता. अधिनियम यह निर्धारित करता है कि यदि ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों के लिए आरक्षित प्रतिशत के लिए पर्याप्त संख्या में आवेदक उपलब्ध नहीं हैं, तो ऐसे पदों को एक ही श्रेणी के पुरुष या महिला उम्मीदवारों से भरा जाना चाहिए.

बताते चलें कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए कर्नाटक सिविल सेवा (सामान्य भर्ती) नियम, 1977 में संशोधन करके आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इस बारे में अधिसूचना 13 मई को जारी की गई थी. इसके तहत मसौदा नियमों के प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए गए थे.

बेंगलुरु: कर्नाटक सिविल सेवा (सामान्य भर्ती) अधिनियम ने 1% आरक्षण के प्रावधान में और संशोधन किया है. अब सीधी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से भरे जाने वाले किसी भी पद पर सभी श्रेणियों की नौकरियों में ट्रांसजेंडरों को सीधी भर्ती प्रक्रिया में लाभ मिलेगा.

संशोधित अधिनयम के अनुसार, आरक्षण सामान्य योग्यता, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की प्रत्येक श्रेणियों पर लागू होगा. साथ ही प्रत्येक भर्ती प्राधिकरण को समूह बी, सी और डी निदेशकों की भर्ती के लिए पुरुष, महिला और अन्य के रूप में एक अलग कॉलम बनाने का प्रावधान किया गया है.

पढ़ें: ट्रांसजेंडर्स के लिए खुशखबरी : सरकारी नौकरियों में मिलेगा 1% आरक्षण

यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि कोई भी चयन प्राधिकरण या भर्ती प्राधिकरण किसी भी श्रेणी के पदों के लिए चयन प्रक्रिया में एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार के साथ भेदभाव नहीं कर सकता. अधिनियम यह निर्धारित करता है कि यदि ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों के लिए आरक्षित प्रतिशत के लिए पर्याप्त संख्या में आवेदक उपलब्ध नहीं हैं, तो ऐसे पदों को एक ही श्रेणी के पुरुष या महिला उम्मीदवारों से भरा जाना चाहिए.

बताते चलें कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए कर्नाटक सिविल सेवा (सामान्य भर्ती) नियम, 1977 में संशोधन करके आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इस बारे में अधिसूचना 13 मई को जारी की गई थी. इसके तहत मसौदा नियमों के प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए गए थे.

Last Updated : Aug 22, 2021, 11:08 AM IST
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