बेंगलुरु : कर्नाटक पुलिस ने शनिवार को बेंगलुरु में 12 करोड़ रुपये कीमत के 1,500 किलोग्राम गांजा जब्त करने के साथ ही इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जाता है कि आरोपी आंध्र प्रदेश-ओडिशा सीमा क्षेत्रों में स्थानीय लोगों से गांजा खरीदते थे और एक मालवाहक वाहन से दक्षिण भारत के कई राज्यों में इसकी आपूर्ति करते थे. सिटी सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) के मुताबिक बेंगलुरु में गांजा सप्लाई करने वाले सलमान के अलावा राजस्थान के चंद्रभान बिश्नोई और आंध्र प्रदेश के लक्ष्मी मोहन दास को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य आरोपी चंद्रभान बिश्नोई एमबीए ग्रेजुएट है, जबकि लक्ष्मी मोहन दास बीए ग्रेजुएट हैं. दोनों गांजे की अंतरराज्यीय बिक्री में शामिल थे.
इस बारे में शहर के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद के अनुसार, 'एक अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क का पता तब चला जब सलमान नाम के एक आरोपी, जिसे हाल ही में बेंगलुरु के चामराजपेट पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार किया गया था, उससे पूछताछ की गई. इसके बाद पुलिस की टीम आंध्र प्रदेश के विखापट्टनम गई और तीन सप्ताह तक अभियान चलाया. वहीं पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों चंद्रभान बिश्नोई और लक्ष्मी मोहन दास को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.
फिल्मी स्टाइल में गांजा परिवहन करने वाले आरोपियों के पास राजस्थान रजिस्ट्रेशन का एक माल वाहन था. उन्होंने वाहन में गांजा ले जाने के लिए उपयुक्त व्यवस्था की थी. इतना ही नहीं वे वाहन के लिए विभिन्न फर्जी नंबर प्लेटों का उपयोग कर रहे थे. साथ ही उन्होंने गाड़ी के माल डिब्बे के नीचे एक और गुप्त डिब्बा बना रखा था. पुलिस ने बताया कि कि गांजा परिवहन करते समय ऊपरी माल डिब्बे में फ्लिपकार्ट पार्सल बक्से में भी गांजा रखा गया था. आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ चामराजपेट पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई है और एनडीपीएस अधिनियम के कॉलम 20 (बी) (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
शहर पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने सीसीबी पुलिस के काम की सराहना करते हुए कहा कि यह पता चला है कि बेंगलुरु आने वाले अधिकांश गांजे के पीछे ये आरोपी हैं. यह कर्नाटक पुलिस द्वारा जब्त किए गए सबसे बड़े ड्रग मामलों में से एक है. उन्होंने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ हमारा अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा.
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