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Karnataka Elections: हासन में भाजपा और जेडीयू के बीच मुकाबला, मतदान से पहले जीत के दावों का दौर जारी - कर्नाटक विधानसभा चुनाव

कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Elections) के लिए 10 मई को मतदान होना है. हासन विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला भाजपा और जेडीयू के बीच माना जा रहा है. पिछला चुनाव भाजपा ने जीता था, इस बार भी उसका दावा है कि पार्टी एक लाख वोट से जीतेगी. वहीं, जेडीयू के उम्मीदवार को अपनी जीत पर भरोसा है. कुल मिलाकर मतदान से पहले जीत के दावों का दौर जारी है.

BJP and JDU candidates
भाजपा और जेडीयू प्रत्याशी
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Published : May 5, 2023, 3:54 PM IST

Updated : May 5, 2023, 9:42 PM IST

खास रिपोर्ट

बेंगलुरु : टिकट वितरण को लेकर काफी सुर्खियाें में रहा हासन निर्वाचन क्षेत्र अब चुनावी अखाड़ा बन गया है. पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भवानी रेवन्ना की मांग को दरकिनार करते हुए स्वरूप प्रकाश को जेडीएस का टिकट दिया है, बीजेपी से मौजूदा विधायक प्रीतम गौड़ा चुनाव मैदान में हैं जबकि कांग्रेस से बीके रंगास्वामी उम्मीदवार हैं.

मूर्तिकला कला के लिए प्रसिद्ध हासन निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के मौजूदा विधायक प्रीतम गौड़ा और जेडीएस के उम्मीदवार स्वरूप प्रकाश के बीच मुकाबला है. हासन, पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा का गृह जिला है. राजनीति के क्षेत्र की बात करें तो ये स्थान हमेशा से ही चर्चा में रहा है. जेडीएस के गढ़ में भाजपा के प्रीतम गौड़ा ने पिछली बार कमल खिलाकर सबको चौंका दिया था. उस हार को अपनी हार समझने वाले पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना बदला लेने की बात कर रहे हैं. वहीं, पिछली जीत से उत्साहित प्रीतम गौड़ा ने चुनौती दी है और विश्वास जताया है कि इस सीट पर भाजपा पचास नहीं, बल्कि एक लाख वोट से जीतेगी.

भवानी रेवन्ना ने यहां से जेडीएस का टिकट मांगा था. पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना ने दबाव बनाया कि उनकी पत्नी के टिकट मिले, हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सभी को विश्वास में लेते हुए एक साधारण कार्यकर्ता स्वरूप को टिकट दे दिया. इसके बाद भवानी रेवन्ना ने स्वरूप के लिए प्रचार शुरू कर दिया है. उन्होंने खुले तौर पर कहा कि वह पार्टी के बुजुर्गों की बातों से बड़ी नहीं हैं, उन्होंने खुद कुमारस्वामी से कहा, तब स्वरूप को टिकट दिया गया.

विधायक प्रीतम गौड़ा ने भाजपा की ओर से भव्य तरीके से नामांकन पत्र दाखिल किया. साथ ही प्रीतम ने भवानी रेवन्ना को टिकट नहीं देने पर जेडीएस पर निशाना साधा. इसके दो दिनों के भीतर, देवेगौड़ा, कुमारस्वामी और भवानी रेवन्ना भी स्वरूप के लिए खड़े हो गए और जोर-शोर से अभियान और रोड शो करके इसका प्रतिकार किया. पूर्व जिला पंचायत सदस्य भवानी रेवन्ना ने भी कहा कि 'स्वरूप मेरे बेटे की तरह है. मैंने उसे हमेशा उसी तरह देखा है. मैं आज उसे दिल से आशीर्वाद दे रही हूं. उसे जितना आपकी जिम्मेदारी है. हसन निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा का कुशासन बंद होना चाहिए'

जातिगत समीकरण रखते हैं मायने : हासन निर्वाचन क्षेत्र में ज्यादा वोक्कालिगा हैं, विशेष रूप से दासा वोक्कालिगा, जो उप-जनजाति हैं. चूंकि जेडीएस शुरू से ही इस समुदाय को टिकट देती रही है, इसलिए मतदाताओं ने उन्हें चुना है. हालांकि, ऐसी अफवाहें हैं कि भवानी के मुल्लू वोक्कालिगा होने की संभावना के कारण कुमारस्वामी ने टिकट से इनकार कर दिया. वर्तमान में जेडीएस और बीजेपी के उम्मीदवार एक ही दासा हैं, इसलिए वोट का बंटवारा तय है. ऐसे में दोनों प्रत्याशी दूसरे समुदाय के वोट बटोरने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

सभी कर रहे जीत के दावे : मौजूदा बीजेपी विधायक प्रीतम गौड़ा ने कहा कि 'इतना बड़ा परिवार मुझ पर टूट पड़ा है, लेकिन, लोगों का मुझ पर विश्वास है. मुझे अपनी कार्यशैली पर भरोसा है. मैं आज किसी बात का जवाब नहीं दूंगा. रिजल्ट वाले दिन का इंतजार करें.'

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि 'जिले की सात में से सात सीटों पर जेडीएस उम्मीदवारों को जीत हासिल करनी चाहिए. इसके लिए हमने सभी जरूरी तैयारियां कर ली हैं.'

वहीं, जेडीएस उम्मीदवार स्वरूप प्रकाश ने कहा कि 'हमारे कार्यकर्ता मजबूत हैं. हमारी पार्टी के बुजुर्गों सहित निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने मुझे जिताने का वादा किया है. मेरे पिता ने जो विकास कार्य किए हैं, वह निश्चित रूप से काम आएंगे, जीत मिलेगी.'

जेडीएस नेता चंद्रू का कहना है कि 'बीजेपी के प्रीतम गौड़ा के शब्द अभी उन्हें परेशान कर रहे हैं. पहले उन्हें जीतने का जुनून था, लेकिन अब उन्हें लगता है कि यह जीत के रूप में पर्याप्त है. अफवाहें हैं कि जेडीएस की जीत आसान होगी. प्रीतम के अहंकारपूर्ण शब्दों ने जेडीएस उम्मीदवार की मदद की है. इसलिए हमारे प्रत्याशी की जीत पक्की है.'

भाजपा नेता विजय कुमार का कहना है कि 'हासन जेडीएस का गढ़ है. पिछले चुनाव में कमल खिला था. यह तय है कि बीजेपी इस चुनाव में चार सीटों पर जीत हासिल करेगी. हमने अच्छे काम किए हैं, हम उन्हें मतदाताओं के सामने रख रहे हैं. पार्टी में अच्छे कार्यकर्ता हैं इसलिए हमारी जीत पक्की है.'

स्थानीय निवासी अविनाश का कहना है कि 'यह नहीं कहा जा सकता है कि जमीनी स्तर पर सारा विकास हुआ है. शैक्षिक स्तर में सुधार होना चाहिए. सड़कों पर डामरीकरण के अलावा और कुछ नहीं हुआ है. एक विधायक को जो करना था वह किया लेकिन, और सुधार की जरूरत है. निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा और जेडीएस के बीच कांटे की टक्कर है. जो भी जीतेगा वह बहुत कम अंतर से जीतेगा.'

पढ़ें- Karnataka Election 2023 : चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को बोम्मई ने किया खारिज, कहा- कांग्रेस को नहीं होगा फायदा

खास रिपोर्ट

बेंगलुरु : टिकट वितरण को लेकर काफी सुर्खियाें में रहा हासन निर्वाचन क्षेत्र अब चुनावी अखाड़ा बन गया है. पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भवानी रेवन्ना की मांग को दरकिनार करते हुए स्वरूप प्रकाश को जेडीएस का टिकट दिया है, बीजेपी से मौजूदा विधायक प्रीतम गौड़ा चुनाव मैदान में हैं जबकि कांग्रेस से बीके रंगास्वामी उम्मीदवार हैं.

मूर्तिकला कला के लिए प्रसिद्ध हासन निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के मौजूदा विधायक प्रीतम गौड़ा और जेडीएस के उम्मीदवार स्वरूप प्रकाश के बीच मुकाबला है. हासन, पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा का गृह जिला है. राजनीति के क्षेत्र की बात करें तो ये स्थान हमेशा से ही चर्चा में रहा है. जेडीएस के गढ़ में भाजपा के प्रीतम गौड़ा ने पिछली बार कमल खिलाकर सबको चौंका दिया था. उस हार को अपनी हार समझने वाले पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना बदला लेने की बात कर रहे हैं. वहीं, पिछली जीत से उत्साहित प्रीतम गौड़ा ने चुनौती दी है और विश्वास जताया है कि इस सीट पर भाजपा पचास नहीं, बल्कि एक लाख वोट से जीतेगी.

भवानी रेवन्ना ने यहां से जेडीएस का टिकट मांगा था. पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना ने दबाव बनाया कि उनकी पत्नी के टिकट मिले, हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सभी को विश्वास में लेते हुए एक साधारण कार्यकर्ता स्वरूप को टिकट दे दिया. इसके बाद भवानी रेवन्ना ने स्वरूप के लिए प्रचार शुरू कर दिया है. उन्होंने खुले तौर पर कहा कि वह पार्टी के बुजुर्गों की बातों से बड़ी नहीं हैं, उन्होंने खुद कुमारस्वामी से कहा, तब स्वरूप को टिकट दिया गया.

विधायक प्रीतम गौड़ा ने भाजपा की ओर से भव्य तरीके से नामांकन पत्र दाखिल किया. साथ ही प्रीतम ने भवानी रेवन्ना को टिकट नहीं देने पर जेडीएस पर निशाना साधा. इसके दो दिनों के भीतर, देवेगौड़ा, कुमारस्वामी और भवानी रेवन्ना भी स्वरूप के लिए खड़े हो गए और जोर-शोर से अभियान और रोड शो करके इसका प्रतिकार किया. पूर्व जिला पंचायत सदस्य भवानी रेवन्ना ने भी कहा कि 'स्वरूप मेरे बेटे की तरह है. मैंने उसे हमेशा उसी तरह देखा है. मैं आज उसे दिल से आशीर्वाद दे रही हूं. उसे जितना आपकी जिम्मेदारी है. हसन निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा का कुशासन बंद होना चाहिए'

जातिगत समीकरण रखते हैं मायने : हासन निर्वाचन क्षेत्र में ज्यादा वोक्कालिगा हैं, विशेष रूप से दासा वोक्कालिगा, जो उप-जनजाति हैं. चूंकि जेडीएस शुरू से ही इस समुदाय को टिकट देती रही है, इसलिए मतदाताओं ने उन्हें चुना है. हालांकि, ऐसी अफवाहें हैं कि भवानी के मुल्लू वोक्कालिगा होने की संभावना के कारण कुमारस्वामी ने टिकट से इनकार कर दिया. वर्तमान में जेडीएस और बीजेपी के उम्मीदवार एक ही दासा हैं, इसलिए वोट का बंटवारा तय है. ऐसे में दोनों प्रत्याशी दूसरे समुदाय के वोट बटोरने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

सभी कर रहे जीत के दावे : मौजूदा बीजेपी विधायक प्रीतम गौड़ा ने कहा कि 'इतना बड़ा परिवार मुझ पर टूट पड़ा है, लेकिन, लोगों का मुझ पर विश्वास है. मुझे अपनी कार्यशैली पर भरोसा है. मैं आज किसी बात का जवाब नहीं दूंगा. रिजल्ट वाले दिन का इंतजार करें.'

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि 'जिले की सात में से सात सीटों पर जेडीएस उम्मीदवारों को जीत हासिल करनी चाहिए. इसके लिए हमने सभी जरूरी तैयारियां कर ली हैं.'

वहीं, जेडीएस उम्मीदवार स्वरूप प्रकाश ने कहा कि 'हमारे कार्यकर्ता मजबूत हैं. हमारी पार्टी के बुजुर्गों सहित निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने मुझे जिताने का वादा किया है. मेरे पिता ने जो विकास कार्य किए हैं, वह निश्चित रूप से काम आएंगे, जीत मिलेगी.'

जेडीएस नेता चंद्रू का कहना है कि 'बीजेपी के प्रीतम गौड़ा के शब्द अभी उन्हें परेशान कर रहे हैं. पहले उन्हें जीतने का जुनून था, लेकिन अब उन्हें लगता है कि यह जीत के रूप में पर्याप्त है. अफवाहें हैं कि जेडीएस की जीत आसान होगी. प्रीतम के अहंकारपूर्ण शब्दों ने जेडीएस उम्मीदवार की मदद की है. इसलिए हमारे प्रत्याशी की जीत पक्की है.'

भाजपा नेता विजय कुमार का कहना है कि 'हासन जेडीएस का गढ़ है. पिछले चुनाव में कमल खिला था. यह तय है कि बीजेपी इस चुनाव में चार सीटों पर जीत हासिल करेगी. हमने अच्छे काम किए हैं, हम उन्हें मतदाताओं के सामने रख रहे हैं. पार्टी में अच्छे कार्यकर्ता हैं इसलिए हमारी जीत पक्की है.'

स्थानीय निवासी अविनाश का कहना है कि 'यह नहीं कहा जा सकता है कि जमीनी स्तर पर सारा विकास हुआ है. शैक्षिक स्तर में सुधार होना चाहिए. सड़कों पर डामरीकरण के अलावा और कुछ नहीं हुआ है. एक विधायक को जो करना था वह किया लेकिन, और सुधार की जरूरत है. निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा और जेडीएस के बीच कांटे की टक्कर है. जो भी जीतेगा वह बहुत कम अंतर से जीतेगा.'

पढ़ें- Karnataka Election 2023 : चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को बोम्मई ने किया खारिज, कहा- कांग्रेस को नहीं होगा फायदा

Last Updated : May 5, 2023, 9:42 PM IST
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