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कर्नाटक: बेंगलुरू में क्राइम ब्रांच ने किया फर्जी मार्कशीट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

कर्नाटक के बेंगलुरु में केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) की टीम ने एक फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. टीम ने इस रैकेट को चला रहे चार आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है.

Fake marksheet making racket busted
फर्जी मार्कशीट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़
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Published : Dec 6, 2022, 7:31 PM IST

बेंगलुरु (कर्नाटक): सिलिकॉन सिटी कहे जाने वाले कर्नाटक के बेंगलुरु में केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) की टीम ने एक निजी संस्थान में छापा मारकर फर्जी अंक पत्र जारी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. यहां डिग्री सहित विभिन्न प्रकार के फर्जी अंक पत्र लाखों रुपये में बेचे जाते थे. सीसीबी की टीम ने इस रैकेट में शामिल वेंकटेश्वर संस्थान के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

बेंगलुरु में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़

शहर के पुलिस आयुक्त प्रताप रेड्डी ने कहा ने कहा कि वीएसएस संगठन की वेबसाइट पिछले पांच सालों से काम कर रही है और किशोर, शारदा, शिल्पा और राजन्ना, जो इसमें काम कर रहे थे, उनको गिरफ्तार किया गया. 20 से अधिक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की 1,000 से अधिक फर्जी मार्कशीट और 70 मुहरें बरामद की गई हैं, जिनमें कर्नाटक ओपन यूनिवर्सिटी, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल की युनिवर्सिटी शामिल हैं. इसके अलावा इनके पास से हार्ड डिस्क, प्रिंटर और मोबाइल भी जब्त किए गए हैं.

उन्होंने महालक्ष्मी लेआउट समेत तीन जगहों पर कार्यालय खोल रखे थे और ऑनलाइन माध्यम से विज्ञापन दिया था. ऐसा प्रतीत होता है कि अंक पत्र की जरूरत वालों से संपर्क कर रहे आरोपी राज्य और अंतरराज्यीय विश्वविद्यालयों के अंक पत्र तैयार कर भुगतान करने वाले अभ्यर्थियों को बेचकर अवैध रूप से पैसे कमा रहे थे. पिछले दिनों आरोपी एक युवक के पास पहुंचा और उससे कहा कि एक लाख रुपए दोगे तो हम बिना परीक्षा के डिग्री अंक पत्र दिला सकते हैं.

पढ़ें: सॉफ्टवेयर कर्मचारी ने सर्जिकल ब्लेड से की मेडिकल छात्रा की हत्या

ऐसे में आरोपितों ने युवक के वाट्सएप नंबर पर फर्जी अंक पत्र भेजे थे. इस बात पर शक होने पर युवक ने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी. इस शिकायत के आधार पर अवैध नेटवर्क का पता तब चला जब महालक्ष्मी लेआउट के केंद्रीय कार्यालय समेत तीन कार्यालयों पर छापा मारा गया. वे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के एसएसएलसी, पीयूसी, इंजीनियरिंग, बीबीएम समेत एक अंक पत्र के लिए छात्रों से 50 हजार से एक लाख रुपये वसूल करते थे. आयुक्त ने कहा कि छात्रों को बिना परीक्षा लिखे ही राज्य और गैर-राज्य विश्वविद्यालयों के फर्जी अंक पत्र दे दिए गए.

बेंगलुरु (कर्नाटक): सिलिकॉन सिटी कहे जाने वाले कर्नाटक के बेंगलुरु में केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) की टीम ने एक निजी संस्थान में छापा मारकर फर्जी अंक पत्र जारी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. यहां डिग्री सहित विभिन्न प्रकार के फर्जी अंक पत्र लाखों रुपये में बेचे जाते थे. सीसीबी की टीम ने इस रैकेट में शामिल वेंकटेश्वर संस्थान के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

बेंगलुरु में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़

शहर के पुलिस आयुक्त प्रताप रेड्डी ने कहा ने कहा कि वीएसएस संगठन की वेबसाइट पिछले पांच सालों से काम कर रही है और किशोर, शारदा, शिल्पा और राजन्ना, जो इसमें काम कर रहे थे, उनको गिरफ्तार किया गया. 20 से अधिक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की 1,000 से अधिक फर्जी मार्कशीट और 70 मुहरें बरामद की गई हैं, जिनमें कर्नाटक ओपन यूनिवर्सिटी, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल की युनिवर्सिटी शामिल हैं. इसके अलावा इनके पास से हार्ड डिस्क, प्रिंटर और मोबाइल भी जब्त किए गए हैं.

उन्होंने महालक्ष्मी लेआउट समेत तीन जगहों पर कार्यालय खोल रखे थे और ऑनलाइन माध्यम से विज्ञापन दिया था. ऐसा प्रतीत होता है कि अंक पत्र की जरूरत वालों से संपर्क कर रहे आरोपी राज्य और अंतरराज्यीय विश्वविद्यालयों के अंक पत्र तैयार कर भुगतान करने वाले अभ्यर्थियों को बेचकर अवैध रूप से पैसे कमा रहे थे. पिछले दिनों आरोपी एक युवक के पास पहुंचा और उससे कहा कि एक लाख रुपए दोगे तो हम बिना परीक्षा के डिग्री अंक पत्र दिला सकते हैं.

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ऐसे में आरोपितों ने युवक के वाट्सएप नंबर पर फर्जी अंक पत्र भेजे थे. इस बात पर शक होने पर युवक ने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी. इस शिकायत के आधार पर अवैध नेटवर्क का पता तब चला जब महालक्ष्मी लेआउट के केंद्रीय कार्यालय समेत तीन कार्यालयों पर छापा मारा गया. वे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के एसएसएलसी, पीयूसी, इंजीनियरिंग, बीबीएम समेत एक अंक पत्र के लिए छात्रों से 50 हजार से एक लाख रुपये वसूल करते थे. आयुक्त ने कहा कि छात्रों को बिना परीक्षा लिखे ही राज्य और गैर-राज्य विश्वविद्यालयों के फर्जी अंक पत्र दे दिए गए.

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