नई दिल्ली : कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच लंबे समय से चला आ रहा कावेरी नदी जल-बंटवारा विवाद अभी तक किसी समाधान पर नहीं पहुंचा है. इस मसले पर बातचीत के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मंगलवार देर रात दिल्ली पहुंचे. कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कावेरी नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले मंगलवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कई मंत्रियों के साथ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की. इस मुलाकात में कावेरी मुद्दे पर चर्चा हुई.
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#WATCH | Delhi | Karnataka CM Siddaramaiah and Deputy CM DK Shivakumar hold an important meeting regarding Cauvery river water sharing issue wherein Cauvery Water Management Authority ordered the state Govt to release 5000 cusecs of water to Tamil Nadu. pic.twitter.com/IEgp2RKXHq
— ANI (@ANI) September 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 20, 2023#WATCH | Delhi | Karnataka CM Siddaramaiah and Deputy CM DK Shivakumar hold an important meeting regarding Cauvery river water sharing issue wherein Cauvery Water Management Authority ordered the state Govt to release 5000 cusecs of water to Tamil Nadu. pic.twitter.com/IEgp2RKXHq
— ANI (@ANI) September 20, 2023
जानकारी के मुताबिक प्रह्लाद जोशी से मुलाकात के दौरान डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, मंत्री टीबी जयचंद्र, सांसद डीके सुरेश और सांसद जीसी चंद्रशेखर भी मौजूद थे. सूत्रों ने बताया कि आज दिल्ली में होने वाली बैठक में कावेरी विवाद के अलावा, केंद्र सरकार के समक्ष लंबित राज्य परियोजनाओं और सूखा राहत मुद्दों पर भी चर्चा कर रहे हैं. इस बीच, कर्नाटक सरकार के दिल्ली विशेष प्रतिनिधि टीबी जयचंद्र पहले ही नई दिल्ली पहुंचे. उन्होंने आज होने वाली महत्वपूर्ण बैठक के लिए कर्नाटक भवन में प्रारंभिक चर्चा भी की. बैठक में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री, राज्य के लोकसभा और राज्यसभा सदस्य शामिल हुए.
इससे पहले पिछले हफ्ते कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक राज्य अपने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है. सिद्धारमैया ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछले 100 वर्षों की तुलना में हमें अगस्त में बारिश की भारी कमी का सामना करना पड़ा है. हमारे पास पानी नहीं है, इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं.
इस मसले पर बेंगलुरु में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई थी. जिसके बाद सिद्धारमैया ने कहा था कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखने और दिल्ली में कर्नाटक के सभी सांसदों और मंत्रियों से मिलने का निर्णय लिया गया है.
दूसरी ओर तमिलनाडु ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक राज्य सरकार कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के आदेश का पालन नहीं कर रही है. कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने कर्नाटक को 26 सितंबर तक 5000 क्यूसेक कावेरी का पानी छोड़ने के लिए कहा था.
दुरई मुरुगन ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक के बांधों में पानी है, लेकिन राज्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के निर्देशों के अनुसार इसे छोड़ने से इनकार कर रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने सोमवार को कहा कि दो पड़ोसी राज्यों के बीच का 'झगड़ा' 'कानूनी रूप से' हल नहीं होगा और दोनों पक्षों के एक साथ बैठने के बाद ही कोई समाधान निकलेगा.