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Karnataka news : ट्रैक पर पेड़ गिरा देख लाल कपड़ा लेकर दौड़ी 70 साल की महिला, बचा ट्रेन हादसा - karnataka news

कर्नाटक में एक 70 साल की महिला की सूझबूझ और दिलेरी से एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया. घटना 21 मार्च की है, जब ट्रैक पर पेड़ गिरा देख वह लाल कपड़ा लेकर ट्रेन की ओर से भागीं और समय रहते उसे रुकवा दिया.

Chandrawati
चंद्रावती
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Published : Apr 4, 2023, 7:30 PM IST

मंगलुरु : मंगलुरु में एक 70 वर्षीय महिला ने एक बड़ा ट्रेन हादसा होने से बचा लिया. घटना 21 मार्च को दोपहर करीब 2.10 बजे पडिल-जोकाते के बीच मंदरा ट्रैप पर हुई.

21 मार्च की दोपहर करीब 2.10 बजे रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिर गया. उसी दौरान मंगलौर से मुंबई जाने वाली मत्स्यगंधा ट्रेन आ रही थी. यह देखकर चंद्रावती घर से एक लाल कपड़ा ले आई और ट्रेन के सामने लहराने लगीं. लोको पायलट ने खतरे को भांपते हुए ट्रेन की स्पीड कम कर दी और ट्रेन को रोक दिया. इस प्रकार एक संभावित हादसा बच गया. बाद में स्थानीय लोगों और रेलवे विभाग के कर्मचारियों ने रेलवे ट्रैक पर गिरे पेड़ को हटाया.

इस बारे में बात करते हुए चंद्रावती ने कहा, 'मैं खाना खाने के बाद घर के आंगन में बैठी थी. घर में मेरी बड़ी बहन सोई हुई थी. उसी दौरान मैंने देखा कि घर के सामने रेलवे ट्रैक पर एक बड़ा सा पेड़ गिरा हुआ है.'

चंद्रावती ने कहा कि 'हमेशा की तरह मुझे उस वक्त मैंगलोर से मुंबई जाने वाली ट्रेन की जानकारी थी. मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या करना है.ट्रेन के हॉर्न की आवाज सुनकर मैंने किसी को फोन करके सूचना देने के लिए घर के अंदर गई. मैंने तुरंत वहां एक लाल कपड़ा देखा, उसे पकड़ा और ट्रैक पर दौड़ी. मेरे हार्ट का ऑपरेशन हुआ है, उसके बावजूद दौड़कर ट्रेन के पास पहुंची. ट्रेन करीब आधा घंटे तक ट्रैक पर खड़ी रही. स्थानीय लोगों के सहयोग से बाद में पेड़ को हटा दिया गया.' लोग चंद्रावती के काम की तारीफ कर रहे हैं.

पढ़ें- Kerala Train Fire Case: एटीएस गाजियाबाद ने बुलंदशहर में की छापेमारी, एक युवक को हिरासत में लिया

मंगलुरु : मंगलुरु में एक 70 वर्षीय महिला ने एक बड़ा ट्रेन हादसा होने से बचा लिया. घटना 21 मार्च को दोपहर करीब 2.10 बजे पडिल-जोकाते के बीच मंदरा ट्रैप पर हुई.

21 मार्च की दोपहर करीब 2.10 बजे रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिर गया. उसी दौरान मंगलौर से मुंबई जाने वाली मत्स्यगंधा ट्रेन आ रही थी. यह देखकर चंद्रावती घर से एक लाल कपड़ा ले आई और ट्रेन के सामने लहराने लगीं. लोको पायलट ने खतरे को भांपते हुए ट्रेन की स्पीड कम कर दी और ट्रेन को रोक दिया. इस प्रकार एक संभावित हादसा बच गया. बाद में स्थानीय लोगों और रेलवे विभाग के कर्मचारियों ने रेलवे ट्रैक पर गिरे पेड़ को हटाया.

इस बारे में बात करते हुए चंद्रावती ने कहा, 'मैं खाना खाने के बाद घर के आंगन में बैठी थी. घर में मेरी बड़ी बहन सोई हुई थी. उसी दौरान मैंने देखा कि घर के सामने रेलवे ट्रैक पर एक बड़ा सा पेड़ गिरा हुआ है.'

चंद्रावती ने कहा कि 'हमेशा की तरह मुझे उस वक्त मैंगलोर से मुंबई जाने वाली ट्रेन की जानकारी थी. मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या करना है.ट्रेन के हॉर्न की आवाज सुनकर मैंने किसी को फोन करके सूचना देने के लिए घर के अंदर गई. मैंने तुरंत वहां एक लाल कपड़ा देखा, उसे पकड़ा और ट्रैक पर दौड़ी. मेरे हार्ट का ऑपरेशन हुआ है, उसके बावजूद दौड़कर ट्रेन के पास पहुंची. ट्रेन करीब आधा घंटे तक ट्रैक पर खड़ी रही. स्थानीय लोगों के सहयोग से बाद में पेड़ को हटा दिया गया.' लोग चंद्रावती के काम की तारीफ कर रहे हैं.

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