करनाल : खेती आज ऐसा व्यवसाय बन गई है, जहां लागत बढ़ती जा रही है. नई तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए महंगी मशीनें, महंगा खाद और महंगा बीज इन सब चीजों ने खेती की लागत को बढ़ा दिया है. इसके बाद भी किसानों को मुनाफा कम मिल रहा है. ऐसे में जीरो बजट फार्मिंग (Zero Budget Farming) किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. क्योंकि इसमें लागत न के बराबर है और मुनाफा ज्यादा है. जीरो बजट यानी प्राकृतिक खेती से किसानों को कम लागत में ज्यादा पैदावार मिलती है.
करनाल के किसान जितेंद्र मिगलानी जीरो बजट फार्मिंग (Farmer Jitendra Zero Budget Farming) के जरिए अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. फरीदपुर गांव (Faridpur Village Karnal) में रहने वाले किसान जितेंद्र मिगलानी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि उनके परिवार में कैंसर की वजह से एक सदस्य की मौत हो गई थी. डॉक्टर ने इसकी मुख्य वजह पेस्टिसाइड युक्त खाने को बताया था. तब से जितेंद्र ने सोचा कि क्यों न बिना पेस्टिसाइड की खेती की जाए. इसके बाद जितेंद्र ने 5 एकड़ में बाग लगाया. 5 लेयर बाग से जितेंद्र आज मल्टी क्रॉप भी ले रहे हैं.
![खेत में हर तरीके का पेड़, पौधा, फल, सब्जियां, दालें मिल जाती हैं](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hr-kar-01-zero-budget-farming-spl-7204690_04092021101058_0409f_1630730458_943.jpg)
जितेंद्र ने कहा कि जीरो बजट फार्मिंग यहां पर पूरी तरह से सफल हो गई. अब वो 27 एकड़ जमीन पर जीरो बजट फार्मिंग के फार्मूले पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. साल 2013 में उन्होंने प्राकृतिक खेती में कदम रखा था और आज वो भारत के नंबर वन प्राकृतिक खेती उत्पाद उगाने वाले फॉर्मर बन गए हैं. जितेंद्र को ऑर्गेनिक खेती में कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं.
जितेंद्र ने बताया कि शुरुआत के तीन साल उन्होंने खेतों में जीव अमृत का इस्तेमाल किया. अब उनको इसकी जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि उनका खेत पूरी तरह से प्राकृतिक खेती वाला बन गया है. अब वो बिना किसी लागत के लाखों रुपये कमा रहे हैं. जितेंद्र ने कहा कि उन्होंने अपने खेत में फल, अनाज, सब्जियां, दालें, मसाले और भी कई तरीकों के पेड़ पौधे लगाए हुए हैं. गन्ने को छोड़कर उनके खेत में हर तरीके का पेड़, पौधा, फल, सब्जियां, दालें मिल जाती हैं. जो पूरी तरीके से ऑर्गेनिक होती हैं.
![जीरो बजट फार्मिंग से अच्छा मुनाफा कमा रहे किसान जितेंद्र](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hr-kar-01-zero-budget-farming-spl-7204690_04092021101058_0409f_1630730458_534.jpg)
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जितेंद्र के मुताबिक शुरुआती समय में उत्पाद की मार्केटिंग के लिए उसे काफी समस्या आई, लेकिन समय बीतने के साथ सब सही होता चला गया. अब उनके पास चंडीगढ़, पंचकूला, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा जैसे बड़े शहरों से लोग ऑर्गेनिक उत्पाद लेने के लिए घर पर ही आते हैं. रसायन वाले उत्पाद से ज्यादा रेट उनको मिलते हैं. उन्होंने कहा कि वो अपने खेत में किसी भी तरीके के रसायन का प्रयोग नहीं करते.
जो घास उनके खेत में उगती है. उनकी मल्चिंग करके उसको खेत में ही डाल दिया जाता है. जिससे खरपतवार भी नहीं उगती और वो खाद का काम भी करती है. जितेंद्र ने कहा कि इसमें सिर्फ निराई-गुड़ाई पर खर्च आता है. उसकी लागत किसान खेतों में मल्टी क्रॉप लगाकर ले सकते हैं. जितेंद्र ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति जीरो बजट फार्मिंग यानी प्राकृतिक खेती करना चाहता है उसके लिए छोटी सी जगह से शुरुआत कर सकता है. क्योंकि एकदम से ज्यादा एकड़ में करना सही नहीं रहेगा.
![फल, अनाज, सब्जियां, दालें, मसाले सब जैविक तरीके से उगाते हैं जितेंद्र](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hr-kar-01-zero-budget-farming-spl-7204690_04092021101058_0409f_1630730458_950.jpg)
कुछ साल में किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा सकता है. जीरो बजट प्राकृतिक खेती करने का एक तरीका है. जिसमें बिना किसी लागत के खेती की जाती है. कुल मिलाकर कहें तो ये पूरी तरह से प्राकृतिक खेती है. जीरो बजट फार्मिंग में आपको महंगे पेस्टिसाइड खरीदने नहीं पड़ेंगे. बस एक बार आपको बीज खरीदना है. फिर गाय और भैंस के गोबर से ही खाद बनाकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.