करनाल: बेटियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं है और यह साबित कर दिखाया है करनाल की बेटी दीक्षा गोयल (Karnal Diksha Goyal got First Rank) ने. दीक्षा ने CA इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में ऑल इंडिया लेवल पर पहला रैंक हासिल (Diksha got First Rank in CA Intermediate Exam) किया और जिले का नाम देश में रोशन किया है. दीक्षा ने 800 में से 693 अंक हासिल किए है. पहला रैंक हासिल करके दीक्षा दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनी है. दीक्षा के लिए पहला रैंक लाना आसान नहीं था. इसके लिए उसने कड़ी मेहनत की. दीक्षा बताती है कि उसने 13 से 14 घंटे तक पढ़ाई की है और जिसके बाद उसे कामयाबी मिली.
व्यवसायी की बेटी है दीक्षा: दीक्षा करनाल के व्यवसायी की बेटी है. दीक्षा की माने तो परिवार ने दीक्षा को हर तरह से स्पोर्ट किया. हालांकि 10वीं कक्षा के दौरान ही उसकी रुचि फाइनेंस में हो गई थी. जिसके बाद से ही उसने सीए बनने का टारगेट बना लिया था और उसके बाद से ही वह अपने लक्ष्य की (Karnal Diksha Goyal got First Rank) तरफ बढ़ने के लिए तैयार हो चुकी थी. सीए इंटरमीडिएट में दीक्षा की मेहनत रंग लाई और 800 में से 693 अंक लेकर ऑल इंडिया लेवल पर फर्स्ट रैंक हासिल किया.
परिवार में पहली CA बनेगी दीक्षा: दीक्षा ने बताया कि वे अपने परिवार से पहली CA बनेगी. बेटी की इस उपलब्धि से परिवार में भी खुशी का माहौल है. नवंबर माह में उनकी परीक्षा हुई थी. दीक्षा के पिता सुरेंद्र गोयल का भवन निर्माण सामग्री का व्यवसाय है. जबकि मां रेखा गोयल गृहिणी हैं. गत वर्ष सीए फाउंडेशन के परीक्षा परिणाम में भी उन्होंने 400 में से 355 अंक हासिल (Diksha got First Rank in CA Intermediate Exam) करके सफलता पाई थी.
दीक्षा की प्राथमिकता बिग फोर गुरुग्राम में ट्रेनिंग करना: बता दे कि CA फाइनल की परीक्षा देने से पहले तीन साल का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है. छात्रा ने बताया कि इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है. करनाल के अलावा गुरुग्राम या दिल्ली के किसी संस्थान में वे ट्रेनिंग करेंगी. उन्होंने बताया कि बिग फोर में ट्रेनिंग करना उनकी प्राथमिकता है. इसके लिए उन्हें भत्ता भी मिलेगा.
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12 वीं कक्षा में किया था टॉप: छात्रा ने बताया कि कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम में भी वे 2021 में अपने स्कूल ओपीएस विद्या मंदिर में टॉपर रही थी. गुरुओं का भी प्रोत्साहन मिला और पिता का भी मार्ग दर्शन मिला और उसको सफलता मिली. हालांकि पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए दीक्षा के पास कम समय था. लेकिन उसने पाठ्यक्रम पूरा कर लिया. दीक्षा बताती है कि किसी भी काम को सच्ची मेहनत और लगन से किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है. बेटियों को भी अगर बेटों की तरह बढ़ावा दिया जाए तो वे भी आसमान छू सकती है. (CA Intermediate Exam Result declared)
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