कानपुर: जम्मू कश्मीर के राजौरी में हुए आतंकी हमले में कानपुर का एक लाल शहीद हो गया. चौबेपुर थाना क्षेत्र के भाऊपुर गांव में जैसे ही करण के शहीद होने की खबर पहुंची, वैसे ही गम का माहौल हो गया. जानकारी मिलते ही गांव वाले करण के घर पर पहुंचने लगे और परिजनों को ढांढस बधाने लगे. शनिवार को सेना के जवान शहीद के घर पहुंचे. उन्होंने बताया कि जिन जवानों के शव क्षत विक्षत हो गए हैं, उनमें से एक करण का भी है. इसके बाद आज सुबह परिवार जम्मू जाने के लिए तैयार हो गया. शहीद करण की मां, पिता और भाई फ्लाइट से जम्मू के लिए रवाना हुए. रविवार को शहीद का शव कानपुर लाया जा सकता है.
करण 2013 में सेना में हुआ था भर्ती: गांव वालों का कहना है कि करण जिस गाड़ी को चला रहा था, उस गाड़ी पर आतंकियों ने चोरी छिपे हमला कर दिया. करण के शहीद होने की जानकारी होने से गांव वालों में इस बात को लेकर काफी गुस्सा भी है. गांव वालों ने बताया कि किसान बालक सिंह यादव के तीन बेटियां और दो बेटे थे. इनमें करण दूसरे नंबर पर था. करण 2013 में सेना में भर्ती हुआ था. करण हमेशा से ही अपने परिजनों से कहता था कि वह देश की सेवा ही करना चाहता है. इसीलिए उसने सेना को चुना था.
चौबेपुर थाना प्रभारी संजय पांडेय ने बताया कि शहीद करण के परिजनों को फ्लाइट से जम्मू कश्मीर के राजौरी भेजा गया है. वहां सैन्य प्रक्रिया के बाद शहीद का शव कानपुर लाया जा सकता है.
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