बांदीपोरा : आतंकवादियों को शरण देने और उन्हें रसद मुहैय्या करने वालों पर कार्रवाई जारी है. अधिकारियों ने कहा कि जम्मू और कश्मीर पुलिस ने सोमवार को बांदीपोरा में दो घरों को कथित रूप से आतंकवादियों को शरण देने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत कुर्क कर लिया गया.
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि घर दो 'आतंकवादी सहयोगियों' के हैं जो पहले से ही गिरफ्तार हैं. गुंडपोरा रामपुरा में आरोपी एजाज अहमद रेशी उर्फ डॉक्टर के पिता अब्दुल मजीद रेशी और आरोपी मकसूद अहमद मलिक के पिता मोहम्मद जमाल मलिक के चिट्टीबंदे अरागम गांव के दोमंजिला आवासीय घरों को यूएपीए अधिनियम की धारा 25 के तहत कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कुर्क किया गया.
प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर के संभागीय आयुक्त के आदेश से आतंकवाद की आय के दायरे में आने वाली संपत्ति की कुर्की की प्रक्रिया शुरू की गई थी. नोटिस के अनुसार इन मकानों के मालिकों को नामित प्राधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी तरह से उक्त संपत्ति को स्थानांतरित करने, पट्टे पर देने, निपटाने, इसकी प्रकृति बदलने या किसी भी तरह से व्यवहार करने से रोका गया है. कोई भी उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई होगी.
पिछले चार-पांच महीनों में घाटी में आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों के दर्जनों घरों और संपत्तियों को कुर्क किया गया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 3 मार्च को पाकिस्तान से संचालित बारामूला निवासी आतंकवादी बासित अहमद रेशी के घर को कुर्क कर लिया था. एक दिन पहले ही श्रीनगर के नौहट्टा में अल-उमर मुजाहिदीन के संस्थापक और मुख्य कमांडर मुश्ताक जरगर उर्फ लतरम की संपत्ति कुर्क की गई थी.
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