श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक नजरबंद नहीं हैं. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, 'हमने उन्हें न तो गिरफ्तार किया है और न ही वह नजरबंद हैं.' यह उल्लेख करते हुए कि मीरवाइज के पिता की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मौत हो गई थी, उन्होंने कहा कि अलगाववादी नेता की सुरक्षा के लिए उनके घर के आसपास पुलिस तैनात की गई थी.
सिन्हा ने कहा, '2019 में भी, मीरवाइज उमर फारूक को पीएसए के तहत हिरासत में नहीं लिया गया था. उन्हें न तो गिरफ्तार किया गया और न ही हिरासत में लिया गया. उन्हें तय करना होगा कि वह क्या करना चाहते हैं.' उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दावा किया है कि अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद नहीं किया गया है लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए उनके घर के आसपास पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
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हालांकि, मीरवाइज के नेतृत्व वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं और मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने मनोज सिन्हा के बयान पर आश्चर्य व्यक्त किया. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने एक बार फिर अपने प्रेस बयान के जरिए मीरवाइज उमर फारूक की रिहाई की मांग की. उन्होंने प्रशासन से उनकी नजरबंदी समाप्त करने का आग्रह किया ताकि वह अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें.