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आतंकी कनेक्शन : जम्मू-कश्मीर सरकार ने छह कर्मचारियों को किया बर्खास्त

जम्मू कश्मीर सरकार के दो पुलिस कर्मियों सहित छह कर्मचारियों को आतंकवादियों के साथ कथित संबंधों को लेकर बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

जम्मू-कश्मीर सरकार
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Published : Sep 22, 2021, 3:08 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 10:35 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर सरकार के दो पुलिस कर्मियों सहित छह कर्मचारियों को आतंकवादियों के साथ कथित संबंधों को लेकर बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (सी) के तहत मामलों की सिफारिश करने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन की विशेष समिति ने इन बर्खास्तगी को मंजूरी दी. छह कर्मचारियों को आतंकवादियों से संपर्क रखने और उनके लिए काम करने को लेकर बर्खास्त कर दिया गया.

इन कर्मचारियों में अनंतनाग के बिजबेहरा निवासी अब्दुल हामिद वानी भी शामिल है जो शिक्षक के तौर पर कार्यरत था. अधिकारियों के अनुसार सरकारी सेवा में आने से पहले, वानी अब निष्क्रिय हो गए आतंकवादी संगठन, अल्लाह टाइगर्स का जिला कमांडर था.

आरोप है कि वानी ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के प्रभाव का फायदा उठाकर बिना किसी चयन प्रक्रिया के रोजगार हासिल कर लिया और वह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन के चेहरे बुरहान वानी की मौत के बाद 2016 में हुए आंदोलन के दौरान प्रमुख वक्ताओं और आयोजकों में एक था. यह भी आरोप है कि उसने अलगाववादी विचारधारा का प्रचार किया.

अधिकारियों ने कहा कि जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ के निवासी पुलिस कांस्टेबल जफर हुसैन बट को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (एनआईए) ने हथियारों के कारोबार के एक मामले में आरोपपत्र दायर किया था.

बट अभी जमानत पर है और आरोप है कि उसने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को अपनी कार दी थी और उनकी सुरक्षित आवाजाही में मदद की थी.

अधिकारियों के अनुसार किश्तवाड़ के रहने वाले और सड़क एवं भवन विभाग में कनिष्ठ सहायक मोहम्मद रफी बट को किश्तवाड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को साजो-सामान मुहैया कराने तथा आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद को लेकर बर्खास्त कर दिया गया है. उसका नाम भी एनआईए द्वारा दर्ज प्राथमिकी में है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और फिलहाल वह जमानत पर है.

यह भी पढ़ें- आतंकी कनेक्शन : सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटे समेत 11 कर्मचारी बर्खास्त

उन्होंने बताया कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला निवासी लियाकत अली काकरू को 2001 में गिरफ्तार किया गया था जिससे पता चला कि वह स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित आतंकवादी था. वह 1983 से शिक्षक के तौर पर कार्यरत था. उसके कब्जे से एक विस्फोटक पदार्थ मिला था और उस पर 2002 में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. बाद में उसे अदालत ने बरी कर दिया था.

पुंछ निवासी और वन विभाग में रेंज अधिकारी के रूप में कार्यरत तारिक महमूद कोहली को पाकिस्तान से नकली भारतीय नोट, अवैध हथियारों व मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया. उस पर सक्रिय आतंकवादियों के संपर्क में रहने का आरोप है.

मध्य कश्मीर के बडगाम के रहने वाले एक अन्य पुलिस कांस्टेबल शौकत अहमद खान को भी बर्खास्त कर दिया गया है. उस पर विधान परिषद के एक सदस्य के घर से हथियार लूटने का आरोप है. वह विधान परिषद सदस्य के निजी सुरक्षा कर्मी के रूप में तैनात था.

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर सरकार के दो पुलिस कर्मियों सहित छह कर्मचारियों को आतंकवादियों के साथ कथित संबंधों को लेकर बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (सी) के तहत मामलों की सिफारिश करने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन की विशेष समिति ने इन बर्खास्तगी को मंजूरी दी. छह कर्मचारियों को आतंकवादियों से संपर्क रखने और उनके लिए काम करने को लेकर बर्खास्त कर दिया गया.

इन कर्मचारियों में अनंतनाग के बिजबेहरा निवासी अब्दुल हामिद वानी भी शामिल है जो शिक्षक के तौर पर कार्यरत था. अधिकारियों के अनुसार सरकारी सेवा में आने से पहले, वानी अब निष्क्रिय हो गए आतंकवादी संगठन, अल्लाह टाइगर्स का जिला कमांडर था.

आरोप है कि वानी ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के प्रभाव का फायदा उठाकर बिना किसी चयन प्रक्रिया के रोजगार हासिल कर लिया और वह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन के चेहरे बुरहान वानी की मौत के बाद 2016 में हुए आंदोलन के दौरान प्रमुख वक्ताओं और आयोजकों में एक था. यह भी आरोप है कि उसने अलगाववादी विचारधारा का प्रचार किया.

अधिकारियों ने कहा कि जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ के निवासी पुलिस कांस्टेबल जफर हुसैन बट को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (एनआईए) ने हथियारों के कारोबार के एक मामले में आरोपपत्र दायर किया था.

बट अभी जमानत पर है और आरोप है कि उसने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को अपनी कार दी थी और उनकी सुरक्षित आवाजाही में मदद की थी.

अधिकारियों के अनुसार किश्तवाड़ के रहने वाले और सड़क एवं भवन विभाग में कनिष्ठ सहायक मोहम्मद रफी बट को किश्तवाड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को साजो-सामान मुहैया कराने तथा आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद को लेकर बर्खास्त कर दिया गया है. उसका नाम भी एनआईए द्वारा दर्ज प्राथमिकी में है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और फिलहाल वह जमानत पर है.

यह भी पढ़ें- आतंकी कनेक्शन : सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटे समेत 11 कर्मचारी बर्खास्त

उन्होंने बताया कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला निवासी लियाकत अली काकरू को 2001 में गिरफ्तार किया गया था जिससे पता चला कि वह स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित आतंकवादी था. वह 1983 से शिक्षक के तौर पर कार्यरत था. उसके कब्जे से एक विस्फोटक पदार्थ मिला था और उस पर 2002 में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. बाद में उसे अदालत ने बरी कर दिया था.

पुंछ निवासी और वन विभाग में रेंज अधिकारी के रूप में कार्यरत तारिक महमूद कोहली को पाकिस्तान से नकली भारतीय नोट, अवैध हथियारों व मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया. उस पर सक्रिय आतंकवादियों के संपर्क में रहने का आरोप है.

मध्य कश्मीर के बडगाम के रहने वाले एक अन्य पुलिस कांस्टेबल शौकत अहमद खान को भी बर्खास्त कर दिया गया है. उस पर विधान परिषद के एक सदस्य के घर से हथियार लूटने का आरोप है. वह विधान परिषद सदस्य के निजी सुरक्षा कर्मी के रूप में तैनात था.

Last Updated : Sep 22, 2021, 10:35 PM IST
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