अलवर : हम बताने जा रहे हैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली एक लड़की की कहानी, जो पहले पति से धोखा मिलने के बाद हिम्मत नहीं हारी. तलाक होने के बाद जीवन में आगे बढ़ने का फैसला लिया. जिम में ट्रेनर के रूप में लोगों को जिंदगी से लड़ने का हौसलाआफजाई करने लगी. उसने शायद ऐसा कभी भी नहीं सोचा था कि जिंदगी में उसकी ऐसे शख्स से मुलाकात होगी, जिसके पीछे 4 राज्यों की पुलिस पड़ी हुई है.
समय का चक्र ऐसा चला कि वह जिंदगी में अब तक के सबसे मुश्किल दौर में जा पहुंची. उसकी उम्मीदें अधिक थी तो हौसले भी कम नहीं थे. शादीशुदा पहली जिंदगी में धोखा मिलने के बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी. अपने आपको फिर से खड़ा किया और मजबूती से समाज से लड़ने के लिए तैयार किया.
जिया की लव स्टोरी
जिया पंछी की तरह खुले आसमान में उड़ना चाहती थी. बिना रोक-टोक जीवन जीना चाहती थी. इसलिए परिवार से दूर अकेली कोल्हापुर में रहती थी. अपने पैरों पर खड़ा होकर समाज में मुकाम हासिल करना चाहती थी. 13 दिसंबर 2020 को कोल्हापुर की मार्शल आर्ट जिम में एक्सरसाइज करने के दौरान जिया की मुलाकात पपला गुर्जर से हुई. पपला गुर्जर ने जिया को अपना नाम मानसिंह उर्फ उदय बताया. जिया पपला गुर्जर की ट्रेनर थी और धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. जिम में एक्सरसाइज करने के साथ दोनों हमेशा के लिए एक-दूजे की होने की योजना भी बना चुके थे. जिया ने मानसिंह को अपने जीवन का हर सत्य बताया. अपनी स्कूल से लेकर परिवार की हर वो चीज साझा की जो एक लड़की किसी से अक्सर शेयर नहीं करती है.
प्रेमी ने जिया से बोला झूठ
इसी बीच दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खाई. कभी-कभी जिया को कुछ अजीब लगता क्योंकि मानसिंह ने अपने जीवन का सच छुपाया था. मानसिंह उर्फ पपला गुर्जर ने जिया को बताया था कि वो दिल्ली के छतरपुर का रहने वाला है. उसने पांचवी तक पढ़ाई की है. जिया पपला गुर्जर का उसी तरह से ध्यान रखती थी, जिस तरह से एक महिला अपने पति का पूरा ध्यान रखती है. वहीं पपला गुर्जर धार्मिक प्रवृत्ति का था. वो दिन भर पूजा-पाठ करता था. हनुमान जी व काली माता की आराधना करता था. जिया मांसाहारी थी लेकिन पपला शाकाहारी था. इसलिए दोनों के बर्तन अलग-अलग रहते थे.
28 जनवरी 2021 की काली रात
इसी बीच वह काली रात आई जब 28 जनवरी 2021 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से पपला के साथ पुलिस ने जिया को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उनके घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया था. उसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया. जिया को सब कुछ अजीब लग रहा था क्योंकि उनके साथ कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी. जिया को समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है. इसके बाद पहले 7 दिन वह पुलिस कस्टडी में रही और फिर 4 फरवरी को कोर्ट ने जेल भेज दिया. जिसके बाद करीब 2 माह 4 दिन वह जेल में रही.
पहली बार सुना पपला का नाम
13 दिसंबर 2020 को पपला से मिली और इस साल 28 जनवरी 2021 को पपला के साथ पकड़ी गई. जिया ने बताया कि जिस रात वो पपला के किराए के मकान में थी, उसी रात करीब 12 बजे पुलिस पहुंची. जिस कमरे में हम थे, बाहर से कुंडी लगाकर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. थोड़ी देर तक कुछ समझ नहीं आया. उसके बाद जिया को पहली बार पता चला कि पपला एक बड़ा अपराधी है. मैंने तब पहली बार उसका नाम पपला सुना था. मैं उसे मान के नाम से बुलाती थी. उस रात पपला छत से नहीं कूदा था. उसके पैर में कैसे चोट लगी ? यह बात मुझे नहीं पता. बीच में एयरपोर्ट पर पपला से मेरी मुलाकात हुई. उस दौरान वह लंगड़ा कर चल रहा था. मैंने उससे कहा कि तुम्हारे पैर में चोट कैसे लगी. इस पर उसने बताया कि पुलिस ने हथौड़े से वार किया है.
कैसे बीता जेल में समय
जिया ने आगे कहा कि पपला के साथ पकड़े जाने का मुझे बहुत दुख हुआ. उस समय कोई लेडी पुलिस भी नहीं थी. मुझे डर लग रहा था. लेकिन, जेल में आने के बाद मैंने खुद को संयमित किया. जेल में रहते हुए मैंने रामायण पढ़ी. जिस तरीके से रावण ने सीता की आंखों में धूल झोंकी, उनके साथ विश्वासघात किया, ठीक उसी तरह पपला ने मुझे ठगा. झूठ बोलकर अंधकार में रखा. रामायण के अलावा मैंने और भी किताबें पढ़कर समय गुजारा. अपनी फिटनेस पर भी थोड़ा बहुत ध्यान दिया. कुछ समय जेल में बंद अन्य महिलाओं से बातचीत करती, जिससे समय कट जाता था.
फूट-फूट कर रोने लगी जिया
जेल से बाहर आने के बाद जिया ने कहा कि मुझे पपला के परिजनों से सहानुभूति है. पपला ने मुझसे सब छुपाया. मैंने उसे अपने बारे में सब सच बताया था, लेकिन मुझे पता चला कि उसका पूरा परिवार परेशान है. जब उसके वकील मुझसे मिलने आए तो मैंने पपला के हाल के बारे में पूछा जरूर था. जेल से बाहर आने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जिया भावुक हो गई और फूट-फूट कर रोने लगी. इस बीच जिया ने कहा कि वो अभी बोलने की स्थिति में नहीं है. कुछ समय अपने परिवार के साथ बिताएंगी. परिवार की सलाह के बाद का आगे का फैसला लेगी.
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लॉकअप ब्रेक कांड और पपला गुर्जर
6 सितंबर 2019 को एके-47 से फायरिंग करते हुए कई बदमाश पपला गुर्जर को बहरोड़ थाने के लॉकअप से छुड़ाकर ले गए थे. इस मामले में दो हेड कांस्टेबल बर्खास्त हुए. जबकि एक पुलिस उपाधीक्षक, एक थानाधिकारी और एक कांस्टेबल को निलंबित हुए थे. इस मामले में बहरोड़ थाना इलाके के 69 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था और उनकी जगह अन्य पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.