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जितेंद्र नारायण बने भगवाधारी, सरयू में स्नान के बाद त्याग दिया सूट-बूट

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण त्यागी(Jitendra Narayan Tyagi) गुरुवार को अयोध्या पहुंचे. अयोध्या पहुंचकर उन्होंने सरयू नदी में स्नान करने के बाद आधुनिक वस्त्रों का त्याग कर दिया.

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शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण त्यागी
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Published : Jul 14, 2022, 6:16 PM IST

अयोध्या : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण त्यागी(पूर्व नाम वसीम रिजवी) गुरुवार को अयोध्या पहुंचे. अयोध्या पहुंचकर जितेंद्र नारायण त्यागी ने सरयू में स्नान करके अपने आधुनिक वस्त्रों का त्याग कर दिया. इसके बाद उन्होंने हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास द्वारा भेंट किए गए भगवा वस्त्रों को धारण किया.

जितेंद्र नारायण त्यागी ने हिंदू रीति-रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सरयू के तट पर भगवा वस्त्र धारण किए. सरयू नदी पर पूजा-अर्चना करने के बाद जितेंद्र त्यागी ने कहा कि उन्होंने मां सरयू में स्नान करके अपने आधुनिक वस्त्रों का त्याग कर दिया है. त्यागी ने कहा कि वह अपना जीवन धर्म-कर्म हिंदुओं की रक्षा और संस्कृति के लिए समर्पित कर दूंगा. भगवा वस्त्र धारण करने के बाद जितेंद्र त्यागी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मुलाकात की और आशीर्वाद लिया.

अयोध्या पहुंचकर जितेंद्र नारायण त्यागी ने सरयू में स्नान करके अपने आधुनिक वस्त्रों का त्याग कर दिया.

जितेंद्र नारायण त्यागी बोले- दुनियां भर के जिहादी मुझे मारना चाहते हैं
कुछ समय पहले मुस्लिम से हिंदू बने जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि दुनिया भर के जिहादी और आतंकी हमें मारना चाहते हैं. हमें मारने के लिए जिहादियों ने इनाम भी रखा है. उन्होंने कहा कि जिहादियों को चैलेंज है कि वह आकर मेरा सर काट लें. लेकिन मेरी एक कामना है कि मैं भगवा वस्त्रों में कटा हुआ सिर लेकर भगवान के दरबार में हाजिरी दूं.

इसे पढ़ें- गंगा दशहरा पर जितेंद्र त्यागी ने किया गंगा स्नान, 'सनातन धर्म की रक्षा करना ही मकसद'

उदयपुर की घटना को जितेंद्र नारायण त्यागी ने बताया अंतरराष्ट्रीय साजिश
राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र की घटनाओं पर जितेंद्र नारायण ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ इंटरनेशनल साजिश रची गई है. जो सीरीया में होता है, वह अब हिंदुस्तान में देखने को मिल रहा है. यह अंतरराष्ट्रीय साजिश है. काशी और मथुरा के मामले उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, मुसलमानों को चाहिए कि आपसी तालमेल से उस मामले को हल कर ले. उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर यह सिद्ध हो कि वह पहले मंदिर था. उस स्थान को हिंदू भाइयों को वापस दिया जाए.

इसे पढ़ें- Udaipur Beheading Case : दावते इस्लामी को लेकर राजस्थान में अलर्ट, मास्टरमाइंड की तलाश में SIT और अन्य सुरक्षा एजेंसियां

अयोध्या : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण त्यागी(पूर्व नाम वसीम रिजवी) गुरुवार को अयोध्या पहुंचे. अयोध्या पहुंचकर जितेंद्र नारायण त्यागी ने सरयू में स्नान करके अपने आधुनिक वस्त्रों का त्याग कर दिया. इसके बाद उन्होंने हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास द्वारा भेंट किए गए भगवा वस्त्रों को धारण किया.

जितेंद्र नारायण त्यागी ने हिंदू रीति-रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सरयू के तट पर भगवा वस्त्र धारण किए. सरयू नदी पर पूजा-अर्चना करने के बाद जितेंद्र त्यागी ने कहा कि उन्होंने मां सरयू में स्नान करके अपने आधुनिक वस्त्रों का त्याग कर दिया है. त्यागी ने कहा कि वह अपना जीवन धर्म-कर्म हिंदुओं की रक्षा और संस्कृति के लिए समर्पित कर दूंगा. भगवा वस्त्र धारण करने के बाद जितेंद्र त्यागी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मुलाकात की और आशीर्वाद लिया.

अयोध्या पहुंचकर जितेंद्र नारायण त्यागी ने सरयू में स्नान करके अपने आधुनिक वस्त्रों का त्याग कर दिया.

जितेंद्र नारायण त्यागी बोले- दुनियां भर के जिहादी मुझे मारना चाहते हैं
कुछ समय पहले मुस्लिम से हिंदू बने जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि दुनिया भर के जिहादी और आतंकी हमें मारना चाहते हैं. हमें मारने के लिए जिहादियों ने इनाम भी रखा है. उन्होंने कहा कि जिहादियों को चैलेंज है कि वह आकर मेरा सर काट लें. लेकिन मेरी एक कामना है कि मैं भगवा वस्त्रों में कटा हुआ सिर लेकर भगवान के दरबार में हाजिरी दूं.

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उदयपुर की घटना को जितेंद्र नारायण त्यागी ने बताया अंतरराष्ट्रीय साजिश
राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र की घटनाओं पर जितेंद्र नारायण ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ इंटरनेशनल साजिश रची गई है. जो सीरीया में होता है, वह अब हिंदुस्तान में देखने को मिल रहा है. यह अंतरराष्ट्रीय साजिश है. काशी और मथुरा के मामले उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, मुसलमानों को चाहिए कि आपसी तालमेल से उस मामले को हल कर ले. उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर यह सिद्ध हो कि वह पहले मंदिर था. उस स्थान को हिंदू भाइयों को वापस दिया जाए.

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