नयी दिल्ली : प्रेजीडेंट ऑफ भारत के नाम पर जी-20 रात्रिभोज का निमंत्रण भेजे जाने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि इंडिया को भारत कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि इंडिया को पूरी तरह से त्याग दे, जिसकी बड़ी ब्रांड वैल्यू है. कांग्रेस सांसद ने यह भी दावा किया कि यह पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना थे जिन्होंने इंडिया नाम पर आपत्ति जताई थी क्योंकि इसका तात्पर्य यह था कि हमारा देश ब्रिटिश राज का उत्तराधिकारी राष्ट्र था और पाकिस्तान एक अलग राष्ट्र था.
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जी-20 से संबंधित रात्रिभोज के निमंत्रण पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रेसीडेंट ऑफ भारत (भारत के राष्ट्रपति) के तौर पर संबोधित किए जाने को लेकर मंगलवार को बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार देश के दोनों नामों इंडिया और भारत में से इंडिया को बदलना चाहती है. थरूर ने एक्स पर पोस्ट किया, 'इंडिया को भारत कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, जो कि देश के दो आधिकारिक नामों में से एक है. मुझे उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि उस इंडिया नाम को पूरी तरह से खत्म कर दे, जिसकी सदियों से एक बड़ी ब्रांड वैल्यू बनी हुई है'.
थरूर ने कहा, इतिहास को फिर से जीवंत करने वाले नाम, दुनिया भर में पहचाने जाने वाले नाम पर अपना दावा छोड़ने के बजाय हमें दोनों शब्दों का इस्तेमाल जारी रखना चाहिए. इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने भी एक्स पर लिखा था 'तो ये खबर वाकई सच है कि जी-20 के रात्री भोज में प्रेजीडेंट ऑफ इंडिया के बजाए प्रेजीडेंट ऑफ भारत के नाम पर निमंत्रण भेजा है. अब संविधान का अनुच्छेद पढ़ा जा सकेगा कि भारट जो इंड़िया था राज्यों का संघ होगा. अब राज्यो के संघ पर भी हमला हो रहा है.
सूत्रों से ऐसी भी जानकारी आ रही है कि संसद के विशेष सत्र में इंडिया को भारत करने पर विचार किया जा सकता है.
(पीटीआई-भाषा)