ETV Bharat / bharat

जज के फैसले ने बदली न्याय की परिभाषा, चंद मिनटों में निपट गया वर्षों पुराना केस, जानें मामला

कोरबा में शनिवार को जन अदालत लगी थी. इस दौरान ऐसा वाक्या देखने को मिला कि हर कोई जज की दरियादिली की तारीफ कर रहा है. जन अदालत में एक दिव्यांग फरियादी भी पहुंचा था. जज को जब इसकी सूचना मिली तो जिला सत्र न्यायाधीश बीपी वर्मा खुद दिव्यांग फरियादी की कार के पास पहुंच गए और उसकी शिकायत पर सुनवाई की.

jan
jan
author img

By

Published : Sep 12, 2021, 2:53 PM IST

कोरबा : जिले में एक जज की दरियादिली का अनोखा मामला सामने आया है. जहां जिला सत्र न्यायाधीश खुद चलकर एक दिव्यांग फरियादी के पास पहुंचे. इतना ही नहीं बीच सड़क पर ही उन्होंने फैसला भी सुना दिया. फैसले में उन्होंने कंपनी को 20 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का आदेश दिया.

एक सड़क दुर्घटना में तीन साल पहले दिव्यांग हुए युवक ने बीमा कंपनी के खिलाफ अर्जी लगाई थी. लेकिन अर्जी के खिलाफ कोई भी सुनवाई नहीं हो रही थी. शनिवार को कोरबा के जिला सत्र न्यायाधीश बीपी वर्मा (District Sessions Judge BP Verma) को दिव्यांग युवक के संबंध में जानकारी मिली कि वह चलने से लाचार है तो वे खुद उसकी कार के पास पहुंच गए.

इसके अलावा युवक के केस से संबंधित दस्तावेज व मामले से जुड़े पक्ष को कार के पास ही बुलाया गया. सुनवाई के बाद फरियादी दिव्यांग युवक और बीमा कंपनी के बीच सुलह कराया गया. राजीनामा के बाद युवक को बीस लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का फैसला कोर्ट ने सुनाया.

यह भी पढ़ें-NC नेता त्रिलोचन सिंह हत्याकांड: संदिग्ध आरोपी हरमीत सिंह के फेसबुक पर कबूलनामा और कथित सुसाइड नोट अपलोड

तीन साल से लंबित था मामला

तीन साल से इस मामले की सुनवाई हो रही थी. शनिवार को जज की तरफ से फैसला सुनाए जाने के बाद दिव्यांग फरियादी द्वारिका प्रसाद ने खुशी जाहिर की और न्यायालय की इस पहल पर आभार जताया. फरियादी के मुताबिक 3 दिसंबर 2018 को सुबह लगभग पांच बजे द्वारिका प्रसाद कंवर चार कार से कोरबा जा रहे थे उसी दौरान हादसे में वे दिव्यांग हो गए.

कोरबा : जिले में एक जज की दरियादिली का अनोखा मामला सामने आया है. जहां जिला सत्र न्यायाधीश खुद चलकर एक दिव्यांग फरियादी के पास पहुंचे. इतना ही नहीं बीच सड़क पर ही उन्होंने फैसला भी सुना दिया. फैसले में उन्होंने कंपनी को 20 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का आदेश दिया.

एक सड़क दुर्घटना में तीन साल पहले दिव्यांग हुए युवक ने बीमा कंपनी के खिलाफ अर्जी लगाई थी. लेकिन अर्जी के खिलाफ कोई भी सुनवाई नहीं हो रही थी. शनिवार को कोरबा के जिला सत्र न्यायाधीश बीपी वर्मा (District Sessions Judge BP Verma) को दिव्यांग युवक के संबंध में जानकारी मिली कि वह चलने से लाचार है तो वे खुद उसकी कार के पास पहुंच गए.

इसके अलावा युवक के केस से संबंधित दस्तावेज व मामले से जुड़े पक्ष को कार के पास ही बुलाया गया. सुनवाई के बाद फरियादी दिव्यांग युवक और बीमा कंपनी के बीच सुलह कराया गया. राजीनामा के बाद युवक को बीस लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का फैसला कोर्ट ने सुनाया.

यह भी पढ़ें-NC नेता त्रिलोचन सिंह हत्याकांड: संदिग्ध आरोपी हरमीत सिंह के फेसबुक पर कबूलनामा और कथित सुसाइड नोट अपलोड

तीन साल से लंबित था मामला

तीन साल से इस मामले की सुनवाई हो रही थी. शनिवार को जज की तरफ से फैसला सुनाए जाने के बाद दिव्यांग फरियादी द्वारिका प्रसाद ने खुशी जाहिर की और न्यायालय की इस पहल पर आभार जताया. फरियादी के मुताबिक 3 दिसंबर 2018 को सुबह लगभग पांच बजे द्वारिका प्रसाद कंवर चार कार से कोरबा जा रहे थे उसी दौरान हादसे में वे दिव्यांग हो गए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.