श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन की कार्रवाई इस ओर इशारा करती है कि उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 370 से संबंधित याचिकाओं पर फैसला सुना रहा है, जो देश हित के खिलाफ हो सकता है.
मुफ्ती ने अनंतनाग में संवाददाताओं से कहा, 'शुक्रवार की रात से हम देख रहे हैं कि अलग-अलग पार्टियों खासकर पीडीपी के कार्यकर्ताओं के नाम वाली सूचियां पुलिस स्टेशनों के जरिए ली जा रही हैं और ऐसा लग रहा है कि कोई ऐसा फैसला आने वाला है जो इस देश और जम्मू कश्मीर के हित में नहीं है. केवल भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.'
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#WATCH | PDP chief Mehbooba Mufti says, "The Supreme Court has delayed the hearing of this issue. It took them five years. In the previous judgements, it was said by the Supreme Court that Article 370 cannot be removed without the constitutional assembly of J&K...I want to tell… pic.twitter.com/P3nCFfm6bZ
— ANI (@ANI) December 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित करना शीर्ष अदालत की जिम्मेदारी है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एजेंडे को आगे न बढ़ाए, बल्कि देश और उसके संविधान की अखंडता को बरकरार रखे.
मुफ्ती ने कहा कि अदालत के फैसले से यह स्पष्ट होना चाहिए कि भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने का निर्णय 'अवैध, असंवैधानिक' था, जो जम्मू-कश्मीर और यहां के लोगों से किए गए वादों के खिलाफ था.
उन्होंने कहा कि पहले तो सुप्रीम कोर्ट को मामलों की सुनवाई में काफी समय लग गया. इसमें पांच साल लग गए. फिर, सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में ही कहा है कि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा को छोड़कर कोई भी अनुच्छेद 370 को रद्द नहीं कर सकता है.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसलिए मुझे लगता है कि निर्णय सरल होना चाहिए कि 5 अगस्त, 2019 को जो कुछ भी किया गया वह अवैध, असंवैधानिक, जम्मू-कश्मीर और यहां के लोगों से किए गए वादों के खिलाफ था.'
उमर बोले-राजनेताओं को किया जा सकता है नजरबंद : वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने चिंता जताई कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले 'कश्मीर में मुख्यधारा के राजनेताओं को घर में नजरबंद किया जा सकता है.'
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#WATCH | On Article 370, National Conference vice-president Omar Abdullah says, "No one can say with surety that they know what will happen. I have no machinery that would tell me what the ice judges might be thinking or what they've written in the judgment. I can only hope &… pic.twitter.com/NR60qxIw4p
— ANI (@ANI) December 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में उमर ने कहा, 'उनके पास एक बहाना है, जो हमें (मुख्यधारा के नेताओं) को घर में नजरबंद करने के लिए चाहिए था. हम भी परिणाम से उतने ही अनजान हैं जितना वे हैं. अगर वे जानते हैं, तो जांच होनी चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'कौन अधिकार के साथ कहेगा कि क्या होना है? मेरे पास यह पता लगाने के लिए आवश्यक मशीनरी का अभाव है कि पांच माननीय न्यायाधीशों के दिल में क्या है या उन्होंने अपने फैसले में क्या लिखा है. हममें से कोई भी गारंटी नहीं दे सकता कि हम सफल होंगे. मैं बस आशा और प्रार्थना कर सकता हूं कि फैसला हमारे पक्ष में हो. हम फैसले का इंतजार कर रहे हैं.'
रैना बोले- जनता फैसले को स्वीकार करेगी : वहीं, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि वह और सभी भारतीय नागरिक सोमवार को अदालत के फैसले को स्वीकार करेंगे क्योंकि 'अदालतों में कोई राजनीति नहीं है.'
उन्होंने श्रीनगर में पत्रकारों से कहा, 'हम अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे. राजनीति का हमारी न्यायपालिका पर कोई अधिकार नहीं है. वह जगह राजनीतिक एजेंडे से रहित है. अदालत ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव को भी पेश होने के लिए कहा. समग्र रूप से देश ऐसा करेगा. फैसले को स्वीकार करें, चाहे जो भी हो.'
घाटी में सुरक्षा बढ़ाई गई : जैसा कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 मुद्दे पर अपना फैसला सुनाने की तैयारी कर रहा है, वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने घाटी में 'कानून और व्यवस्था' की स्थिति पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को श्रीनगर में बैठक बुलाई. जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि पहली बार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), जम्मू-कश्मीर, विजय कुमार के निर्देशन में कश्मीर संभाग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट पीसीआर कश्मीर में एक साथ मिले.
प्रवक्ता ने कहा कि डिवीजनल कमिश्नर (कश्मीर), आईजीपी (कश्मीर), डिप्टी डायरेक्टर इंटेलिजेंस ब्यूरो, कश्मीर के सभी रेंज के डीआइजी, डीआइजी-सीआईडी और एसएसपी, पीसीआर कश्मीर भी बैठक में शामिल हुए.
बैठक के दौरान, सभी अधिकारियों ने कुमार को मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति और फैसले के मद्देनजर सामने आने वाली ऐसी किसी भी घटना के बारे में जानकारी दी. बैठक में सभी जिला प्रमुखों को निर्देश दिया गया कि वे वह पूरी नजर रखें और किसी भी तरह की एहतियाती कार्रवाई करें. शांति भंग करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें.