श्रीनगर: रोशनी भूमि घोटाला मामले में श्रीनगर की सीबीआई अदालत ने कश्मीर के तत्कालीन मंडलायुक्त सहित छह लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एससी काटल ने आरोपियों में तत्कालीन मंडलायुक्त बशारत अहमद डार के अलावा श्रीनगर के पूर्व डिप्टी कमिश्नर महबूब इकबाल, एजाज इकबाल, राज नेता सज्जाद परवेज, मुश्ताक अहमद और अकरम खान शामिल हैं.
बता दें कि इस मामले में वर्ष 2015 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने मामला दर्ज किया था. हालांकि बाद में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था. इस संबंध में सोमवार को सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि कोर्ट इस मामले में पेश किए गए तथ्य और रिकॉर्ड से संतुष्ट है कि आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए.
आरोप पत्र में आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप शुरुआती चरण के प्रतीत होते हैं. आरोपियों ने सांठगांठ कर करोड़ों की कीमत वाली सरकारी जमीन सस्ते दामों में अयोग्य को सौंप दी. इस वजह से सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ.
इसी सिलसिले में साल 2021 में सीबीआई की टीमों ने उक्त अधिकारियों के घरों पर छापेमारी की थी. इस दौरान कई दस्तावेज बरामद किए गए थे. ऐसे ही एक दस्तावेज़ से पता चला कि श्रीनगर में एक प्रमुख स्थान पर स्थित लगभग 7 कनाल 7 मरला सरकारी भूमि का स्वामित्व मनमाने ढंग से एक अयोग्य आवेदक को सौंप दिया गया था. आरोप है कि तत्कालीन सिविल सेवक, जो मूल्य निर्धारण समिति (पीएफसी) के सदस्य थे, उनके द्वारा भूमि की श्रेणी भी मनमाने ढंग से बदल दी गई थी.
सीबीआई जांच में पता चला कि इन अधिकारियों की दिल्ली में संपत्तियां हैं. करोड़ों रुपये की जमीन के हस्तांतरण के लिए अच्छी खासी रकम ली गयी. यह सब तब हुआ जब उक्त आईएएस अधिकारी कश्मीर में ऊंचे पदों पर थे. रोशनी भूमि घोटाले में जम्मू से भी कई अन्य लोग शामिल हैं. उनके खिलाफ अभी भी सीबीआई जांच चल रही है.
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