श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Jammu Kashmir Lt. Governor Manoj Sinha) ने मंगलवार को श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक से 50 सीआरपीएफ महिला बाइक सवारों को हरी झंडी दिखाकर गुजरात के लिए रवाना किया. 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन पर ये बाइक चालक गुजरात के एकता नगर पहुंचने से पहले लगभग 2144 किमी की यात्रा करेंगे. इसी प्रकार 5 अक्टूबर को कन्याकुमारी और शिलांग से उनके अलावा 50 बाइकें गुजरात के लिए रवाना होंगी.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि यशस्विनी, सीआरपीएफ वीरांगनाओं का महिला बाइक अभियान नारी शक्ति की दृढ़ता और ताकत का प्रतीक है. सीआरपीएफ वीरांगनाओं द्वारा राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा की जाती है. उन्होंने बेजोड़ बहादुरी, दृढ़ता का प्रदर्शन किया करने के साथ ही विभिन्न कठिन परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखा है. उन्होंने कहा कि यह बाइक अभियान महिलाओं की ताकत के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास का भी प्रतीक है और अब वे बहादुरी, दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ विभिन्न विषयों में सफलतापूर्वक कई मील के पत्थर हासिल कर रही हैं. जम्मू-कश्मीर सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और महिलाओं के सभी अधिकारों को कायम रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
उन्होंने कहा कि एक संपन्न समाज की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए, हमारी बेटियां शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और व्यवसाय में सफल हो रही हैं. जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा में नारी शक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. विकासशील भारत के लिए यह भी महत्वपूर्ण है. भविष्य की मानवीय गरिमा और सामाजिक समानता को नारी शक्ति द्वारा बरकरार रखा जाएगा. इस बीच, कार्यक्रम के दौरान सीआरपीएफ की महिलाओं ने कॉम्बैट और बैग पाइपर बैंड का प्रदर्शन किया.
वहीं श्रीनगर सेक्टर के सीआरपीएफ महानिरीक्षक अजय कुमार यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत नारी शक्ति वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जनता को इसके बारे में जागरूक किया जाएगा. इसी के तहत महिलाओं के कल्याण के लिए केंद्र द्वारा घोषित पहल है. उन्होंने कहा कि यह एक नए कश्मीर की शुरुआत है और यहां आने वाला समय अच्छा होगा. लाल चौक एक ऐतिहासिक जगह है. लाल चौक से कश्मीर की कई अच्छी और बुरी यादें जुड़ी हुई हैं. अच्छे समय में अच्छी बातें और शुरुआत के लिए हमें लाल चौक सबसे अच्छी जगह लगी.
बाइक रैली का विवरण साझा करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीनगर से 25 बाइक पर 50 महिलाओं ने आज 2144 किमी की अपनी यात्रा शुरू की है. इसके अलावा शिलांग और कन्याकुमारी से 25 बाइक पर 50 महिलाएं 5 अक्टूबर को अपनी यात्रा शुरू करेंगी. उन्होंने बताया कि 75 बाइक, 150 महिलाओं और 10,000 किमी की यात्रा (15 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों से गुजरते हुए) 31 अक्टूबर को एकता नगर (गुजरात) में समाप्त होगी. महिला कर्मियों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज आपने हमारी घाटी की क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन टीम) ने प्रेजेंटेशन दिया. महिला कर्मियों ने इसमें अपनी क्षमता और वीरता का प्रदर्शन किया. वे ऑपरेशन के दौरान भी ऐसा करती हैं. कासो (CASO) के अलावाअन्य ऑपरेशनों में भी महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. महिला सशक्तिकरण का इससे बेहतर उदाहरण नहीं दिया जा सकता. इस दौरान बाइक सवार भी काफी खुश और संतुष्ट दिखाई पड़ीं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए उनमें से एक ने कहा कि हमारा उद्देश्य नारी शक्ति का संदेश देना है. हम दिखाना चाहते हैं कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं. यहां तैनाती के दौरान स्थानीय महिलाओं ने नियमित सुरक्षा के दौरान पूरा सहयोग दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बाइक टीम को सीआरपीएफ की डेयर डेविल्स टीम ने तैयार किया है. टीम में कई वरिष्ठ महिला कर्मी भी हैं. हमने बहुत मेहनत की है और हमें उम्मीद है कि यात्रा भी अच्छी होगी.
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