नई दिल्ली: भारत की विदेश नीति में हो रहे लगातार विकास की विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सराहना की. राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि देश के बढ़ते वैश्विक हितों, विस्तार के पदचिह्न और अधिक गहन साझेदारी के बीच भारत की कूटनीति जारी रही है. संसद में 'भारत की विदेश नीति में नवीनतम विकास' पर अपनी टिप्पणी करते हुए जयशंकर ने कहा कि पिछले मानसून सत्र के बाद से भारत की कूटनीति में तेजी आई है.
राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि भारतीय विदेश नीति भारतीय लोगों की सेवा के लिए है. हम उस जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए जो भी करना होगा करेंगे. विदेश नीति आज केवल एक मंत्रालय या यहां तक कि केवल सरकार की कवायद नहीं रह गई है. इसका सभी भारतीयों के दैनिक जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है. हमारा प्रयास है कि भारतीय लोगों का कल्याण सुनिश्चित हो, चाहे कितनी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति क्यों न हो.
रूस से तेल खरीदने को लेकर दुनिया में भारत पर उठे सवालों के बारे में जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हम अपनी कंपनियों से रूसी तेल खरीदने के लिए नहीं कहते हैं. हम उनसे वह खरीदने के लिए कहते हैं जो उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प है. यह बाजार पर निर्भर करता है इसके अलावा समझदारी भरी नीति यह है कि जहां सबसे अच्छा और सस्ता सौदा मिले वहां से खरीदा जाए. यह भारतीय लोगों के हित में भी है.
इस्त्राइल और फिलिस्तीन विवाद पर भारत का रुख साफ: इस दौरान उन्होंने इस्त्राइल और फिलिस्तीन विवाद पर भारत के रुख को लेकर कहा कि यह साफ है कि हम दो-राज्य समाधान का समर्थन करते हैं, जिसमें दोनों राज्य शांतिपूर्वक साथ-साथ रह रहे हैं. फिलिस्तीनी शरणार्थी कल्याण एजेंसी के लिए हमारा वित्तीय समर्थन बढ़ गया है. इसी तरह हमने आर्थिक संकटों का सामना कर रहे श्रीलंका को समर्थन दिया है जिसमें तमिल समुदाय, सिंहली समुदाय और अन्य सभी समुदायों के लोग भी शामिल हैं. गंभीर आर्थिक स्थिति में पड़ोसी को समर्थन देने में हमने सांप्रदायिक रुख नहीं अपनाया है.
जी20 दुनिया को दिखाएगा भारत: राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत द्वारा जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भारत में जी20 की बैठकें शुरू हो चुकी हैं. हमारा प्रयास इनमें से 200 बैठकों को भारत में ही अलग-अलग स्थानों पर आयोजित करने का है. हमारा जोर इसके जरिए भारत के विकास की कहानी साझा करने पर होगा. हमारा प्रयास भारत जी20 की अध्यक्षता के तहत आम सहमति बनाने और एजेंडा को आकार देने का है. जी20 दुनिया को भारत दिखाएगा.
राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के दिवंगत पीएम शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार समारोह में भी भाग लिया. वे भारत के एक विशेष मित्र थे. इसके अलावा पीएम मोदी ने समरकंद में जो बयान दिया उससे विश्व में हमारा कद और बढ़ा है. उन्होंने वहां वैश्विक भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है. उनका यह बयान यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में था जहां बातचीत और कूटनीति की हमारी वकालत लगातार रही है और इसकी एक बड़ी प्रतिध्वनि भी हुई है.
काशी को एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी नामित करने पर जताई खुशी: इस दौरान उन्होंने कहा कि सदन को सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि काशी को 2022-23 के लिए पहली एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के रूप में नामित किया गया है। यह हमारी सदियों पुरानी ज्ञान विरासत और हमारी सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक देशों के समक्ष प्रदर्शित करने की सुविधा प्रदान करेगा. इसके अलावा, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कतर का फीफा विश्व कप 2022 के उद्घाटन समारोह में शामिल होना, कतर के साथ भारत के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को दर्शाता है. जहां 8.5 लाख भारतीय नागरिक रहते है.
साथ ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कंबोडिया में आसियान शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया. इसके जरिए भारत-आसियान संबंध एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक आगे बढ़े हैं. वहीं, ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति मुर्मू भी शामिल हुईं. राष्ट्रपति के रूप में उनकी पहली विदेश यात्रा यूनाइटेड किंगडम थी. 17वें प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी पर उन्होंने कहा कि दो साल के अंतराल के बाद भारत 8-10 जनवरी 2023 से इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी करेगा. इस सम्मेलन में गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली मुख्य अतिथि होंगे. साथ ही इस साल हमने गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है. उन्होंने हमारा निमंत्रण स्वीकार भी कर लिया है.