कोलकाता (पश्चिम बंगाल): जगधात्री पूजा को लेकर तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पार्षद के बीच ठन गई. कोलकाता नगर निगम के वार्ड नंबर 68 के पार्षद सुदर्शन मुखोपाध्याय और पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल के मौजूदा विधायक बाबुल सुप्रियो के बीच तकरार अपने चरम पर पहुंच गई है. प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वर्गीय सुब्रत मुखोपाध्याय के हाथों वार्ड संख्या 68 के फर्न रोड में लंबे समय से जगधात्री पूजा का आयोजन होता आ रहा है. लेकिन सुब्रतबाबू की मृत्यु के बाद पूजा समिति में बदलाव हुआ और वहीं से संघर्ष शुरू हुआ.
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दो पूजा समितियों का गठन किया गया. स्थानीय तृणमूल पार्षद सुदर्शन मुखोपाध्याय ने पूजा की अध्यक्षता की. दूसरी पूजा के अध्यक्ष तृणमूल विधायक बाबुल सुप्रियो हैं. इसलिए इस बार जगधात्री पूजा के लिए दो समितियों ने अलग-अलग पूजा का आयोजन हुआ. दोनों के बीच विवाद है कि सुब्रत मुखर्जी का असली का उत्तराधिकारी कौन है. बाबुल गुट के पूजा समिति के सचिव अरुण कुमार मंडल ने कहा कि तीन साल पहले फर्न रोड पर जगधात्री पूजा सुब्रत मुखर्जी के हाथ से शुरू हुई थी. लेकिन सुब्रतबाबू की मौत के बाद स्थिति बदली.
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उन्होंने कहा कि पार्षद के पास लोगों का समर्थन नहीं है. उनसे मांग की गई थी कि उस स्थान पर पूजा करने की अनुमति दें जहां पूजा होती आई है. इसलिए पूजा का आयोजन बगल की गली में एक गाड़ी में हो रहा है. साथ ही, यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में बाबुल फर्न रोड पर जगधात्री पूजा करना चाहते हैं. यह फैसला विधायक बाबुल सुप्रिया के निर्देश पर लिया गया है. क्योंकि, बाबुल सुप्रियो नहीं चाहते कि एक ही पार्टी में रहते हुए कोई तनाव की स्थिति पैदा हो.
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आरोपों से इनकार करते हुए पार्षद सुदर्शन मुखोपाध्याय गुट के सदस्य विजय रॉय ने कहा कि कई लोग जबरन इलाके में आए और जगाधत्री पूजा का आयोजन किया. परिवर्तन के बाद समिति, स्थानीय लोगों ने पार्षद को अध्यक्ष बनाया, बाबुल सुप्रियो को नहीं. क्योंकि अभी तक विधायक बाबुल सुप्रियो से हमारी बात नहीं हुई है. वह आयेंगे तो आपस में चर्चा करने के बाद, भविष्य में यदि आवश्यक हो तो उन्हें अध्यक्ष बनाया जाएगा. हालांकि उन्होंने कहा कि यहां दोनों गुटों के बीच कोई संघर्ष नहीं है.
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