ETV Bharat / bharat

ISRO Espionage : केरल की अदालत ने पूर्व डीजीपी की अग्रिम जमानत पर 60 दिन की सीमा हटाई - anticipatory bail of former DGP

इसरो जासूसी मामले में पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिबी मैथ्यूज को दी गई अग्रिम जमानत पर निचली अदालत द्वारा निर्धारित 60 दिन की समय सीमा रद्द कर दिया गया है. यह फैसला केरल हाई केर्ट ने लिया है.

khc
khc
author img

By

Published : Nov 16, 2021, 3:27 PM IST

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिबी मैथ्यूज को दी गई अग्रिम जमानत पर निचली अदालत द्वारा निर्धारित 60 दिन की समय सीमा रद्द कर दी. मैथ्यूज, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को 1994 के एक जासूसी मामले में कथित तौर पर झूठे तरीके से फंसाने के लिए सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं.

न्यायमूर्ति के हरिपाल ने निचली अदालत द्वारा अग्रिम जमानत पर लगाई गई 60 दिन की सीमा को चुनौती देने वाली याचिका को मंजूर कर लिया. निचली अदालत ने 24 अगस्त को मैथ्यूज को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था.

अदालत के विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है.

वरिष्ठ अधिवक्ता पी विजय भानू और अधिवक्ताओं अजीश के शशि और पी एम रफीक ने पूर्व डीजीपी का पक्ष रखते हुए दलील दी कि निचली अदालत ने राहत देते हुए वैधता अवधि तय कर चूक की है.

पढ़ें :- केरल HC ने इसरो साजिश मामले में चार पूर्व अधिकारियों को अग्रिम जमानत दी

जासूसी मामले में नारायणन और कुछ अन्य को कथित रूप से झूठा फंसाने के लिए मैथ्यूज, केरल पुलिस और आसूचना ब्यूरो (आईबी) के 17 अन्य पूर्व अधिकारियों के साथ सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं.

मामले के चार आरोपियों को उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को अग्रिम जमानत दे दी थी और इस आदेश को सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिबी मैथ्यूज को दी गई अग्रिम जमानत पर निचली अदालत द्वारा निर्धारित 60 दिन की समय सीमा रद्द कर दी. मैथ्यूज, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को 1994 के एक जासूसी मामले में कथित तौर पर झूठे तरीके से फंसाने के लिए सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं.

न्यायमूर्ति के हरिपाल ने निचली अदालत द्वारा अग्रिम जमानत पर लगाई गई 60 दिन की सीमा को चुनौती देने वाली याचिका को मंजूर कर लिया. निचली अदालत ने 24 अगस्त को मैथ्यूज को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था.

अदालत के विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है.

वरिष्ठ अधिवक्ता पी विजय भानू और अधिवक्ताओं अजीश के शशि और पी एम रफीक ने पूर्व डीजीपी का पक्ष रखते हुए दलील दी कि निचली अदालत ने राहत देते हुए वैधता अवधि तय कर चूक की है.

पढ़ें :- केरल HC ने इसरो साजिश मामले में चार पूर्व अधिकारियों को अग्रिम जमानत दी

जासूसी मामले में नारायणन और कुछ अन्य को कथित रूप से झूठा फंसाने के लिए मैथ्यूज, केरल पुलिस और आसूचना ब्यूरो (आईबी) के 17 अन्य पूर्व अधिकारियों के साथ सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं.

मामले के चार आरोपियों को उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को अग्रिम जमानत दे दी थी और इस आदेश को सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.