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अब्बास की रैली के बाद आईएसएफ नेता के घर लगाई गई आग, दो गिरफ्तार - बंगाल में चुनाव

बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा के मामले थम नहीं रहे हैं. पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में आईएसएफ के एक नेता के घर पर आग लगा दी गई. मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

घर लगाई गई आग
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Published : Mar 22, 2021, 8:11 PM IST

बरूईपुर (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में आईएसएफ के एक नेता के घर पर आग लगा दी गई. पुलिस ने सोमवार को बताया कि भांगोर पुलिस थाना क्षेत्र के शापा में यह घटना हुई, लेकिन इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ.

आईएसएफ ने आरोप लगाया कि अजित मोल्ला के घर पर कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस के 'गुंडों' ने आग लगा दी, क्योंकि उन्होंने रविवार को इलाके में आयोजित फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की रैली में भाग लिया था.

तृणमूल ने इन आरोपों को खारिज किया है. पुलिस ने बताया कि उसने इस घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस बीच, पुलिस ने बताया कि जिले के बरूईपुर पुलिस थाना क्षेत्र में चल्ताबेरिया से 20 देसी बम मिले.

उन्होंने बताया कि एक अन्य घटना में घुटियारी शरीफ पुलिस थाना क्षेत्र से एक बंदूक मिलने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. नंदीग्राम सीट पर एक अप्रैल को मतदान होने वाला है.

इस सीट पर आठ उम्मीदवार मैदान में हैं. ममता और अधिकारी के अलावा, हुसैन, माकपा उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी, एसयूसीआई (सी) के मनोज कुमार दास और तीन अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं.

सुब्रत बोस (62) इस बात को लेकर नाराज हैं कि इन दिनों उन्हें काई सारे कॉल आ रहे हैं और इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के फैसले के पीछे की वजह उनसे पूछी जा रही है.

कोलकाता निवासी बोस ने कहा, 'मैं देश का नागरिक हूं और चुनाव लड़ने का मुझे पूरा हक है. मैं किसी के भी प्रति जवाबदेह नहीं हूं.'

बोस के विचारों से सहमति जताते हुए 33 वर्षीय स्वप्न पारूली ने भी कहा , 'मैं देश की सेवा करना चाहता हूं. इसलिए चुनाव लड़ने का फैसला किया.'

2006 के बाद पहली बार निर्दलीय मैदान में

बंगाल में 2006 के विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका है जब इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं.

तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर अधिकारी ने 2016 में 67 प्रतिशत से अधिक मतों के साथ इस सीट पर जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाकपा उम्मीदवार को 81,230 मतों के अंतर से हराया था. इससे पहले, 2011 में यह सीट तृणमूल कांग्रेस की झोली में गई थी.

अधिकारी के चुनाव एजेंट एवं भाजपा नेता मेघनाथ पॉल ने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी मतों को काटने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा किये हैं.

पढ़ें- पांच साल में और अमीर हो गए पश्चिम बंगाल के विधायक, बेहिसाब बढ़ी संपत्ति

वहीं,ममता के चुनाव एजेंट शेख सुफियां ने कहा, 'हम इस तरह के सस्ते हथकंडे नहीं करते. मुझे लगता है कि भाजपा ने ही वोट काटने के लिए इतनी अधिक संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा किये हैं.'

राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए आठ चरणों में चुनाव होने वाले हैं.

बरूईपुर (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में आईएसएफ के एक नेता के घर पर आग लगा दी गई. पुलिस ने सोमवार को बताया कि भांगोर पुलिस थाना क्षेत्र के शापा में यह घटना हुई, लेकिन इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ.

आईएसएफ ने आरोप लगाया कि अजित मोल्ला के घर पर कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस के 'गुंडों' ने आग लगा दी, क्योंकि उन्होंने रविवार को इलाके में आयोजित फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की रैली में भाग लिया था.

तृणमूल ने इन आरोपों को खारिज किया है. पुलिस ने बताया कि उसने इस घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस बीच, पुलिस ने बताया कि जिले के बरूईपुर पुलिस थाना क्षेत्र में चल्ताबेरिया से 20 देसी बम मिले.

उन्होंने बताया कि एक अन्य घटना में घुटियारी शरीफ पुलिस थाना क्षेत्र से एक बंदूक मिलने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. नंदीग्राम सीट पर एक अप्रैल को मतदान होने वाला है.

इस सीट पर आठ उम्मीदवार मैदान में हैं. ममता और अधिकारी के अलावा, हुसैन, माकपा उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी, एसयूसीआई (सी) के मनोज कुमार दास और तीन अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं.

सुब्रत बोस (62) इस बात को लेकर नाराज हैं कि इन दिनों उन्हें काई सारे कॉल आ रहे हैं और इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के फैसले के पीछे की वजह उनसे पूछी जा रही है.

कोलकाता निवासी बोस ने कहा, 'मैं देश का नागरिक हूं और चुनाव लड़ने का मुझे पूरा हक है. मैं किसी के भी प्रति जवाबदेह नहीं हूं.'

बोस के विचारों से सहमति जताते हुए 33 वर्षीय स्वप्न पारूली ने भी कहा , 'मैं देश की सेवा करना चाहता हूं. इसलिए चुनाव लड़ने का फैसला किया.'

2006 के बाद पहली बार निर्दलीय मैदान में

बंगाल में 2006 के विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका है जब इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं.

तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर अधिकारी ने 2016 में 67 प्रतिशत से अधिक मतों के साथ इस सीट पर जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाकपा उम्मीदवार को 81,230 मतों के अंतर से हराया था. इससे पहले, 2011 में यह सीट तृणमूल कांग्रेस की झोली में गई थी.

अधिकारी के चुनाव एजेंट एवं भाजपा नेता मेघनाथ पॉल ने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी मतों को काटने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा किये हैं.

पढ़ें- पांच साल में और अमीर हो गए पश्चिम बंगाल के विधायक, बेहिसाब बढ़ी संपत्ति

वहीं,ममता के चुनाव एजेंट शेख सुफियां ने कहा, 'हम इस तरह के सस्ते हथकंडे नहीं करते. मुझे लगता है कि भाजपा ने ही वोट काटने के लिए इतनी अधिक संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा किये हैं.'

राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए आठ चरणों में चुनाव होने वाले हैं.

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