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अहमद पटेल के बाद कांग्रेस की संकटमोचक बनीं प्रियंका गांधी? - Priyanka Gandhi

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पिछले कुछ महीनों में पार्टी को कई मौकों पर बचाने में निर्णायक भूमिका निभाई है. चाहे वो राजस्थान कांग्रेस का विवाद हो, पंजाब कांग्रेस संकट. प्रियंका गांधी ने यह साबित किया है कि अहमद पटेल के बाद वह कांग्रेस में संकटमोचक की जगह बना रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
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Published : Aug 28, 2021, 4:56 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ से राहुल गांधी के आवास 12 तुगलक रोड गई थीं. तीन घंटे की बैठक के बाद, छत्तीसगढ़ में यथास्थिति बनी हुई थी और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पर कोई बात नहीं हो रही है. प्रियंका को 10 जनपथ से बाहर निकलते हुए और राहुल गांधी के आवास में जाने और वहां से आने के दौरान देखा गया.

शायद किसी मध्यमार्ग का रास्ता तैयार किया गया है, लेकिन किसी भी फॉर्मूले की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई. छत्तीसगढ़ के सीएम ने भी रोटेशनल मुख्यमंत्री पद पर कोई जवाब नहीं दिया. राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप और भूपेश बघेल की उत्तर प्रदेश में भागीदारी ने उनकी गद्दी बचा ली.

बघेल के यूपी की कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी के साथ अच्छे संबंध हैं क्योंकि भूपेश बघेल की टीम द्वारा राज्य के लगभग 50 लोगों के कैडर को प्रशिक्षित करने के लिए यूपी में रखा जा रहा है और हाल ही में रायपुर में यूपी के लगभग 100 कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया था.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने यूपी में सभी संसाधनों को लगाया है, इससे पहले वह असम के प्रचार प्रभारी थे.

यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका गांधी ने महत्वपूर्ण निर्णय लेने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है, उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

इससे पहले जब सचिन पायलट ने जुलाई 2020 में विद्रोह का नेतृत्व किया तो यह प्रियंका गांधी थीं, जिन्होंने पिछले साल राजस्थान में पायलट को शांत किया और सरकार को बचाया. हालांकि, वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह को रोकने में असमर्थ थीं, जिसके कारण मध्य प्रदेश में सरकार गिर गई. जबकि उनके साथ काम करने वाले जितिन प्रसाद भी चले गए और भाजपा में शामिल हो गए.

सिंधिया जहां केंद्रीय मंत्री हैं, वहीं जितिन प्रसाद को जल्द ही इनाम मिलने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें- यूपी विधानसभा चुनाव 2022: प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस लड़ेगी चुनाव

शुक्रवार को भूपेश बघेल ने राहुल गांधी के साथ तीन घंटे की बैठक की, जिसके बाद बघेल ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी को राज्य का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें हर चीज से अवगत कराया है और राजनीतिक व प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की है. राहुल गांधी से छत्तीसगढ़ आने का अनुरोध किया है.

बैठक के बाद बघेल अपने समर्थन में डेरा डाले हुए विधायकों से मिलने पार्टी मुख्यालय अकबर रोड गए थे.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ से राहुल गांधी के आवास 12 तुगलक रोड गई थीं. तीन घंटे की बैठक के बाद, छत्तीसगढ़ में यथास्थिति बनी हुई थी और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पर कोई बात नहीं हो रही है. प्रियंका को 10 जनपथ से बाहर निकलते हुए और राहुल गांधी के आवास में जाने और वहां से आने के दौरान देखा गया.

शायद किसी मध्यमार्ग का रास्ता तैयार किया गया है, लेकिन किसी भी फॉर्मूले की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई. छत्तीसगढ़ के सीएम ने भी रोटेशनल मुख्यमंत्री पद पर कोई जवाब नहीं दिया. राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप और भूपेश बघेल की उत्तर प्रदेश में भागीदारी ने उनकी गद्दी बचा ली.

बघेल के यूपी की कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी के साथ अच्छे संबंध हैं क्योंकि भूपेश बघेल की टीम द्वारा राज्य के लगभग 50 लोगों के कैडर को प्रशिक्षित करने के लिए यूपी में रखा जा रहा है और हाल ही में रायपुर में यूपी के लगभग 100 कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया था.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने यूपी में सभी संसाधनों को लगाया है, इससे पहले वह असम के प्रचार प्रभारी थे.

यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका गांधी ने महत्वपूर्ण निर्णय लेने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है, उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

इससे पहले जब सचिन पायलट ने जुलाई 2020 में विद्रोह का नेतृत्व किया तो यह प्रियंका गांधी थीं, जिन्होंने पिछले साल राजस्थान में पायलट को शांत किया और सरकार को बचाया. हालांकि, वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह को रोकने में असमर्थ थीं, जिसके कारण मध्य प्रदेश में सरकार गिर गई. जबकि उनके साथ काम करने वाले जितिन प्रसाद भी चले गए और भाजपा में शामिल हो गए.

सिंधिया जहां केंद्रीय मंत्री हैं, वहीं जितिन प्रसाद को जल्द ही इनाम मिलने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें- यूपी विधानसभा चुनाव 2022: प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस लड़ेगी चुनाव

शुक्रवार को भूपेश बघेल ने राहुल गांधी के साथ तीन घंटे की बैठक की, जिसके बाद बघेल ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी को राज्य का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें हर चीज से अवगत कराया है और राजनीतिक व प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की है. राहुल गांधी से छत्तीसगढ़ आने का अनुरोध किया है.

बैठक के बाद बघेल अपने समर्थन में डेरा डाले हुए विधायकों से मिलने पार्टी मुख्यालय अकबर रोड गए थे.

(आईएएनएस)

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