हैदराबाद : वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वी सी सज्जनार एक पशुचिकित्सक के साथ दुष्कर्म एवं उसकी हत्या के चार आरोपियों की यहां छह दिसंबर, 2019 को कथित मुठभेड़ में हुई मौत की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच आयोग के सामने सोमवार को पेश हुए.
अब तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के प्रबंध निदेशक और मुठभेड़ के दौरान साइबराबाद के पुलिस आयुक्त रहे सज्जनार से पहली बार आयोग द्वारा पूछताछ की गई है जिसके अगुवा उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी एस सरपुरकार हैं. आयोग ने सज्जनार के बयान दर्ज किए.
सज्जनार मंगलवार को भी आयोग के सामने पेश हुए. उन्होंने आयोग को बताया कि शमशाबाद के डीसीपी प्रकाश रेड्डी ने उन्हें 6 दिसंबर, 2019 को सुबह की मुठभेड़ के बारे में बताया था. सज्जनार ने आयोग को बताया कि वह इस मामले के बारे में जानने के बाद, जिस इलाके में मुठभेड़ हुई थी, खुद चटनपल्ली गए थे.
सज्जनार ने बताया कि पोस्टमॉर्टम साइबराबाद कमिश्नरेट एडवोकेट निर्देश द्वारा कार्यपालक दंडाधिकारी की उपस्थिति में किया गया.
जानकारी के मुताबिक आयोग ने मुठभेड़ स्थल पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उठाए गए कई मुद्दों पर भी सज्जनार से स्पष्टीकरण मांगा. सज्जनार ने समझाया कि उन्होंने उस समय कुछ गलत उच्चारण किए थे, क्योंकि तेलुगु उनकी मातृभाषा नहीं थी.
गौरतलब है कि दिशा रेप और मर्डर केस में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ की गई थी. यह शमशाबाद के डीसीपी प्रकाश रेड्डी के सुपरविजन में किया गया था. सज्जनार ने आयोग को बताया, प्रकाश रेड्डी ने प्रतिदिन आयोजित होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले की जानकारी देते रहे.
रिकार्ड संग्रह का काम पूरा कर चुका आयोग गवाहों से पूछताछ कर रहा है और उसी अनुसार कुछ पुलिस अधिकारी, आरोपियों के परिवार, सरकारी अधिकारी, एवं अन्य यहां तेलंगाना उच्च न्यायालय के परिसर में आयोग के कार्यालय में पेश हुए हैं. जांच आयोग की कार्यवाही फिलहाल ऑनलाइन एवं आमने-सामने भी हो रही है.
ये है मामला
तीन अगस्त, 2021 को उच्चतम न्यायालय ने इस आयोग को पशुचिकित्सिक के साथ गैंगरेप एवं हत्या के मामले में आरोपियों की मुठभेड़ में हुई मौत पर अपनी अंतिम (जांच) रिपोर्ट पेश करने के लिए और छह महीने का वक्त दिया था. इस मुठभेड़ से जुड़ी घटनाओं की जांच के लिए 12 दिसंबर, 2019 को सरपुरकार आयोग गठित किया गया था और उसे अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए छह महीने का वक्त दिया गया था.
साइबराबाद पुलिस के अनुसार आरोपियों ने 27 नवंबर, 2019 की रात को कथित रूप से पशुचिकित्सक को अगवा कर लिया था और उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसे मार डाला था. उसके बाद आरोपियों ने हैदराबाद के समीप चट्टनपल्ली में शव ले जाकर उसे एक पुलिया के नीचे जला दिया था. इस मामले में 29 नवंबर को चार आरोपी गिरफ्तार किए गए थे.
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ये चारों चट्टनपल्ली में छह दिसंबर, 2019 को पुलिस मुठभेड़ में मारे गये थे. तब पुलिस उन्हें वहां ले गयी थी जहां 28 नवंबर को 25 वर्षीय पशुचिकित्सक की जली हुई लाश मिली थी. पुलिस इस मामले में पशुचिकित्सक के फोन, कलाई घड़ी एवं अन्य चीजें लाने के लिए चारों आरोपियों को वहां ले गयी थी.
साइबराबाद पुलिस ने कहा था कि जब दो आरोपियों ने पुलिसकर्मियों की बंदूक छीनकर उनपर गोलियां चलाना शुरू कर दिया तब पुलिसकर्मियों को जवाबी कार्रवाई करना पड़ा.
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